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जून, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ललद्यद के वाख

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ललद्यद के वाख     प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: 'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है? उत्तर : ललद्यद की 'वाख' कविता में ‘रस्सी’ शब्द का प्रयोग मनुष्य की ‘साँस’ या ‘प्राण’ के लिए हुआ है, जिसके सहारे मनुष्य अपनी शरीररूपी नाव को खींच रहा है। यह साँस अथवा प्राणरूपी रस्सी बहुत कमजोर है। यह कब टूट जाए अर्थात कब इन्सान मृत्यु को प्राप्त हो जाए कोई भरोसा नहीं। प्रश्न 2: कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं?   उत्तर : कवयित्री इस सांसारिकता के मोह के बंधनों से मुक्त नहीं हो पा रही है। ऐसे में वह प्रभु की भक्ति सच्चे मन से नहीं कर पा रही है। उसे लगता है कि कच्चे, नाशवान और कमजोर शरीर के माध्यम से की जा रही उसकी सारी साधनाएँ व्यर्थ होती जा रही हैं। इसलिए उसके द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले सारे प्रयास विफल होते जा रहे हैं। प्रश्न 3: कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है?  उत्तर : 'घर जाने की चाह' से कवयित्री का तात्पर्य है -- परमात्मा के पास जाना, मोक्ष प्राप्त करना अथवा इस भवसागर से मुक्ति पाकर अपने ईश्

इस जल प्रलय में

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  इस जल प्रलय में प्रश्न 1: बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?  उत्तर: बाढ़ की खबर सुनकर लोग अति आवश्यक सामानों को जुटाने में और अपनी सुरक्षा का प्रबंध करने में व्यस्त हो गए। आवश्यक ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी, दवाइयाँ आदि इकट्ठा करने लगे ताकि बाढ़ से घिर जाने पर भी कुछ दिनों तक गुजारा चल सके। प्रश्न 2: बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाहर का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था? उत्तर: लेखक उसी क्षेत्र के रहने वाले थे, जहाँ बाढ़ग्रस्त लोग शरण लिया करते थे। बीते दिनों में लेखक बाढ़ पीड़ितों की मदद कई तरह से कर चुके थे। उन्होंने बाढ़ देखा तो था, परंतु बाढ़ से घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वे उसका प्रत्यक्ष अनुभव करना चाहते थे। इसलिए बाढ़ के संबंध में अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए वे बहुत बेचैन और उत्सुक थे। प्रश्न 3: सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?  उत्तर: सबके मन में एक ही जिज्ञासा थी-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह के मन का त्रास, उत्कंठा,

माता का अँचल/ प्रश्नोत्तर

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    माता का अँचल                     --- शिवपूजन सहाय प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है? उत्तर : अपने पिता से अधिक जुड़ाव होने के बावजूद विपदा के समय भोलानाथ पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। इसकी वजह यह हो सकती है कि माँ के आँचल तले एक बच्चे को जिस प्यार और सुरक्षा की अनुभूति मिलती है, वह पिता के सान्निध्य में नहीं मिलती। माँ से बच्चों का संबंध जन्म के पूर्व से ही जुड़ा होता है। इसलिए भी संतान की आत्मीयता माँ के साथ अत्यंत गहरी होती है। प्रश्न 2: आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है? उत्तर : भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है, क्योंकि उसे उनके साथ दिनभर अलग-अलग खेल खेलने और शरारत भरी मस्ती करने का आनंद मिलता है। जब भी वह अपने मित्रों को देखता है तो वह अपने सारे दुख-दर्द भूल जाता है। प्रश्न 4: भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की साम

राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद

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  राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद                          -- तुलसीदास  प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1 : परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन कौन से तर्क दिए?  उत्तर : धनुष के टूटने से परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने इसके टूट जाने के कई तर्क दिए। लक्ष्मण ने कहा कि पुराने धनुष के टूटने से क्या लाभ और क्या हानि? राम ने तो इसे नया समझकर उठाया था, लेकिन उनके छूते ही यह टूट गया तो इसमें राम का क्या दोष, आदि। प्रश्न 2 : परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर : राम के स्वभाव की विशेषताएँ  : (i) राम अत्यंत विनम्र स्वभाव के हैं। (ii) वह बहुत कम बोलते हैं और उनका स्वभाव शांत है। (iii) वह अपने से बड़ों का और ऋषि-मुनियों का सम्मान करते हैं। (iv) वह अपनी कोमल और मधुर वाणी से माहौल को शांत बनाने की क्षमता रखते हैं। लक्ष्मण के स्वभाव की विशेषताएँ : (i) लक्ष्मण उग्र और तर्कशील स्वभाव के हैं। (ii) वह वीर और साहसी हैं। (iii) वह किसी के क्रोध एवं हथियारों से नहीं डरते। (iv वह किसी भी प्रकार क

