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रचना के आधार पर वाक्य भेद

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रचना के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: उसने घर आकर भोजन किया।-- संयुक्त वाक्य में रूपांतरण कीजिए: उत्तरः वह घर आया और उसने भोजन किया। प्रश्न 2: एक साल पहले बने कॉलेज में शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी। -- संयुक्त वाक्य में बदलिए:  उत्तरः एक साल पहले कॉलेज बना था और उसमें शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी। प्रश्न 3: जो व्यक्ति साहसी होते हैं, उनके लिए कोई कार्य असंभव नहीं होता। -- सरल वाक्य में बदलिए: उत्तर : साहसी व्यक्तियों के लिए कोई कार्य असंभव नहीं होता। प्रश्न 4: मोटरसाइकिल सवार का संतुलन बिगड़ा और वह गिर गया। --- मिश्र वाक्य में बदलिए:  उत्तरः जैसे ही मोटरसाइकिल सवार का संतुलन बिगड़ा, वैसे ही वह गिर गया। प्रश्न 5: माताजी कुर्सी पर बैठी हुई थीं और चाय की चुस्कियाँ ले रही थीं। -- सरल वाक्य में बदलिए। उत्तर : माताजी कुर्सी पर बैठकर चाय की चुस्कियाँ ले रही थीं। प्रश्न 6: केवट ने कहा कि बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा। -- आश्रित उपवाक्य छाँटिए और उसका भेद भी लिखिए : उत्तर : (कि) बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा। -- संज्ञा आश्रित उपवाक्य। प्रश्न 7: हर्षिता बहुत विनम्र है

अलंकार

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  अलंकार प्रश्न 1: पानी परात को हाथ छुयो नहीं           नैनन  के  जल  सों  पग  धोए ।--- अलंकार पहचानिए।  उत्तर : अतिशयोक्ति अलंकार प्रश्न 2: सूर सूर तुलसी शशि उड़ुगन केशवदास। -- पंक्ति में निहित अलंकार है:  उत्तरः यमक अलंकार प्रश्न 3: जो नत हुआ वह मृत हुआ,             ज्यों वृंत से झरकर कुसुम-- अलंकार पहचानिए: उत्तर : उत्प्रेक्षा अलंकार प्रश्न 4: तू मोहन के उर बसी ह्वै उरबसी समान --- पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उत्तर : यमक अलंकार प्रश्न 5: जो घनीभूत पीड़ा थी मस्तक में स्मृति-सी छाई            दुर्दिन  में  आँसू  बनकर  आज  बरसने है आई। --- अलंकार पहचानिए। उत्तर :  श्लेष अलंकार  [(i) घनीभूत: इकट्ठी,  मेघ बनी हुई  (ii) दुर्दिन: बुरे दिन, मेघाच्छन्न दिन ] प्रश्न 6: चरण धरत चिंता करत चितवत चारहूँ ओर-- पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उत्तर : श्लेष अलंकार प्रश्न 7: नदियाँ जिनकी यशधारा-सी             बहती हैं अब भी निशि वासर। -- पंक्ति में निहित अलंकार पहचानिए:  उत्तरः उपमा अलंकार  प्रश्न 8: बालक बोलि बधौं नहीं तोही -- अलंकार पहचानिए। उत्तर : अनुप्रास अलंकार प्रश्न 9: सिंधु-सा विस्तृत और अथाह 

