संदेश

फ़रवरी, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

व्याकरण प्रश्नोत्तरी(अलंकार)/कक्षा: 10

चित्र
  व्याकरण(अलंकार) प्रश्न 1: श्लेष अलंकार के कुछ उदाहरण दीजिए: उत्तर: (i) मधुबन की छाती को देखो                सूखी कितनी इसकी कलियाँ (कलियाँ: फूलों के खिलने से पूर्व की अवस्था, बचपन का समय) (ii) मंगन को देख पट देत बार-बार  (पट: वस्त्र, दरवाजा) (iii) मेरी  भव  बाधा  हरौ,  राधा  नागरि  सोइ।        जा तन की झाँईं परै, स्यामु हरित दुति होइ।। (iv) को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के वीर (v) सुबरन को ढूँढ़त फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर  (vi) चमचमात  चंचल नयन  बिच  घूँघट-पट झीन।         मानहु सुरसरिता विमल जल बिछुरत जुगमीन।। (vii) जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।            बारे    उजियारो    करै,   बढ़े   अँधेरो    होय।। (viii) मि. जगदीश! आप चाहे कुछ भी कहें, मैं तो इसे जगदीश की ही कृपा मानता हूँ (ix) नल की अरु नलनीर की, गति एकै कर जोय।        जेतो    नीचो    ह्वै    चलै,   तेतो    ऊँचो   होय।। (x) रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।       पानी    गए  न  ऊबरे,  मोती  मानुष  चुन।। प्रश्न 2: उत्प्रेक्षा अलंकार के कुछ उदाहरण दीजिए।  (i) मनु दृग फारि अनेक जमुन निरखत ब्रज सोभा (ii) मिटा 

क्षितिज प्रश्नोत्तरी

 क्षितिज प्रश्नोत्तरी प्रश्न 1: अमीरुद्दीन को रसूलनबाई और बतूलनबाई के घर वाला रास्ता क्यों पसंद था?  उत्तरः संगीत के प्रति असीम रुचि के कारण  प्रश्न 2: परशुराम बार-बार अपना कुठार किसे और क्यों दिखा रहे थे? उत्तर: लक्ष्मण को भयभीत करने के लिए प्रश्न 3: रघुकुल में किन-किन के प्रति अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं किया जाता? उत्तर: देवत, ब्राह्मण, ईश्वरभक्त और गाय पर प्रश्न 4: 'संगतकार' कविता के अनुसार संगतकार की मुख्य विशेषता क्या होती है? उत्तर: उसकी मानवीयता प्रश्न 5: किस घटना के आधार पर कहा जा सकता है कि बालगोबिन  भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे?  उत्तरः उन्होंने अपने बेटे का क्रिया-कर्म बहू से करवाया प्रश्न 6: 'तारसप्तक' में जब बैठने लगता है उसका गला -- पंक्ति में तारसप्तक से क्या अभिप्राय है?  उत्तरः दुगना ऊँचा स्वर प्रश्न 7: गोपिया उद्धव को भाग्यवान मानती हैं, क्यों? उत्तर: क्योंकि उद्धव श्री कृष्ण के प्रेम-बंधन से मुक्त और अलिप्त होने के कारण विरह वेदना से भी मुक्त हैं प्रश्न 8: परशुराम के क्रोधित होने का कारण क्या था? उत्तरः राम द्वारा शिव-धनुष का भंग कर