पद परिचय-2

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   पद परिचय/भाग-2 प्रश्न 1: पद किसे कहते हैं? उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को  पद  कहते हैं। प्रश्न 2: पद परिचय की परिभाषा दीजिए: उत्तर:  पदों का व्याकरणिक परिचय देना  'पद परिचय'  कहलाता है। प्रश्न 3: हिंदी में पद कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर:  हिंदी में पद  पाँच  प्रकार के होते हैं। वे हैं:  (क) संज्ञा (ख) सर्वनाम (ग) विशेषण (घ) क्रिया और  (ङ) अव्यय प्रश्न 4: अव्यय किसे कहते हैं? इसके कितने भेद होते हैं? उनके नाम लिखिए : उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त जिन शब्दों के साथ लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक चिन्ह आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, उन्हें  अव्यय  कहते हैं।          इस के पाँच भेद होते हैं। वे हैं: (क) क्रियाविशेषण (ख) संबंधबोधक अव्यय (ग) समुच्चयबोधक अव्यय (घ) विस्मयादिबोधक अव्यय और  (ङ) निपात प्रश्न 5: क्रियाविशेषण किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा और उदाहरण सहित सविस्तार लिखिए: उत्तर : जो अव्यय अथवा अविकारी शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे  क्रियाविशेषण  कहलाते हैं।          इसके  चार भेद  हैं। वे हैं: (क) स्थानवाचक क्रियाविशेषण (ख) रीतिवाचक क

पद परिचय 1

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  पद परिचय/भाग-1 प्रश्न 1: पद किसे कहते हैं? उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को  पद  कहते हैं। प्रश्न 2: पद परिचय की परिभाषा दीजिए: उत्तर:  पदों का व्याकरणिक परिचय देना  'पद परिचय'  कहलाता है। प्रश्न 3: हिंदी में पद कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर:  हिंदी में पद  पाँच  प्रकार के होते हैं। वे हैं:  (क) संज्ञा (ख) सर्वनाम (ग) विशेषण (घ) क्रिया और  (ङ) अव्यय।  प्रश्न 4: संज्ञा किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा सहित सविस्तार लिखिए: उत्तर:  किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण अथवा भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को  संज्ञा  कहते हैं। जैसे:  लड़का  चला गया। गाय   दूध  देती है। अलमारी  में  कपड़े  रखे हैं।  राजेश  दसवीं  कक्षा  में पढ़ता है। काठमांडू   नेपाल  की  राजधानी  है। साहस  को सभी  गुणों  में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।      संज्ञा के  ३(तीन ) भेद होते हैं। वे हैं--- (क) जातिवाचक संज्ञा, (ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा और  (ग) भाववाचक संज्ञा (क) जातिवाचक संज्ञा : जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति की सभी वस्तुओं अथवा सारी जाति या समुदाय का बोध हो, उसे  जातिवाचक संज्ञ

अलंकार 9

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  अलंकार  प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: अलंकार किसे कहते हैं? इसके मुख्यतः कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : काव्य की शोभा या सुंदरता बढ़ाने वाले तत्वों को  अलंकार  कहते हैं। इसके मुख्यतः  दो  भेद हैंं --- (क)  शब्दालंकार  और (ख)  अर्थालंकार प्रश्न 2: शब्दालंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण वाक्य अथवा काव्य में आकर्षण अथवा चमत्कार आ जाता है, उसे  शब्दालंकार  कहते हैं। जैसे: ---  र घुपति  रा घव  रा जा  रा म --- काली  घटा  का घमंड  घटा प्रश्न 3: कुछ प्रमुख शब्दालंकारों के नाम लिखिए: उत्तर : कुछ प्रमुख शब्दालंकार हैं: (क)  अनुप्रास  अलंकार, (ख)  यमक  अलंकार, (ग)  श्लेष  अलंकार, (घ)  पुनरुक्ति   प्रकाश  अलंकार (ङ)  वक्रोक्ति  अलंकार आदि। प्रश्न 4: अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जहाँ वर्ण की अथवा व्यंजनों की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न हो, उसे  अनुप्रास अलंकार  कहते हैं। जैसे: (क)  र घुपति  रा घव  रा जा  रा म  (ख)  का नन  कुं डल  कुं चित  के सा (ग)  का लिंदी  कू ल  क दंब की डारन (घ)  चा रु  चं द्र की

