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अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

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       अर्थ के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: वाक्य किसे कहते हैं? उत्तर : सार्थक शब्दों के जिस व्यवस्थित समूह से विचारों की स्पष्ट और पूर्ण अभिव्यक्ति होती है, उसे वाक्य कहते हैं। जैसे-- (i) दो-तीन हफ्तों में ही हमारी परीक्षाएँ शुरू होने जा रही हैं। (ii) ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए हमें बहुत मजा आया था। (iii) वे हमारे हिंदी के अध्यापक हैं। (iv) विद्यार्थी गृहकार्य कर रहे हैं। (v) तुम कहाँ रहते हो? प्रश्न 2: अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद किए गए हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद किए गए हैं। वे हैं-- (i) कथनात्मक अथवा विधानवाचक वाक्य  (ii) निषेधवाचक अथवा नकारात्मक वाक्य  (iii) आज्ञार्थक, आदेशात्मक अथवा विधिवाचक वाक्य (iv) प्रश्नवाचक वाक्य  (v) इच्छावाचक वाक्य  (vi) संदेहवाचक वाक्य  (vii) विस्मयादिबोधक अथवा मनोवेगात्मक वाक्य और  (viii) संकेतवाचक वाक्य    प्रश्न 3: कथनात्मक वाक्य किसे कहते हैं? उत्तर : जिन वाक्यों से किसी कार्य के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है, उन्हें कथनात्मक, विधानवाचक अथवा रचनात्म...

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

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  अर्थ के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: यदि वह जल्दी जगता, तो गाड़ी पकड़ लेता।--- अर्थ के आधार पर वाक्य पहचानिए ।  उत्तर : संकेतवाचक वाक्य प्रश्न 2: उसने अपना कार्य पूरा कर लिया।-- संदेह वाचक वाक्य में बदलिए:  उत्तर : शायद उसने अपना कार्य पूरा कर लिया। प्रश्न 3: गांधी जी का नाम सबने सुना है।-- प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए: उत्तर : गांधी जी का नाम किसने नहीं सुना? प्रश्न 4: मोहन कल बाजार गया था। -- निषेधात्मक वाक्य में बदलिए ।  उत्तरः  मोहन कल बाजार नहीं गया था।   प्रश्न 5: आपकी यात्रा मंगलमय हो।-- वाक्य पहचानिए ।  उत्तर : इच्छावाचक वाक्य प्रश्न 6: सूर्य स्थिर है। -- निषेधात्मक वाक्य में बदलिए। उत्तर : सूर्य अस्थिर नहीं है। प्रश्न 7: वह कल यहाँ से चला जाएगा।-- संदेहवाचक वाक्य में बदलिए।  उत्तरः  संभवतः वह कल यहाँ से चला जाएगा। प्रश्न 8: आप सब पर प्रभु की कृपा बनी रहे।-- वाक्य पहचानिए। उत्तर : इच्छावाचक वाक्य  प्रश्न 9: क्या मेहनत हमें कमजोर बना सकती है?--- वाक्य भेद पहचानिए:  उत्तरः  प्रश्नवाचक वाक्य प्रश्न 10: तान्या ने अपना पाठ या...

रहीम के दोहे (प्रश्नोत्तर)

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  रहीम के दोहे  प्रश्नोत्तर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – प्रश्न 1: प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता? उत्तर :- प्रेम आपसी लगाव, समर्पण र्और विश्वास का नाम है। यदि एक बार भी किसी कारणवश इसमें दरार आती है तो प्रेम फिर पहले जैसा नहीं रह पाता है, जिस प्रकार धागा टूटने के बाद जब उसे जोड़ा जाए तो एक गाँठ पड़ ही जाती है। प्रेम सम्बन्ध बड़ी ही कठिनाई से बनते हैं। इसलिए इन्हें जतन से सँभालकर रखना चाहिए। प्रश्न 2. हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है? उत्तर :- हमें अपना दुःख दूसरों पर नहीं प्रकट करना चाहिए क्योंकि इससे हम केवल दूसरों के मजाक के पात्र बनकर रह जाते हैं। अपने मन की व्यथा दूसरों के सामने कहने पर उनका व्यवहार हमारे प्रति उपहासपूर्ण होने के साथ-साथ हमारे दु:ख को और बढ़ानेवाला हो जाता है। प्रश्न 3. रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? उत्तर :- सागर असीमित पानी से भरा होने के बावजूद उसके जल को कोई पी नहीं पाता क्योंकि उसका स्वाद अत्यंत खारा होता ह...