संगतकार/मंगलेश डबराल

चित्र
  संगतकार प्रश्न 1: 'संगतकार' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि संगतकार जैसे व्यक्ति सर्वगुणसंपन्न होकर भी समाज में अग्र पंक्ति में न आकर प्रायः पीछे ही क्यों रहते हैं?  उत्तरः संगतकार जैसे व्यक्ति सर्वगुणसंपन्न होकर भी समाज की अग्र पंक्ति में न आकर प्रायः पीछे रहते हैं क्योंकि वह मुख्य कलाकार के सहयोगी होते हैं और उसे धोखा नहीं देना चाहते। वह अपने प्रिय कलाकार की सफलता में अपनी सफलता देखते हैं। वह प्रतिभावान होते हैं, पर वह इस विशेषता से दूसरे को चमकाने में लगे रहते हैं। वह परोपकारी और त्यागी होते हैं। उन्हीं के कारण मुख्य गायक का महत्व बना रहता है। प्रश्न 2: 'संगतकार' कविता में कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत कर रहा है? उत्तरः संगतकार के माध्यम से कवि उन व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है जो सफल एवं प्रसिद्ध व्यक्तियों को सफलता तथा प्रसिद्धि पाने में सहयोग देते हैं। उनके महत्व एवं योगदान को कभी आँका नहीं जाता। उनकी भूमिका हमेशा रचनात्मक होती है। यह लोग अपने आदर्श व्यक्ति की छवि को निखारते हैं। मुसीबत में उनका साथ देते हैं तथा ढाढ़स बनाते हैं। प्रश्न 3: &

फसल/नागार्जुन

चित्र
  फसल प्रश्न 1: 'फसल' कविता में कवि ने 'एक के नहीं, दो के नहीं' शब्दों का प्रयोग बार-बार क्यों किया है?  उत्तर: कवि ने 'एक के नहीं, दो के नहीं' शब्दों का बार-बार प्रयोग कर सामूहिक प्रयास पर बोल दिया है। फसल के उत्पादन में अनेक नदियों का पानी, करोड़ों मनुष्यों का श्रम एवं विभिन्न खेतों की मिट्टी का योगदान है। अर्थात फसल एक सामूहिक प्रयास का परिणाम है। प्रश्न 2: फसल के उगने में नदियों का पानी जादू का सा काम कैसे करता है?  उत्तरः फसल अनेक नदियों के जल से सिंचित होती है। नदियों का जल फसल के रूप में परिणत होकर सामने आता है। मिट्टी के भीतर बोए हुए बीजों पर नदियों का पानी जादू का सा असर करता है।इसी प्रभाव से बीज अंकुरित होते हैं और धरती को चीरकर बाहर निकलते हैं और फिर धीरे-धीरे विकसित होकर फसल का रूप धारण करते हैं। यह नदियों के जल का जादुई प्रभाव है। प्रश्न 3: 'रूपांतर है सूरज की किरणों का,             सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का' -- पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।  उत्तरः 'रूपांतर है सूरज की किरणों का          सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का'

अलंकार/कक्षा: 8

चित्र
  अलंकार   प्रश्न 1: अलंकार किसे कहते हैं? उत्तर : काव्य की सुंदरता बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते हैं। प्रश्न 2: हिंदी में अलंकार के मुख्यतः कितने भेद माने गए हैं? उनके नाम लिखिए:  उत्तरः हिंदी में अलंकारों के मुख्यतः दो भेद माने गए हैं -- (क)  शब्दालंकार और (ख) अर्थालंकार प्रश्न 3: शब्दालंकार किसे कहते हैं? इसके कुछ भेदों के नाम लिखिए। उत्तर : जहाँ अक्षर अथवा शब्दों के चमत्कारपूर्ण प्रयोग से काव्य पंक्ति की सुंदरता में वृद्धि होती है और चमत्कार आ जाता है, उसे शब्दालंकार कहते हैं।  शब्दालंकार के कई भेद होते हैं, जैसे -- (क) अनुप्रास अलंकार, (ख) यमक अलंकार, (ग) श्लेष अलंकार आदि। प्रश्न 4: अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए । उत्तर : जिस काव्यपंक्ति में व्यंजनों की पुनरावृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। जैसे --  (i) कालिंदी कुल कदंब की डारन  (ii) रघुपति राघव राजा राम  (iii) कानन कुंडल कुंचित केशा  (iv) विमल वाणी ने वीणा ली कमल कोमल कर में प्रतीत  (v) संसार की समरस्थली में धीरता धारण करो प्रश्न 5: यमक अलंकार किसे कहते हैं? उ