अलंकार

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  अलंकार प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: अलंकार किसे कहते हैं? इसके मुख्यतः कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : काव्य की शोभा या सुंदरता बढ़ाने वाले तत्वों को  अलंकार  कहते हैं। इसके मुख्यतः  दो  भेद हैंं --- (क)  शब्दालंकार  और (ख)  अर्थालंकार प्रश्न 2: शब्दालंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण वाक्य अथवा काव्य में आकर्षण अथवा चमत्कार आ जाता है, उसे  शब्दालंकार  कहते हैं। जैसे: ---  र घुपति  रा घव  रा जा  रा म --- काली  घटा  का घमंड  घटा प्रश्न 3: कुछ प्रमुख शब्दालंकारों के नाम लिखिए: उत्तर : कुछ प्रमुख शब्दालंकार हैं: (क)  अनुप्रास  अलंकार, (ख)  यमक  अलंकार, (ग)  श्लेष  अलंकार, (घ)  पुनरुक्ति   प्रकाश  अलंकार (ङ)  वक्रोक्ति  अलंकार आदि। प्रश्न 4: श्लेष अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित समझाइए: उत्तर: 'श्लेष'  शब्द का अर्थ है  'चिपकना' । जहाँ वाक्य में एक शब्द एक ही बार प्रयुक्त होने के बावजूद दो या दो से अधिक अर्थ दे वहाँ  श्लेष अलंकार  होता है। जैसे: (क) मंगन को देखी  पट  देत बार-बार  ( पट = दरवाजा, वस्त्र) (ख) को घटि ये  वृषभ

समास

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   शब्द निर्माण/ समास प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: समास किसे कहते हैं? समझाइए : उत्तर : दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से नए शब्द बनाने की क्रिया को  समास  कहते हैं। इस विधि से बने शब्दों को  समस्तपद  कहते हैं। जब समस्तपदों को पृथक किया जाता है, उसे  समास विग्रह  कहते हैं। जैसे: रसोईघर  ---- रसोई के लिए घर नवग्रह  ----- नौ ग्रहों का समूह, आदि। प्रश्न 2: समास के कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : समास के  ६ (छह)  भेद हैं। उनके नाम हैं: (क) अव्ययीभाव समास, (ख) तत्पुरुष समास, (ग) कर्मधारय समास, (घ) द्विगु समास, (ङ) द्वंद्व समास और  (च) बहुव्रीहि समास प्रश्न 3: अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए: उत्तर : जिस समास में समस्तपद का पहला पद अव्यय हो, उसे  अव्ययीभाव समास  कहते हैं। इसका पहला पद प्रधान होता है। इस प्रक्रिया से बना समस्तपद भी अव्यय की भाँति कार्य करता है। जैसे: (i)     प्रतिदिन  ---- प्रत्येक दिन  (ii)    आजन्म  ---- जन्म से लेकर  (iii)   आजीवन  --- जीवन पर्यंत, जीवन भर  (iv)   आमरण  ---- मरण तक  (v)    आसमुद्र  ---- समुद्र तक  (vi)   गली-गली  -- प्रत्येक गली  (vii) 

