अकबरी लोटा, लेखक: अन्नपूर्णानंद वर्मा, कक्षा: 8, वसंत



               अकबरी लोटा 

                                                    ---अन्नपूर्णानंद वर्मा

कहानी की बात

प्रश्न 1: "लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।"

लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिल्कुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।

उत्तर: बेढंगा लोटा बिल्कुल पसंद न होने पर भी लाला झाऊलाल ने चुपचाप वह लोटा ले लिया क्योंकि वह पत्नी का अदब मानते थे। इसके अलावा वे हमेशा अपनी पत्नी के सामने कमजोर पड़ते थे। उन्हें डर था कि लोटे के बारे में कुछ कह दिया तो उनकी तेजतर्रार पत्नी भला-बुरा कहकर उन्हें अपमानित न कर दे।

प्रश्न 2: "लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।" 

आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें शामिल समझ ली होंगी?

उत्तर: अपने हाथ से छूटे हुए लोटे की तलाश में जब झाऊलाल आँगन तक उतरे तो वहाँ भीड़ इकट्ठी हो चुकी थी और सिर से पाँव तक भीगा हुआ एक अंग्रेज पैर के अंगूठे को सहलाते हुए गालियाँ बक रहा था। लाला जी समझ गए उन्हीं के लोटे के पानी से यह अंग्रेज भीगा है और चोटिल हुआ है। अब यह खूब झगड़ा करेगा और गालियाँ देगा। यह देख-सुनकर भीड़ इसके मजे लेगी। अतः लाला झाऊलाल ने सोचा कि ऐसे वक्त में उनका चुप रहना ही ठीक होगा।

प्रश्न 3: अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने से इनकार कर दिया जिससे अंग्रेज को बिलकुल शक न हो कि उसके प्रति बिलवासी जी के द्वारा दिखाई गई हमदर्दी दिखावा मात्र है। झाऊलाल को पहचान कर वे उनकी मुसीबत को और नहीं बढ़ाना चाहते थे। वह एक तीर से दो निशाने साध रहे थे जिसमें वे सफल भी रहे।

 प्रश्न 4:  बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।

उत्तर: बिलवासी जी ने अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके लाला झाऊलाल के लिए रुपयों का प्रबंध किया था।  समस्या का समाधान होने के बाद बिलवासी जी ने वे रुपए अपनी पत्नी के संदूक में वापस रख भी दिए।

प्रश्न 5: आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? 

उत्तर: अंग्रेज को पुरानी और ऐतिहासिक वस्तुओं के संग्रह का बहुत शौक था। इसके अलावा उसे अपने पड़ोसी डगलस को नीचा भी दिखाना था क्योंकि वह एक साल पहले भारत से तीन सौ रुपए में जहाँगीरी अंडा खरीद कर ले गया था। इसलिए इस अंग्रेज ने भी अपने पड़ोसी से खुद को श्रेष्ठ जताने के लिए पाँच सौ रुपए में इस बेढंगे लोटे को अकबरी और ऐतिहासिक लोटा समझकर खरीद लिया।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 6: "इस भेद को मेरे सिवाय मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।"

बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए। 

उत्तर: बिलवासी जी ने यह बात झाऊलाल से कही क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक से चुराकर झाऊलाल को पैसे दिए थे, जिस भेद को वह किसी के सामने खोलना नहीं चाहते थे।

प्रश्न 7: "उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।" समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।

उत्तर: अपनी पत्नी के संदूक से ढाई सौ रुपए निकालकर बिल वासी जी ने मित्र झाऊलाल को दे दिए और उनकी समस्या दूर कर दी। अब असली समस्या बिलवासी के सामने थी कि पत्नी की संदूक से चुराए हुए ढाई सौ रुपए उसी स्थान पर दोबारा कैसे रखे जाएँ। इसलिए बिलवासी जी को देर रात तक नींद नहीं आ रही थी।

प्रश्न 8: "लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।"

          "अजी इसी सप्ताह में ले लेना।"

          "सप्ताह से आपका  तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?"

झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।

उत्तर: झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई इस बातचीत से  निम्नलिखित बातों का पता चलता है-----

(i) उनके बीच आपसी समझदारी नहीं थी।

(ii) पत्नी अपने पति के स्वभाव से अच्छी तरह परिचित थी।

(iii) पत्नी कुछ तेजतर्रार स्वभाव की थी।

(iv) लाला झाऊलाल कंजूस स्वभाव के होंगे। 

(v) लाला जी पहले भी पत्नी से किए गए वादे समय पर न निभा पाते होंगे।

(iv दोनों के बीच काफी नोक-झोंक चलती होगी।

 क्या होता है यदि

प्रश्न 9: क्या होता यदि 

(क) अंग्रेज लोटा न खरीदता?