यह दंतुरित मुसकान/नागार्जुन

चित्र
  यह दंतुरित मुसकान प्रश्न 1: बच्चों की मुस्कान मृतक में भी जान कैसे डाल देती है?  उत्तरः बच्चों की दंतुरित मुस्कान निराशा या हताश व्यक्ति में भी आशा, प्रसन्नता एवं उत्साह का संचार कर देती है और एक व्यक्ति को नई ऊर्जा से प्रेरित करती है। इसीलिए बच्चों की मुस्कान को मृतक में भी जान डाल देने में सक्षम बताया गया है।  प्रश्न 2: कवि के अनुसार शिशु के स्पर्श से क्या-क्या परिवर्तन हुए?   उत्तरः शिशु का सौंदर्य ऐसा अद्भुत है कि उसके स्पर्श मात्र से ही कठोर या रसहीन व्यक्तियों के हृदय में भी रस उमड़ आता है। उसे देखकर उनका हृदय वात्सल्य से भर उठता है। काँटेदार पेड़ों से भी शेफालिका की फूलों की वर्षा होने लगती है। प्रश्न 3: 'छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात' -- पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।  उत्तरः पंक्तियों के माध्यम से कवि कहता है कि वह जब छोटे शिशु को हँसते हुए देखता है तो उसे लगता है कि कमल तालाब को छोड़कर उसकी झोपड़ी में खिल गए हैं। प्रश्न 4: 'यह दंतुरित मुसकान' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि बच्चे की मुस्कान और एक बड़े व्यक्ति की मुस्कान में क्या अंतर होता है? 

अट नहीं रही है/सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

चित्र
  अट नहीं रही है प्रश्न 1: 'अट नहीं रही है' कविता में किस ऋतु का वर्णन है और वह क्या कारण है कि उस ऋतु से कवि की आँखें नहीं हट रही हैं?  उत्तरः 'अट नहीं रही है' कविता में कवि ने फागुन अथवा वसंत ऋतु का वर्णन किया है। फागुन में प्रकृति की सुंदरता अत्यधिक बढ़ गई है तथा चारों ओर फागुन की शोभा समाई हुई है। इसलिए उससे कवि की आँखें नहीं हट रही हैं। प्रश्न 2: हरे एवं लाल पत्तों से लदी डालियों को देखकर कैसा लगता है?  उत्तरः हरे और लाल पत्तों से लदी डालियों को देखकर ऐसा लगता है मानो फागुन के गले में सुगंध से मस्त कर देने वाली फूलों की माला पड़ी हुई है, जिससे जगह-जगह फागुन का सौंदर्य फैला हुआ है। प्रश्न 3: फागुन की मस्ती का मानव मन पर क्या प्रभाव दिखाई देता है ? उत्तर : फागुन की मस्ती इतनी अधिक रंगीन है कि मानव मन इससे उत्फुल्ल और प्रसन्न दिखाई देता है। इसके कारण वह अपने मन को भरा-भरा और संतुष्ट पाता है। उसके मन में भी आकाश में उड़ने की उमंग उठती है। वह सौंदर्य से इतना प्रभावित होता है कि अपनी आँखें बंद नहीं करना चाहता। वह फागुन के उस सौंदर्य को हमेशा हमेशा के लिए अपनी आँखों में