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

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अर्थ के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: यदि वह जल्दी जगता, तो गाड़ी पकड़ लेता।--- अर्थ के आधार पर वाक्य पहचानिए ।  उत्तर : संकेतवाचक वाक्य प्रश्न 2: उसने अपना कार्य पूरा कर लिया।-- संदेह वाचक वाक्य में बदलिए:  उत्तर : शायद उसने अपना कार्य पूरा कर लिया। प्रश्न 3: गांधी जी का नाम सबने सुना है।-- प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए: उत्तर : गांधी जी का नाम किसने नहीं सुना? प्रश्न 4: मोहन कल बाजार गया था। -- निषेधात्मक वाक्य में बदलिए ।  उत्तरः मोहन कल बाजार नहीं गया था।   प्रश्न 5: आपकी यात्रा मंगलमय हो।-- वाक्य पहचानिए ।  उत्तर : इच्छावाचक वाक्य प्रश्न 6: सूर्य स्थिर है। -- निषेधात्मक वाक्य में बदलिए। उत्तर : सूर्य अस्थिर नहीं है। प्रश्न 7: वह कल यहाँ से चला जाएगा।-- संदेहवाचक वाक्य में बदलिए।  उत्तरः संभवतः वह कल यहाँ से चला जाएगा। प्रश्न 8: आप सब पर प्रभु की कृपा बनी रहे।-- वाक्य पहचानिए। उत्तर : इच्छावाचक वाक्य  प्रश्न 9: क्या मेहनत हमें कमजोर बना सकती है?--- वाक्य भेद पहचानिए:  उत्तरः प्रश्नवाचक वाक्य प्रश्न 10: तान्या ने अपना पाठ याद कर लिया है। -- निषेधवाचक वाक्य में बदलिए। उत्तर : तान्या ने

उपसर्ग, प्रत्यय एवं समास

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  उपसर्ग, प्रत्यय एवं  समास प्रश्न 1: अत्यंत, अत्युत्तम, अत्याचार, अत्यधिक, अत्याधुनिक-- आदि शब्दों मैं कौन-सा उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है? उत्तर : 'अति' उपसर्ग प्रश्न 2: 'अप्रत्याशित' शब्द के प्रारंभ में कौन से दो उपसर्गों का प्रयोग हुआ है? उत्तरः 'अ' और 'प्रति' प्रश्न 3: 'लाजवाब' शब्द में कौन-सा उपसर्ग जुड़ा है?   उत्तरः 'ला' उपसर्ग (ला+जवाब) प्रश्न 4: निर्मल, निर्भय, निवास, निर्दोष-- आदि शब्दों में से किस एक शब्द में 'निर्' उपसर्ग का प्रयोग नहीं हुआ है? उत्तर : 'निवास' शब्द में 'निर्' उपसर्ग का प्रयोग नहीं हुआ है। प्रश्न 5: उच्चारण, उन्नति, उद्देश्य, उत्पत्ति, उल्लंघन -- आदि शब्दों में कौन-सा उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है?  उत्तर: 'उत्' उपसर्ग प्रश्न 6: 'पुजारिन' शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय कौन-सा है?   उत्तर : 'इन' प्रत्यय प्रश्न 7: 'रंगीन' शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय लिखिए: उत्तर : 'इन' प्रत्यय प्रश्न 8: 'शक्तिमान' शब्द में कौन-सा प्रत्यय है: उत्तर : 'मान' प्रत्यय प्र

इस जल प्रलय में/ संपूर्ण प्रश्नोत्तर

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 इस जल प्रलय में              -- फणीश्वरनाथ रेणु प्रश्न 1: बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?  उत्तर : बाढ़ की खबर सुनकर लोग अति आवश्यक सामानों को जुटाने में और अपनी सुरक्षा का प्रबंध करने में व्यस्त हो गए। आवश्यक ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी, दवाइयाँ आदि इकट्ठा करने लगे ताकि बाढ़ से घिर जाने पर भी कुछ दिनों तक गुजारा चल सके। प्रश्न 2: बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाहर का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था? उत्तर : लेखक उसी क्षेत्र के रहने वाले थे, जहाँ बाढ़ग्रस्त लोग शरण लिया करते थे। बीते दिनों में लेखक बाढ़ पीड़ितों की मदद कई तरह से कर चुके थे। उन्होंने बाढ़ देखा तो था, परंतु बाढ़ से घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वे उसका प्रत्यक्ष अनुभव करना चाहते थे। इसलिए बाढ़ के संबंध में अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए वे बहुत बेचैन और उत्सुक थे। प्रश्न 3: सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?  उत्तर : सबके मन में एक ही जिज्ञासा थी-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन स