माता का अँचल (प्रश्नोत्तर)

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माता का अँचल                 --- शिवपूजन सहाय प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: 'माता का अँचल' पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है? उत्तर : अपने पिता से अधिक जुड़ाव होने के बावजूद विपदा के समय भोलानाथ पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। इसकी वजह यह हो सकती है कि माँ के आँचल तले एक बच्चे को प्यार और सुरक्षा की जो अनुभूति मिलती है, वह पिता के सान्निध्य में नहीं मिलती। माँ से बच्चों का संबंध बच्चे के जन्म के पूर्व से ही जुड़ा होता है। इसलिए भी संतान की आत्मीयता माँ के साथ अत्यंत गहरी होती है। प्रश्न 2: आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है? उत्तर : भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है, क्योंकि उसे उनके साथ दिनभर अलग-अलग खेल खेलने और शरारत भरी मस्ती करने का भरपूर आनंद मिलता है। जब भी वह अपने मित्रों को देखता है तो वह अपने पुराने सारे दुख-दर्द भूल जाता है। प्रश्न 3: माँ को बाब...

राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद(प्रश्नोत्तर)

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   राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद                                                    --तुलसीदास    प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?  उत्तर : धनुष के टूटने से परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने इसके टूट जाने के कई तर्क दिए। लक्ष्मण ने कहा कि पुराने धनुष के टूटने से क्या लाभ और क्या हानि? राम ने तो इसे नया समझकर उठाया था, लेकिन उनके छूते ही यह टूट गया तो इसमें राम का क्या दोष, आदि। प्रश्न 2: परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर :  राम के स्वभाव की विशेषताएँ : (i) राम अत्यंत विनम्र अथवा विनयी स्वभाव के हैं। (ii) वह बहुत कम बोलते हैं और उनका स्वभाव शांत है। (iii) वह अपने से बड़ों का और ऋषि-मुनियों का सम्मान करते हैं। (iv) वह अपनी कोमल और मधुर वाणी से माहौल को शांत बनाने...

रैदास के पद (प्रश्नोत्तर)

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रैदास के पद प्रश्नोत्तर  प्रश्न 1: पहले पद में भगवान और भक्तों की किन-किन चीजों से तुलना की गई है? उनका उल्लेख कीजिए। उत्तर : पहले पद में भगवान और भक्त की तुलना चंदन-पानी, घन वन-मोर, चन्द्र-चकोर, दीपक-बाती, मोती-धागा, सोना-सुहागा आदि से की गई है। प्रश्न 2: पहले पद की प्रत्येक पंक्ति के अंत में तुकांत शब्दों के प्रयोग से नाद-सौंदर्य आ गया है, जैसे -- पानी, समानी आदि। इस पद में से अन्य तुकांत शब्द छाँटकर लिखिए।  उत्तर : पहले पद में आए हुए नाद-सौंदर्य से युक्त तुकांत शब्द हैं  ---– पानी-समानी, मोरा-चकोरा, बाती-राती, धागा-सुहागा और दासा-रैदासा। प्रश्न 3: पहले पद में कुछ शब्द अर्थ की दृष्टि से परस्पर संबद्घ हैं। ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए -- उदाहरण:  दीपक  ---  बाती उत्तर : पहले पद में अर्थ की दृष्टि से परस्पर संबद्घ कुछ शब्द हैं -- दीपक-बाती, मोती-धागा, स्वामी-दासा, चन्द्र-चकोरा और चंदन-पानी। प्रश्न 4: दूसरे पद में कवि ने 'गरीब निवाजु' किसे कहा है? स्पष्ट कीजिए।  उत्तर: दूसरे पद में ‘गरीब निवाजु’ ईश्वर को कहा गया है। ईश्वर को ‘गरीब निवाजु' कहने का कारण यह...

शब्द-भंडार

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  शब्द-भंडार (क) पर्यायवाची शब्द  01. अतिथि -- मेहमान, अभ्यागत, पाहुना, आगंतुक  02. अनुपम -- अनोखा, निराला, अनूठा, अद्भुत  03. अमृत -- सुधा, पीयूष, अमिय, सोम 04. अश्व -- घोड़ा, घोटक, तुरंग, हय 05. अरण्य -- वन, जंगल, कानन, विपिन  06. अहंकार -- अभिमान, दर्प, दंभ, घमंड 07. आकाश -- गगन, नभ, अंबर, व्योम 08. आनंद -- हर्ष, उल्लास, प्रसन्नता, खुशी  09. आभूषण -- भूषण, गहना, अलंकार, जेवर 10. इच्छा -- अभिलाषा, कामना, आकांक्षा, मनोरथ 11. ईश्वर -- प्रभु, ईश, भगवान, परमेश्वर 12. उद्यान -- उपवन, बाग, बगीचा, वाटिका  13. उन्नति -- प्रगति, उत्थान, उत्कर्ष, वृद्धि 14. कपड़ा -- वस्त्र, चीर, पट, वसन 15. कमल -- पंकज, जलज, नीरज, राजीव 16. किरण -- अंशु, रश्मि, कर, मयूख 17. कृषक -- किसान, हलधर, हलवाहा, खेतिहर 18. कोयल -- कोकिल, पिक, श्यामा, वसंतदूत ================================== (ख) विलोम शब्द 01. अंधकार --- प्रकाश  02. अग्रज --- अनुज  03. अपेक्षा --- उपेक्षा 04. अनिवार्य --- वैकल्पिक/ऐच्छिक  05. आकर्षक --- विकर्षण...