उत्साह/सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

चित्र
  उत्साह   प्रश्न 1: 'उत्साह' कविता का उद्देश्य अथवा संदेश स्पष्ट कीजिए। उत्तरः 'उत्साह' एक प्रतीकात्मक कविता है। इसमें बादल को उत्साह के प्रतीक के रूप में प्रकट किया गया है। कवि बादल से निवेदन करता है कि वह सारे गगन को घेर कर आकाश भर छा जाए। वह बच्चों के घुँघराले केश-सा आकाश में फैल जाए। किसी संघर्षशील कवि के समान जनजीवन में नया उत्साह भर दे। वह अपनी विद्युत शक्ति से समाज में गरजकर बरसे और जनजीवन के मन मे जोश का संचार कर दे। जब सारा संसार पीड़ा और ताप से दुखी हों, लोग व्याकुल और अनमने हों, तब ये बादल शीतल जल की धारा बनकर जनजीवन को शांति प्रदान करें। प्रश्न 2: 'उत्साह' कविता में 'नवजीवन वाले' किसको कहा गया है और क्यों? उत्तरः 'उत्साह' कविता में 'नवजीवन वाले' शब्द बादलों के लिए प्रयुक्त हुआ है क्योंकि बादल बरस कर पृथ्वी के उत्ताप को शांत करते हैं और प्रकृति में नवजीवन का संचार करते हैं। बादलों की फुहार प्रकृति में प्रफुल्लता का संचार करती हैं। पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, मनुष्य -- सभी के जीवन में आनंद एवं उत्साह का संचार होता है। जीवन और प्रकृ

आत्मकथ्य/कक्षा 10

चित्र
  आत्मकथ्य   प्रश्न 1: 'आत्मकथ्य' कविता में 'उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की' कथन के माध्यम से कई क्या कहना चाहता है?   उत्तरः 'आत्मकथ्य' कविता में जयशंकर प्रसाद जी ने अपने जीवन में अनुभूत प्रेम के मधुर क्षणों का वर्णन किया है। कवि कहता है कि वह चाँदनी रातों में अथवा सुखभरे समय में अपनी पत्नी अथवा प्रियतमा के साथ गुजारे हुए उन मधुर क्षणों का वर्णन नहीं कर सकता। उस दिव्य आनंद को शब्दों में अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता। प्रश्न 2: जयशंकर प्रसाद के लिए किसकी स्मृति 'पाथेय' बनी है? उत्तरः कवि के लिए उसकी पत्नी अथवा प्रियतमा की स्मृति जीवन के मार्ग का पाथेय बनी है। प्रश्न 3: 'छोटे से जीवन की बड़ी कथाएँ' कवि के जीवन के किसी तथ्य की ओर संकेत करती हैं?  उत्तरः कवि के जीवन में अनेक घटनाएँ घटित हुई हैं। छोटे से जीवन में कवि को कठिन संघर्ष तथा कटु अनुभवों का सामना भी करना पड़ा है। इसी तथ्य को इस पंक्ति द्वारा यहॉं कवि व्यक्त कर रहे हैं।  प्रश्न 4: कवि अपनी आत्मकथा को सुनाने के लिए अनिच्छुक क्यों हैं? उत्तर : कवि कहता है कि उसकी कष्टों से भरी आ

राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद/कक्षा 10

चित्र
  राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद प्रश्न 1: लक्ष्मण के सामने परशुराम ने अपने बल और पराक्रम का वर्णन करते हुए क्या-क्या कहा?  उत्तर : परशुराम ने कहा कि लक्ष्मण को बालक समझकर वह उसका वध नहीं कर रहे। वे केवल एक मुनि मात्र नहीं हैं, बल्कि उनका क्रोध जगत प्रसिद्ध है। सारा विश्व उन्हें क्षत्रियों का शत्रु मानता है। उन्होंने सहस्त्रबाहु की हजार भुजाएँ अपनी कुल्हाड़ी से काट दी हैं। उनका फरसा गर्भ में पल रहे वाले शत्रुओं का भी विनाश कर देता है। प्रश्न 2: 'हाय हाय सब सभा पुकारा' -- स्वयंवर सभा में उपस्थित लोग हाय हाय क्यों करने लगे?  उत्तरः परशुराम ने लक्ष्मण को मारने के लिए हाथ में कुठार संभाल लिया था, जिसे देखकर सभा में उपस्थित लोग हाय हाय करने लगे। प्रश्न 3: " कौसिक कहा छमिअ अपराधू। बाल दोष गुन गनहिं न साधु।।" -- इन पंक्तियों में विश्वामित्र परशुराम से क्या कहते हैं? सरल हिंदी में बताएँ। उत्तरः विश्वामित्र ने परशुराम से कहा कि वे लक्ष्मण का अपराध क्षमा कर दें। साधु लोग बालक के गुण-दोष को अधिक महत्व नहीं देते। अतः वे लक्ष्मण को बालक जानकार उसे क्षमा करें। प्रश्न 4: गाधिसूनु  कह ह