स्ववृत्त लेखन

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 स्ववृत्त लेखन अपने जीवन संबंधी विभिन्न जानकारियों के संक्षिप्त संकलन या विवरण को हम स्ववृत्त लेखन कहते हैं। यह एक बना बनाया प्रारूप होता है, जिसे विज्ञापन के प्रत्युत्तर स्वरूप आवेदन पत्र के साथ भेजा जाता है। स्ववृत्त लेखन में ध्यान रखने योग्य बातें:  स्ववृत्त लेखन में हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए: (i) स्ववृत्त लेखन में ईमानदारी चाहिए। (ii) स्ववृत्त लेखन का आकार जरूरत से अधिक बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए।  (iii) भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। (iv) जानकारियाँ लिखते समय अपने बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बातें नहीं बतानी चाहिए। (v) स्ववृत्त साफ और सुंदर ढंग से लिखा होना चाहिए। (vi) स्ववृत्त में सूचनाओं को अनुशासित क्रम में लिखना चाहिए।  (vii) स्ववृत्त में व्यक्तिगत परिचय, शैक्षिक योग्यताएँ, अनुभव, प्रशिक्षण, उपलब्धियाँ और अन्य गतिविधियाँ इत्यादि का विस्तृत और स्पष्ट वर्णन करना चाहिए।  नीचे स्ववृत्त लेखन का एक नमूना प्रस्तुत किया गया है: ।।

एक कहानी यह भी

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एक कहानी यह भी                     ---- मन्नू भंडारी  प्रश्न 1: लेखिका के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा? उत्तर : लेखिका के व्यक्तित्व पर उनके पिताजी, हिंदी प्राध्यापिका शीला अग्रवाल, पिताजी के घनिष्ठ मित्र डॉक्टर अंबालाल से लेकर अनेक लोगों का प्रभाव पड़ा। पिताजी से लेखिका ने घर, समाज--- हर कहीं अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने की सीख ली। हिंदी प्राध्यापिका शीला अग्रवाल ने उनमें पुस्तकों के चयन के साथ-साथ विभिन्न साहित्य और साहित्यकारों के प्रति रुचि ही उत्पन्न नहीं की, चारदीवारी में रह रही लेखिका में खुलकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने का जोश भी भरा। डॉ अंबालाल जी ने भी उनके भाषण और साहस का समर्थन कर हौसला बढ़ाया। प्रश्न 2: इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को 'भटियारखाना' कहकर क्यों संबोधित किया है? उत्तरः इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को 'भटियारखाना' कहकर इसलिए संबोधित किया है, क्योंकि उनका मानना है कि निरंतर रसोई में अपना समय अथवा पूरा जीवन व्यतीत करने से महिलाओं की प्रतिभा और क्षमता रसोई की भट्टी में ही जलकर राख हो जाती है। उन्ह

विज्ञापन लेखन

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विज्ञापन लेखन     ।

संवाद लेखन

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           संवाद लेखन   प्रश्न 1: मीनू डॉक्टर बनना चाहती है और रीना अध्यापिका। दोनों के बीच हुई बातचीत का संवाद रूप लिखिए: उत्तर: मीनू: हाय रीना। कैसी हो? रीना: मैं ठीक हूँ। तू सुना। सुना है दिन-रात किताबों के पीछे हाथ धोकर पड़ी रहती है।  मीनू: कहाँ पढ़ रही हूँ? मेरे पिताजी कहते हैं, ऐसे घूमती रही तो डॉक्टर तो क्या मास्टरनी भी नहीं बन पाएगी। रीना: अच्छा! क्या मास्टरनी ऐसे ही बन जाती हैं?  मीनू: भाई, डॉक्टरी के लिए तो अधिक मेहनत करनी ही पड़ती है। रीना: तो क्या मैं मेहनत करना छोड़ दूँ? मैं तो अध्यापिका बनना चाहती हूँ।  मीनू: भाई, तू ठहरी समाजसेविका। तूझे तो लोगों का चरित्र सुधारना है। इसलिए तू बनेगी तो आदर्श अध्यापिका बनेगी। तू कैसे मेहनत करना छोड़ेगी?  रीना: सच कहूँ! यह दोनों ही काम सेवा के हैं। डॉक्टर तन की देखभाल करता है तो अध्यापक मन और बुद्धि की।  मीनू: क्यों? क्या डॉक्टर बिगड़ी हुई बुद्धि वाले मरीजों का इलाज नहीं करते?  रीना: डॉक्टर तो बिगड़ने पर इलाज करते हैं, परंतु अध्यापक तो उन्हें बिगड़ने ही नहीं देते। वह उन्हें संस्कार देते हैं। मीनू: सच, अध्यापक का दर्जा ईश्वर के बराबर होता ह

कहानी लेखन

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   कहानी 1  बुद्धि ही बल है प्राचीन समय की बात है। किसी जंगल में एक पेड़ पर कौए का जोड़ा रहता था। दोनों कौए अपने बच्चों के साथ आनंदपूर्वक रह रहे थे। उसी पेड़ की बिल में एक काला साँप भी रहता था। एक दिन दोनों कौए दाना चुगने कहीं निकल गए थे। कौए जब अपने घोंसले में वापिस आए तो अपने बच्चों को न पाकर बहुत दु:खी हुए। उन्होंने अपने बच्चों के पंख साँप की बिल में देखे। दोनों कौए सर्प के पास गए और बोला-- हे सर्प देवता, हम आपके पड़ोसी हैं। पड़ोसियों पर तो आपको दया रखनी चाहिए थी। साँप ने जब कौओं की बात को सुना तो गुस्से के मारे फन उठाकर फुफकारने लगा। कौओं ने सोचा कि इस समय इस मूर्ख के निकट यहाँ रुकना ठीक नहीं होगा। वे तुरंत उड़कर अपने घोंसले में जा बैठे। दोनों कौओं ने सोचा कि या तो हम यहाँ से चले जाएँ या इस सर्प को जान से मार दें। सर्प का हमारे साथ रहना ठीक नहीं। वे सर्प को समाप्त करने के बारे में सोचने लगे। कुछ समय के पश्चात् उन्हें एक उपाय सूझा। एक कौआ पेड़ से उड़ा और पास के तालाब पर गया जहाँ एक राजकुमार स्नान कर रहा था। उसने सोने के कुछ आभूषण  अपने कपड़ों के ऊपर रखे थे। कौए ने उनमें से एक आभूषण

साँवले सपनों की याद/ जाबिर हुसैन

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   साँवले सपनों की याद                                      --- जाबिर हुसैन प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया? उत्तर : बचपन में सालिम अली की एयरगन से नीले कंठ की एक सुंदर गौरैया घायल होकर गिर पड़ी थी। इस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया। वह गौरैया की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में इस तरह जुट गए कि उसके बाद उनकी रुचि पूरे पक्षी-संसार की ओर मुड़ गई और वे पक्षी-प्रेमी बन गए। प्रश्न 2: सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं? उत्तर : सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित गंभीर खतरों का वर्णन किया होगा। वृक्षों की कटाई से लेकर इससे प्रकृति पर पहुँच रहे नुकसान तक के बारे में बताया होगा। साइलेंट वैली में रेगिस्तानी गर्म हवाओं के गंभीर असर के बारे में वर्णन किया होगा। वातावरण के बदलने से पशु-पक्षियों पर पहुँच रहे नुकसान और दुख-कष्टों का हृदयविदारक वर्णन किया होगा, जिसे सुनकर प्रधानमंत्री की आँखें न
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   अट नहीं रही है                   कवि: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला '  प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है? उत्तरः  फागुन के महीने में पेड़-पौधों में रंग-बिरंगे फूल, हरे कोमल पत्ते, मंद बहती हवाओं के कारण प्रकृति की सुंदरता में अनुपम निखार आ जाता है। फागुन की सुंदरता चारों तरफ नजर आने लगती है। वातावरण उल्लासमय होने लगता है। कवि की आँखें फागुन की सुंदरता से अभिभूत हैं। इसलिए चाहकर भी कवि इस फागुन की सुंदरता से अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा है।  प्रश्न 2: प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?   उत्तर : प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन निम्नलिखित रूपों में किया है-- (i)  समस्त प्रकृति फल-फूलों से लद गई है। (ii)  सृष्टि का कण-कण उत्साह व उमंग से भर गया है। (iii)  सुंदरता की व्यापकता के दर्शन पेड़-पौधे, फूल-पत्ते, मंद बहती सुगंधित हवा आदि सब में हो रहे हैं।  प्रश्न 3: फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?  उत्तर:  फागुन में प्रकृति की शोभा हर तरफ अथवा हर जगह एक जैसी
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   उत्साह                 कवि: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर  गरजने  के लिए कहता है, क्यों?   उत्तर : कवि समाज में क्रांति और उत्साह की भावना का संचार करना चाहता है। वह समाज में परिवर्तन एवं नवजीवन लाना चाहता है। वह बादल को क्रांति का सूत्रधार बनने का आह्वान करता है और उसके माध्यम से हर किसी में जोश, उत्साह और पौरुष का संचार करना चाहता है ताकि बादल के गरजने से क्रांति का संदेश जन-जन तक पहुँचे। इसलिए कवि बादल से फुहारने अथवा रिमझिम बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है। प्रश्न 2: कविता का शीर्षक ' उत्साह ' क्यों रखा गया है?   उत्तर : सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की 'उत्साह' कविता एक आह्वान गीत है। आह्वान गीत उत्साह के प्रतीक होते हैं। बादल की गर्जना एवं क्रांति की चेतना लोगों में उत्साह का संचार करती है। कवि कविता के माध्यम से क्रांति लाने के लिए लोगों में उत्साह का संचार करना चाहता है। इसलिए कवि 'निराला' के द्वारा कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा गया है। प्रश्न 3: कविता में
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  कैदी और कोकिला              कवि: माखनलाल चतुर्वेदी प्रश्न 8: कवि के स्मृति पटल पर कोयल के गीतों की कौन-सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है? उत्तर : कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कुछ मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं। कोयल हरी-भरी डालियों पर बैठकर अपने मधुर स्वर से सारे वातावरण को गुंजायमान करती थी। उसके मधुर गीतों में खुशियाँ झलकती थीं। परंतु अब वह अपनी इन विशेषताओं को नष्ट करने पर तुली है। वह बावली-सी होकर चीख रही है। प्रश्न 9: हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है? उत्तर : भारतीय स्वतंत्रता के दीवानों तथा आंदोलनकारियों के लिए देश के नाम  हथकड़ियाँ पहनना भी गर्व और सम्मान की बात थी। उनसे उनका गौरव कभी कम नहीं हुआ, वरन् समाज ने उन्हें उन हथकड़ियों के लिए और अधिक प्रतिष्ठा दी। इसलिए हथकड़ियों को कवि के द्वारा गहना   कहा गया है।  प्रश्न 10: 'काली तू.... ऐ आली।'-- इन पंक्तियों में 'काली' शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।  उत्तर : उपर्युक्त पंक्तियों में 'काली' शब्द का प्रयोग अनेक अर्थों में होने के कारण यहाँ यमक अलंकार है
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  कैदी और कोकिला          -- माखनलाल चतुर्वेदी प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी? उत्तर : कोयल की कूक सुनकर कवि को ऐसा लगा जैसे कोयल उसके लिए किसी का कोई संदेशा लेकर आई है। कवि को ऐसा लगता है कि वह संदेशा शायद बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसीलिए कोयल सुबह होने की प्रतीक्षा भी न कर सकी और अर्धरात्रि को ही संदेशा देने कवि के पास पहुँची। प्रश्न 2: कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई? उत्तर : कवि ने कोकिल के बोलने के कई कारणों की संभावना व्यक्त की है। उनके अनुसार-- (i) कोयल शायद कोई बहुत जरूरी संदेशा लेकर आई हो। (ii) उसने कहीं किसी क्रांति के दावानल की ज्वाला देख ली हो और उसकी खबर देने आई हो। (iii) देशवासियों में मधुर विद्रोह बीज बोने के लिए बोल उठी हो । (iv) अंग्रेज शासन से मुक्ति की रणभेरी बजा रही हो। (v) कैदियों के मन में देशभक्ति की भावना जगाने आई हो। प्रश्न 3: किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों? उत्तर : कविता में अंग्रेज शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है, क्योंकि अंग्रेज शासन के दौरान निर्दोष भारतीयों पर घोर अत्याचार हु