पुनरावृत्ति/क्षितिज-9

 


पुनरावृत्ति

प्रश्न 1: 'दो बैलों की कथा' के आधार पर बैलों के स्वभाव की विशेषताएँ बताइए: 

उत्तर: 'दो बैलों की कथा' के आधार पर बैलों के स्वभाव की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

(i) बैल सामान्यतः सीधे, सरल और सहनशील प्रकृति के होते हैं।

(ii) अत्याचार होने पर अथवा किसी बात से असंतुष्ट होने पर वे पलट कर वार भी करते हैं।

(iii) कभी-कभी सहनशीलता त्यागकर वे अड़ियल रुख भी अपनाते हैं। 

प्रश्न 2: फ्रीडा अपने पति के बारे में कुछ भी लिख पाने में असमर्थ क्यों महसूस कर रही थी?

उत्तर: फ्रीडा को ऐसा लगता था कि उनके पति के बारे में उनसे ज्यादा उनकी छत पर बैठने वाली गौरैया जानती है, क्योंकि उनके पति डी. एच. लॉरेंस का प्रकृति से बहुत गहरा लगाव था और सघन संबंध भी। फ्रीडा को लगता था कि उनके पति लॉरेंस का जितना समय प्रकृति एवं पक्षियों के बीच बीता है, उनके साथ नहीं।

प्रश्न 3: उपभोक्तावादी संस्कृति ने पुरुषों को भी प्रभावित किया है। कैसे?

उत्तर: उपभोक्तावादी संस्कृति के प्रभाव में आकर पुरुष भी सौंदर्य प्रसाधन के इस्तेमाल में महिलाओं से बहुत पीछे नहीं हैं। वे भी सौंदर्य एवं प्रसाधन सामग्रियों पर ज्यादा से ज्यादा खर्च करने लगे हैं। बाजार पुरुषों से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रसाधन सामग्रियों से भरे पड़ने लगे हैं। ये सब अब पुरुषों के लिए भी प्रतिष्ठा सूचक चिह्न बनने लगे हैं, जो समाज में उनकी हैसियत को जताते हैं।

 प्रश्न 4: भारत और तिब्बत की महिलाओं में क्या अंतर है? 

उत्तर: भारत की महिलाएँ पर्दा करती हैं। किसी भी अपरिचित को घर में घुसने नहीं देतीं। किसी अपरिचित पर आसानी से विश्वास नहीं करती, क्योंकि वे स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं। जबकि तिब्बत की महिलाएँ पर्दा नहीं करतीं। किसी भी अपरिचित से डरती नहीं है। उन पर विश्वास करके अपने घर के अंदर तक भी उन्हें आने की अनुमति दे देती हैं। वे निडर हैं और स्वयं को ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं।

प्रश्न 5: कवि माखनलाल चतुर्वेदी कोयल की अपेक्षा स्वयं को हीन महसूस क्यों कर रहा है?

उत्तर: कवि कोयल की अपेक्षा स्वयं को हीन महसूस कर रहा है, क्योंकि वह स्वतंत्र है और कवि बंदी है। कोयल हरी-भरी डालियों में बैठकर आनंद उठा सकती है, जबकि कवि कारागार की दस फुट की काली अँधेरी कोठरी में रहने के लिए विवश है। कोयल के गीत की सभी प्रशंसा करते हैं जबकि कवि का रोना भी गुनाह है। दोनों स्थिति में काफी अंतर है।

प्रश्न 6: पुनर्जन्म होने की स्थिति पर कवि रसखान क्या कामना करता है?

उत्तर: पुनर्जन्म होने की स्थिति पर कवि रसखान कामना करते हैं कि यदि मनुष्य रूप में उनका जन्म हो तो वह ब्रजभूमि में ग्वाल-बालों के रूप में जन्म ले। पशु के रूप में जन्म हो तो नंद की गाय बने। पत्थर हो तो गोवर्धन पर्वत का अंग बने। अगर उनका जन्म पक्षी के रूप में हो तो उसका निवास यमुना किनारे कदम्ब के वृक्ष पर हो, ताकि अपने आराध्य श्री कृष्ण का सानिध्य प्राप्त होता रहे।

प्रश्न 7: आज भी पढ़े-लिखे बहुत से लोग संतान के रूप में बेटे की इच्छा रखते हैं। ऐसे में पुराने जमाने की होते हुए भी लेखिका की परदादी का पतोहू के बच्चे के रूप में लड़की की मन्नत माँगना क्या सिद्ध करता है? 

उत्तर: लेखिका की परदादी स्वतंत्र विचार वाली साहसी महिला थीं। उनके मन में लड़के और लड़कियों के प्रति कोई भेदभाव नहीं था। उस समय के समाज में प्राय: सभी लोग लड़के की कामना करते थे । दादीजी को यह भेदभाव शायद चुभता होगा और उनके मन को बेचैन करता होगा। शायद इन्हीं कारणों से परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत माँगी होगी। उस समय पतोहू की संतान के रूप में लड़की की चाह रखना उनके साहस को सिद्ध करता है।

प्रश्न 8: गाँव के लोग नाव के अभाव में क्या कर रहे थे? 'इस जल प्रलय में' पाठ के आधार पर लिखिए:

उत्तर: गाँव के लोग नाव के अभाव में केले के पौधे का 'भेला' बनाकर किसी प्रकार अपना काम चला रहे थे। जब उन्होंने देखा कि जमींदार के लड़के ऐसे संकट काल में भी हारमोनियम-तबला लेकर जलविहार करने निकले हैं, तो ग्रामीणों ने उनकी नाव छीन ली, हालाँकि इसमें उनके बीच थोड़ी मारपीट भी हुई थी।

प्रश्न 9: किसी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों के आधार पर क्यों करनी चाहिए? 'कबीर की साखियों' के आधार पर बताइए।

उत्तर: किसी भी व्यक्ति की प्रसिद्धि या अप्रसिद्धि, प्रशंसा या निंदा का कारण उसके कर्म होते हैं। सामान्य परिवारों में जन्म होने के बावजूद सूरदास, कबीर, तुलसी आदि अत्यंत प्रसिद्ध हुए, जबकि इनका बचपन संघर्षों में बीता। इन्हें ठोकरें भी खानी पड़ी। उन्होंने श्रेष्ठ कर्म किए और संसार भर में प्रसिद्धि पाई। इस आधार पर कहा जा सकता है कि महत्व ऊँचे कर्मों का होता है कुल का नहीं।

प्रश्न 10: सालिम अली की दृष्टि से प्रकृति कैसी है? 

उत्तरः सालिम अली की दृष्टि से प्रकृति रहस्यों से भरी हुई है। उनके अनुसार जितना ज्यादा प्रकृति के निकट रहा जाए, उतना ही ज्यादा उसे समझा जा सकता है और प्रकृति को अपने निकट किया जा सकता है। सालिम अली प्रकृति को अपनी दुनिया मानते थे।










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