रहीम के दोहे (प्रश्नोत्तर)
.jpg)
रहीम के दोहे प्रश्नोत्तर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – प्रश्न 1: प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता? उत्तर :- प्रेम आपसी लगाव, समर्पण र्और विश्वास का नाम है। यदि एक बार भी किसी कारणवश इसमें दरार आती है तो प्रेम फिर पहले जैसा नहीं रह पाता है, जिस प्रकार धागा टूटने के बाद जब उसे जोड़ा जाए तो एक गाँठ पड़ ही जाती है। प्रेम सम्बन्ध बड़ी ही कठिनाई से बनते हैं। इसलिए इन्हें जतन से सँभालकर रखना चाहिए। प्रश्न 2. हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है? उत्तर :- हमें अपना दुःख दूसरों पर नहीं प्रकट करना चाहिए क्योंकि इससे हम केवल दूसरों के मजाक के पात्र बनकर रह जाते हैं। अपने मन की व्यथा दूसरों के सामने कहने पर उनका व्यवहार हमारे प्रति उपहासपूर्ण होने के साथ-साथ हमारे दु:ख को और बढ़ानेवाला हो जाता है। प्रश्न 3. रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? उत्तर :- सागर असीमित पानी से भरा होने के बावजूद उसके जल को कोई पी नहीं पाता क्योंकि उसका स्वाद अत्यंत खारा होता ...