सूर के पद/कक्षा 10

चित्र
  सूर के पद प्रश्न 1: उद्धव के मन में कृष्ण के प्रति कोई अनुराग नहीं है। फिर भी गोपियाँ उन्हें 'बड़भागी' क्यों कहती हैं?  उत्तर : कृष्ण के प्रति अनुराग न होने के कारण उद्धव को उनसे बिछड़ने की कोई बिरह-वेदना नहीं झेलनी पड़ती है। विरह से संतप्त हृदय की पीड़ा से वह मुक्त हैं। इसीलिए गोपियाँ उद्धव को बड़भागी कहती हैं। प्रश्न 2: उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? उत्तरः उद्धव के व्यवहार की तुलना पानी में पड़े रहने वाले कमल के पत्ते से तथा जल में पड़ी रहने वाली तेल की उस गगरी से की गई है जिसमें जल घुलमिल नहीं पाता है। प्रश्न 3: गोपियाँ कृष्ण को 'हारिल की लकड़ी' क्यों कहती हैं? उत्तर : हारिल पक्षी जब उड़ता है तो वह सदैव अपने पंजों में एक लकड़ी दबाए रहता है। गोपियाँ भी श्रीकृष्ण को सदैव अपने हृदय में बसाए रखती हैं। अतः गोपियाँ कृष्ण को 'हारिल की लकड़ी' कहती  हैं। प्रश्न 4: गोपियों को योग का नाम सुनते ही कैसा प्रतीत होता है?  उत्तरः गोपियाँ जब योग का नाम सुनती हैं तो उन्हें ऐसा प्रतीत होता है मानो वे कड़वी ककड़ी चबा रही हों तथा उनके मुँह का स्वाद कड़वा हो ग

संक्षिप्त प्रश्नोत्तर

चित्र
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर प्रश्न 1: गोपियों के लिए श्रीकृष्ण किसके समान हैं?  उत्तरः हारिल की लकड़ी प्रश्न 2: गोपियों ने उद्धव के योग संदेश को किसके समान बताया है? उत्तर : कड़वी ककड़ी के समान   प्रश्न 3: गोपियों को उद्धव का कौन-सा उपदेश व्याधि के सामान लगता है? उत्तर: निर्गुण ब्रह्म अथवा निराकार ईश्वर के ध्यान के लिए उद्धव का उपदेश  प्रश्न 4: गोपियों के अनुसार किसने राजनीति पढ़ ली है? उत्तर: श्रीकृष्ण ने  प्रश्न 5: 'समुझी बात कहत मधुकर के' -- पंक्ति में गोपियों ने 'मधुकर'  शब्द किसके लिए प्रयोग किया है? उत्तर: उद्धव के लिए प्रश्न 6: कमल के पत्ते की क्या विशेषता है? उत्तर: वह जल के भीतर रहकर भी गीला नहीं होता है

अभ्यास प्रश्नपत्र 5

चित्र
  अभ्यास प्रश्नपत्र   प्रश्न 1: निम्नलिखित विषयों पर अनुच्छेद लिखिए: (क) एकता की शक्ति  [संकेत बिंदु : एकता का अर्थ -- एकता से लाभ -- एकता की शक्ति के उदाहरण -- एकता की कमी से होने वाली हानियाँ] (ख) समय का सदुपयोग  [संकेत बिंदु: समय का महत्व -- समय के सदुपयोग से जीवन में सफलता -- इसके लाभ -- समय के सदुपयोग के लिए संकल्प] (ग) नोटबंदी: राष्ट्रहित की और एक बड़ा कदम  [संकेत बिंदु : नोटबंदी की घोषणा -- राष्ट्रहित के लिए देश की जनता का जबरदस्त समर्थन -- काले धन पर पैना वार] प्रश्न 2: आप श्रेयांश/श्रेयांशी हैं। अपने क्षेत्र में बढ़ती चोरी-डकैती की घटनाओं के बारे में बताते हुए जनसत्ता दैनिक समाचारपत्र के संपादक को पत्र लिखिए। प्रश्न 3: आपके बड़े भाई की शादी है। दो दिन की छुट्टी के लिए प्रधानाचार्य को ईमेल लिखिए। प्रश्न 4: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने मित्र को लगभग 40 शब्दों में संदेश लिखिए। 

अभ्यास प्रश्नपत्र 4

चित्र
  अभ्यास प्रश्नपत्र 4 प्रश्न 1: निम्नलिखित अलंकार संबंधित प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार दीजिए: (i) 'सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यों करुई ककरी' -- में अलंकार है :  ( क) उत्प्रेक्षा ( ख) श्लेष  (ग) यमक (घ) अनुप्रास (ii) 'कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो' -- पंक्ति में निहित अलंकार है: (क) उपमा  (ख) रूपक  (ग) यमक  (घ) मानवीकरण (iii) 'उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा। मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।' -- में अलंकार है: (क) उत्प्रेक्षा   (ख) रूपक (ग) श्लेष  (घ) उपमा  (iv) निम्नलिखित में उत्प्रेक्षा अलंकार है: (क) बादल, गरजो!  (ख) घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ! (ग) ललित ललित, काले घुँघराले (घ) चित्रकूट जनु अचल अहेरी   (v) 'सुबरन को खोजत फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर' -- में अलंकार है: (क) उपमा (ख) रूपक (ग) यमक (घ) श्लेष (vi) 'मंगन को देखि पट देत बार-बार है' -- इस पंक्ति में निहित अलंकार है: (क)   उत्प्रेक्षा (ख) अतिशयोक्ति (ग) मानवीकरण (घ) श्लेष (vii) सो जनु हमरे ही माथे काढ़ा।            दिन चली गए ब्याज बड़ बाढ़ा।। --   इस चौपाई में प्रयुक्त अल

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद (कक्षा: ८)

चित्र
  अर्थ के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: वाक्य किसे कहते हैं? उत्तर : शब्दों का ऐसा व्यवस्थित और सार्थक समूह जो किसी विचार अथवा भाव को पूर्णतया व्यक्त कर सकता है, वाक्य कहलाता है। जैसे: मैं आठवीं कक्षा में पढ़ता हूँ।  इस साल ठंड कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई है। प्रश्न 2: वाक्य के कितने घटक माने गए हैं? उनके नाम लिखिए और परिभाषा सहित उदाहरण दीजिए।  उत्तर : वाक्य में 'कर्ता' और 'क्रिया' का होना अनिवार्य होता है। इसी आधार पर वाक्य के दो घटक माने गए हैं। वे हैं: (i) उद्देश्य और (ii) विधेय। वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाए, उसको वाक्य का उद्देश्य कहा जाता है और वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे वाक्य का विधेय कहा जाता है। उद्देश्य में कर्ता और विधेय में कर्म, क्रिया आदि आते हैं। उदाहरण : उद्देश्य                                     विधेय वह                                       लिखता है। वह लड़का                             पत्र लिखता है। वह आठवीं कक्षा का लड़का      अपनी माताजी को हर हफ़्ते एक पत्र                                               लिखता है। प्रश