उत्तर: यदि अंग्रेज लोटा न खरीदता तो बिलवासी  जी को अपनी पत्नी से चुराए हुए रुपए ही लाला झाऊलाल को देने पड़ते और उन्हें अचानक यूँ पाँच सौ रुपए भी न मिल पाते।

(ख) यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता?

उत्तर: यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता तो शायद पुलिस लालाजी से क्षतिपूर्ति कराती, लाला जी को जुर्माना देना पड़ता अथवा लाला जी गिरफ्तार कर लिए जाते।

(ग) जब बिलवासी जी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे तभी उनकी पत्नी जाग जाती?

उत्तर: जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती तो पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता, बिलवासी की पत्नी उनसे सारा सच उगलवा कर रहती, बिलवासी को पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़ता और चोरी का इल्जाम सहना पड़ता। इसके अलावा बिलवासी को उनकी पत्नी जिंदगी भर विश्वास नहीं करती।

पता कीजिए 

प्रश्न 10: "अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।"

 उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?

उत्तर: उल्का एक आकाशीय तत्व है और यह किसी तारे का/ग्रह-नक्षत्र का टूटा हुआ टुकड़ा होता है। इसलिए इसे टूटा तारा भी कहते हैं।

 उल्का और ग्रहों में समानताएँ:

(i) दोनों किसी तारे अथवा नक्षत्र के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। 

(ii) दोनों आकाशीय तत्व हैं और चट्टान के कणों से बने होते हैं।

उल्का और ग्रहों में असमानताएँ:

(i) ग्रहों का आकार काफी बड़ा होता है, जबकि उल्काओं का अत्यंत छोटा।

(ii) ग्रह निश्चित गति अथवा मार्ग के साथ सूर्य की परिक्रमा करते हैं जबकि उल्काओं की गति की कोई निश्चित दिशा नहीं होती।

 प्रश्न 11: इस कहानी में आपने दो चीजों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ीं-- अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी। आपके विचार से यह कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?

उत्तर: यह दोनों ही कहानियाँ नितांत काल्पनिक लगती हैं।

 प्रश्न 12:  बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?

उत्तर: बिलवासी जी ने दो तरीकों से रुपयों का इंतजाम किया था-- 

(i) पत्नी के संदूक से चुपके से रुपए चुराकर और 

(ii) एक अनजान और अतिथि अंग्रेज को बेवकूफ बनाकर।

       भले ही इस तरह बिलवासी जी का स्वार्थ पूरा हो गया हो, परंतु रुपयों की व्यवस्था करने के उनके दोनों तरीके बिल्कुल गलत हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 13: इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे

उत्तर: पाठ में आए हुए कुछ रोचक वाक्य निम्नानुसार हैं--

(i) ...पर ढाई सौ रुपए तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते थे।

(ii) ...कुछ ऐसी गढ़न उस लोटे की थी कि उसका बाप डमरु,  माँ चिलम रही हो।

(iii) ...अब तक बिलवासी जी को वह अपनी आँखों से खा चुके होते।

(iv) सप्ताह से आप का तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?

(v) ...अभी अगर चूँ कर देता हूँ तो बाल्टी में भोजन मिलेगा। आदि।

प्रश्न 15:  इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए। 

उत्तर: तिलमिला उठना: सच्चाई का पता चलते ही अंग्रेज बिलवासी जी से तिलमिला उठा। 

चारों खाने चित होना: पत्नी की एक छोटी-सी माँग पर ही लाला झाऊलाल चारों खाने चित हो गए।

चैन की नींद सोना: संदूक में पैसे सुरक्षित रखने के बाद ही बिलवासी जी चैन की नींद सो सके।

डींगें सुनना: मेजर डगलस की डींगें सुन-सुनकर उसका पड़ोसी परेेेशान हो गया था।

आँखों से खा जाना: बिलवासी जी की बातें सुनकर झाऊलाल ने उन्हें ऐसे देखा जैसे आँखों से खा जाएँगे। 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अभ्यास प्रश्नोत्तर (कक्षा: नौ)

संक्षिप्त प्रश्नोत्तरः व्याकरण (कक्षा: 9)

नेताजी का चश्मा/ स्वयं प्रकाश