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

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   अर्थ के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: वाक्य किसे कहते हैं ? उत्तर : सार्थक शब्दों के जिस व्यवस्थित समूह से कथन की पूरी बात समझ में आ जाए अथवा पूरा आशय या विचार प्रकट हो, उसे  वाक्य  कहते हैं। जैसे-- (i) दो हफ्ते बाद हमारी परीक्षाएँ शुरू होने जा रही हैं। (ii) ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए हमें बहुत मजा आया। (iii) वे हमारे हिंदी के अध्यापक हैं। (iv) विद्यार्थी गृहकार्य कर रहे हैं। (v) तुम कहाँ रहते हो? प्रश्न 2: अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद किए गए हैं? उनके नाम लिखिए : उत्तर : अर्थ के आधार पर वाक्य के  आठ  भेद किए गए हैं। वे हैं-- (i) कथनात्मक अथवा विधानवाचक वाक्य  (ii) निषेधवाचक अथवा नकारात्मक वाक्य  (iii) आज्ञार्थक अथवा विधिवाचक वाक्य (iv) प्रश्नवाचक वाक्य  (v) इच्छावाचक वाक्य  (vi) संदेहवाचक वाक्य  (vii) विस्मयादिबोधक अथवा मनोवेगात्मक वाक्य और   (viii) संकेतवाचक वाक्य    प्रश्न 3: कथनात्मक वाक्य किसे कहते हैं? उत्तर : जिन वाक्यों से किसी कार्य के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है, उन्हें  कथनात्मक, विधानवाचक अथवा रचनात्मक वाक्य  कहते हैं। जैसे -- (i) सूर्य पश्चिम में अस्त जाता है।

वाच्य

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  वाच्य प्रश्न 1: वाच्य की परिभाषा लिखिए: उत्तर : 'वाच्य' का शाब्दिक अर्थ है-- बोलने का विषय।     क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि क्रियापद द्वारा किए गए कार्य अथवा कही गई बात का विषय कर्ता है, कर्म है या भाव अथवा क्रिया स्वयं है, उसे वाच्य कहते हैं। जैसे--  ---साहिल पढ़ता है। -- सारिका के द्वारा गीत गाया जाता है। -- दादाजी से रातभर सोया नहीं गया। प्रश्न 2: वाच्य के कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : हिंदी में वाच्य के तीन भेद होते हैं। वे हैं: (i) कर्तृवाच्य  (ii) कर्मवाच्य और  (iii) भाववाच्य  प्रश्न 3: कर्तृवाच्य की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर:  जिस वाक्य में क्रिया का मुख्य विषय कर्ता होता है, वहाँ कर्तृवाच्य होता है। इस वाच्य में कथन का केंद्र हमेशा कर्ता होता है। जैसे: --- प्रेमचंद उपन्यास लिखते हैं। --- बच्चे रो रहे हैं। --- राहुल क्रिकेट खेलता था। --- राम ने रोटी खाई। कर्तृवाच्य के वाक्यों की क्रियाएँ अकर्मक और सकर्मक-- दोनों ही प्रकार की हो सकती हैं और इनमें कर्म गौण होता है। कर्तृवाच्य में कर्ता को पहचानने के लिए क्रिया के साथ 'कौन' अथवा 'किसने&

रचना के आधार पर वाक्य भेद

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रचना के आधार पर वाक्य भेद प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: वाक्य किसे कहते हैं? उत्तर : ऐसा सार्थक शब्द समूह जो व्यवस्थित हो तथा वक्ता का पूरा आशय स्पष्ट रूप से प्रकट कर सके, वाक्य कहलाता है। जैसे:  -- बालगोबिन भगत मझोले कद के गोरे चिट्टे आदमी थे। -- हालदार साहब पान खाने के लिए हमेशा चौराहे पर रुकते। -- विद्यार्थी आज पिकनिक मनाने पोखरा गए। प्रश्न 2: वाक्यों का विभाजन किन दो आधारों पर किया जाता है?   उत्तर : वाक्यों का विभाजन मुख्यतया निम्नलिखित दो आधारों पर किया जाता है-- (i) रचना के आधार पर और  (ii) अर्थ के आधार पर प्रश्न 3: रचना की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए।   उत्तर : रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद हैं। वे हैं: (i) सरल/साधारण वाक्य (ii) संयुक्त वाक्य और  (iii) मिश्र/मिश्रित/जटिल वाक्य प्रश्न 4: सरल वाक्य किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए: उत्तर : जिन वाक्यों में एक ही मुख्य क्रिया हो, उन्हें सरल अथवा साधारण वाक्य कहते हैं। जैसे:   -- भादों महीने में कई बार मूसलधार वर्षा होती है।   -- शाम के समय बच्चे मैदान में खेल रहे थे।   -- मोहन अगले महीने अमेरिका जाएगा।