एवरेस्टः मेरी शिखर यात्रा (प्रश्नोत्तर)

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एवरेस्टः मेरी शिखर यात्रा                         --  बचेंद्री पाल मौखिक: प्रश्न 1: अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था? उत्तर : उपनेता प्रेमचंद अग्रिम दल का नेतृत्व कर रहे थे। प्रश्न 2: लेखिका को 'सागरमाथा' नाम क्यों अच्छा लगा? उत्तर : लेखिका को ‘सागरमाथा’ नाम इसलिए अच्छा लगा क्योंकि शरीर के सबसे ऊँचे अंग के समान एवरेस्ट संसार की सबसे ऊँची चोटी है। प्रश्न 3: लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा? उत्तर : एक बड़े भारी बर्फ़ का बड़ा फूल (प्लूम) लेखिका को पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज जैसा लगा। प्रश्न 4: हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए? उत्तर : हिमस्खलन से एक की मृत्यु हुई और चार घायल हो गए। प्रश्न 5: मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा? उत्तर : मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए। प्रश्न 6: रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई? उत्तर : जलवायु अनुकूल न होने के कारण रसोई सहायक की मृत्यु हो ...

बालगोबिन भगत (प्रश्नोत्तर)

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   बालगोबिन भगत                       -- रामवृक्ष बेनीपुरी   प्रश्नोत्तर   प्रश्न 1: खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे? उत्तर : खेतीबारी करने वाले एक गृहस्थ होते हुए भी बालगोबिन भगत अपनी निम्नलिखित चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे-- (i) वे हरदम प्रभु का स्मरण करते थे और भजन कीर्तन में व्यस्त रहते थे। (ii) उनका रहन-सहन, वेश-भूषा किसी साधु के समान बहुत ही सरल था। (iii) वह किसी दूसरे की चीजों को छूते तक नहीं थे। (iv) उनके मन में किसी के प्रति भी राग-द्वेष की भावना नहीं थी। (v) लंबे उपवास में रहने के बावजूद उनमें अजीब-सी मस्ती बनी रहती थी। प्रश्न 2: भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी? उत्तर : पुत्र की मृत्यु के बाद भगत अकेले हो चुके थे। भगत की पुत्रवधू उनकी सेवा करना चाहती थी। उनके लिए भोजन, दवा आदि का प्रबंध करना चाहती थी। इसलिए वह भगत को कतई अकेले छोड़ना नहीं चाहती थी। प्रश्न 3: भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ कि...

बस की यात्रा (प्रश्नोत्तर)

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बस की यात्रा  प्रश्नोत्तर :  प्रश्न 1: "मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धा भाव से देखा।" -- लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई? उत्तर : बस कंपनी के हिस्सेदार बस में लगे टायरों की बुरी हालत को जानता था। फिर भी वह उस खतरनाक बस से सफर कर रहा था। उसके साथ कभी भी किसी भी किस्म का हादसा हो सकता था। उसकी ऐसी हिम्मत देखकर लेखक के मन में उसके लिए श्रद्धा का भाव जगा होगा। श्रद्धाभाव जागने की बात एक व्यंग्य है, वास्तविकता नहीं है। प्रश्न 2: "लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।" -- लोगों ने यह सलाह क्यों दी? उत्तर : लोगों ने  लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे यह जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। रास्ते में बस कभी भी और कहीं भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है अथवा धोखा दे सकती है। बस यात्रियों को गंतव्य तक ठीक से पहुँचा ही देगी यह कहना मुश्किल था। प्रश्न 3: "ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।" --  लेखक को ऐसा क्यों लगा?  उत्तर : जब बस चालक ने इंजन स्टार्ट किया तब सारी बस थरथराने लग...

लाख की चूड़ियाँ/ प्रश्नोत्तर

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  लाख की चूड़ियाँ  प्रश्न 1: बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को 'बदलू मामा' न कहकर 'बदलू काका' क्यों कहता था? उत्तरः बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि वहाँ लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू उसे लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ दिया करता था, जो उसे बहुत अच्छी लगती थीं।  मामा के गाँव के सभी बच्चे बदलू को 'बदलू काका' कहा करते थे। इसलिए लेखक भी उसे 'बदलू मामा' न कह कर 'बदलू काका' कहता था। प्रश्न 2: वस्तु विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है? उत्तरः 'वस्तु-विनिमय' का मतलब है -- एक वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ खरीद-बिक्री करना, जैसा बदलू किया करता था। विनिमय की प्रचलित पद्धति 'मुद्रा विनिमय पद्धति' है, जिसमें रुपए-पैसों के साथ सामानों का आदान-प्रदान किया जाता है। प्रश्न 3: "मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।" -- इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है? उत्तर : मशीनी युग के आगमन के कारण आज पैत्रिक काम-धंधा अपनाने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं...