लघुकथा लेखन
प्रश्न 1: 'समाधान' विषय पर एक लघु कथा लिखिए:
समाधान
एक बूढ़ा व्यक्ति था। उसकी दो बेटियाँ थीं। बड़ी बेटी का विवाह कुम्हार के साथ हुआ था और छोटी का एक किसान के साथ। एक बार वह पिता अपनी दोनों बेटियों से मिलने गया। पहले वह बड़ी बेटी के पास गया, जिसका विवाह एक कुम्हार के साथ हुआ था। उसका हाल-चाल पूछा तो उसने कहा कि इस बार हमने परिश्रम करके बहुत सारा सामान तैयार किया है। यदि वर्षा न आए तो हमारा कारोबार खूब चलेगा। पिताजी! आप भगवान से प्रार्थना कीजिए कि वर्षा न हो।
इसके बाद वह किसान पति वाली छोटी बेटी के घर गया और उसका हाल-चाल पूछा। बेटी ने कहा कि इस बार हमने खेतों में बहुत परिश्रम किया है। फसल अच्छी है यदि वर्षा अच्छी हुई तो बहुत अन्न उत्पन्न होगा। पिताजी! आप भगवान से प्रार्थना कीजिए कि खूब वर्षा हो।
दोनों बेटियों की बातें सुनकर पिता दुविधा में पड़ गया। दोनों की प्रार्थनाएँ परस्पर विपरीत थीं। वह वर्षा होने की प्रार्थना करे या वर्षा न होने की! क्या समाधान हो? बहुत सोच-विचार कर वह पुनः अपनी बेटियों के पास गया। पहले वह बड़ी बेटी के पास गया और उसे समझाया कि यदि वर्षा न हुई तो तुम अपने लाभ का आधा भाग अपनी छोटी बहन को दे देना। फिर वह छोटी बेटी के पास गया और उसे समझाया कि यदि वर्षा अच्छी हुई तो तुम अपने लाभ का आधा भाग अपनी बड़ी बहन को देना। इस तरह किसान ने अपनी दुविधा का समाधान निकाल ही लिया।
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प्रश्न 2: 'एकता में बल है' विषय पर एक लघुकथा लिखिए:
एकता में बल है
किसी गाँव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे और चारों आपस में लड़ते रहते थे। उनको लड़ता हुआ देखकर किसान को बड़ा दुख होता था। मगर वह कुछ कर भी नहीं पाता था। एक बार किसान बीमार पड़ गया। तब एक दिन उसने चारों बेटों को अपने पास बुलाया और एक लकड़ी का गट्ठर तोड़ने के लिए दिया। चारों बेटों ने गट्ठर को तोड़ने के लिए खूब जोर लगाया, किंतु चारों में से कोई भी उसे न तोड़ सका। अब किसान ने गट्ठर खोलकर चारों से एक-एक लकड़ी तोड़ने के लिए कहा। चारों ने बड़ी आसानी से एक-एक लकड़ी तोड़कर पूरा गट्ठर तोड़ डाला।
किसान ने अपने बेटों को समझाया कि एकता में बड़ी शक्ति होती है। जब तक लकड़ियाँ एक साथ थीं, तब तक तुम में से कोई भी उन्हें तोड़ नहीं सका। उनको अलग करके तुमने सभी लकड़ियों को आसानी से तोड़ डाला। इसी प्रकार यदि तुम भी एक होकर रहोगे तो कोई भी तुम्हें किसी प्रकार की हानि न पहुँचा सकेगा। और अगर तुम ऐसे ही लड़ते हुए अलग-अलग रहोगे तो कोई भी तुम्हें हानि पहुँचा सकता है। इसलिए तुम्हें आपस में प्रेम से मिलकर रहना चाहिए। इसके बाद चारों बेटे आपस में मिलकर रहने लगे।
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प्रश्न 3: 'घमंडी का सिर नीचा' शीर्षक पर एक लघु कथा लिखिए:
घमंडी का सिर नीचा
एक दिन पृथ्वी, हवा और वर्षा एक बड़ी चट्टान से बातें कर रहे थे। चट्टान ने कहा, "मेरे जैसा मजबूत संसार में और कोई नहीं है। तुम तीनों मेरा मुकाबला नहीं कर सकते।" पृथ्वी और हवा दोनों इस बात पर सहमत थे कि चट्टान बहुत मजबूत है। पर वर्षा इस बात पर सहमत नहीं थी कि वह चट्टान का मुकाबला नहीं कर सकती। उसने कहा, "तुम मजबूत हो, यह मैं जानती हूँ। लेकिन मैं तुमसे कमजोर तो नहीं।" वर्षा की इस बात को सुनकर पृथ्वी, हवा और चट्टान हँसने लगे। तब वर्षा ने कहा, "देखो, मैं क्या कर सकती हूँ।" यह कहकर वह तेज गति से बरसने लगी। कई दिनों तक बरसने पर भी चट्टान को कुछ नहीं हुआ। पृथ्वी, हवा और चट्टान पुनः वर्षा पर हँसने लगे। प्रत्युत्तर में वर्षा ने कहा, "थोड़ा धैर्य रखो बहन।" वर्षा चट्टान पर लगातार दो वर्षों तक बरसती रही। उसके कुछ समय बाद हवा और पृथ्वी चट्टान से मिलने पहुँची। देखा, चट्टान बीच से कट गई है। तब वर्षा ने कहा, "यह छेद चट्टान को हिंसक रूप से काटकर नहीं बनाया गया है, बल्कि यह छेद चट्टान पर मेरे लगातार नियमित रूप से गिरने से बना है।" यह सुनकर घमंडी चट्टान का सिर शर्म से झुक गया। इसलिए अभ्यास की निरंतरता से कठिन से कठिन लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
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