जहाँ पहिया है, लेखक: पी. साईनाथ, कक्षा: 8, वसंत
जहाँ पहिया है
लेखक: पी. साईनाथ
जंजीरें
प्रश्न 1: "---उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई न कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैंं---"
(i) आपके विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?
उत्तर: लेखक 'जंजीरों' द्वारा उन सामाजिक समस्याओं और बाधाओं की ओर इशारा कर रहा है जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। निरक्षरता, अंधविश्वास, पिछड़ापन, पर्दाप्रथा, रूढ़िवादिता आदि जंजीर की तरह होते हैं, जो महिलाओं को कभी आगे बढ़ने नहीं देतीं।
(ii) क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर: हम लेखक की बात से पूरी तरह सहमत हैं। जब लोगों में प्रबल इच्छाशक्ति जागृत हो जाती है तब वह बंधनों से मुक्ति का कोई न कोई तरीका खोज ही लेते हैं, जैसे तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं ने अपनी आजादी के लिए साइकिल चलाना आरंभ किया और आत्मनिर्भर हो गईं।
पहिया
प्रश्न 2: 'साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?
उत्तर: 'साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में अनेकों बदलाव आए, जैसे--
(i) उनमें आत्मविश्वास जगा।
(ii) पुरुषों के प्रति उनकी निर्भरता कम हो गई।
(iii) दैनिक कार्य आसानी से संपन्न करने लगीं।
(iv) उनकी आय में वृद्धि होने लगी।
(v) दूर दूर तक पहुँच कर सामान बेच आने लगीं।
(vi) आराम करने के लिए भी उन्हें अब ज्यादा समय मिलने लगा, आदि।
प्रश्न 3: शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
उत्तर: आर. साइकिल्स के मालिक ने इस आंदोलन का समर्थन इसलिए किया क्योंकि इस अकेले डीलर के यहाँ लेडीज साइकिल की बिक्री में साल भर के अंदर काफी वृद्धि हुई। दुकान में लेडीज साइकिलों के खत्म होने पर जेंट्स साइकिल तक महिलाएँ खरीदने लगीं। इस कारण उसकी आय में भरपूर बढ़ोत्तरी हुई। अतः उसे तो इस आंदोलन का समर्थन करना ही था।
प्रश्न 4: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधाएँ आईं?
उत्तर: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में निम्नानुसार की बाधाएँ आईं---
(i) पुरुषों के द्वारा साइकिल चलाने वाली महिलाओं पर फब्तियाँ कसी गईं, उनका मजाक उड़ाया गया।
(ii) उनका उत्साह भंग करने का प्रयास किया गया।
(iii) दुकानों में लेडीज साइकिलों की कमी होने लगी।
(iv) साइकिल प्रशिक्षकों का अभाव हुआ, अतः महिलाओं ने स्वयं उत्साह दिखाया।
शीर्षक की बात
प्रश्न 5: आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है' क्यों रखा होगा?
उत्तर: तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में 'महिला साइकिल आंदोलन' के कारण आए सामाजिक जागरण, बदलाव और प्रगति को दर्शाने के लिए लेखक ने पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है' रखा होगा।
प्रश्न 6: अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर: 'पहिया और प्रगति' इस पाठ का दूसरा शीर्षक हो सकता है। 'पहिए' अथवा 'साइकिल आंदोलन' के साथ जब से महिलाएँ जुड़ीं, तब से वह प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ने लगीं। अतः 'पहिया और प्रगति' इस पाठ का सार्थक शीर्षक होगा।
समझने की बात
प्रश्न 7: "लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है।"
साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर: हमेशा घर के भीतर रहने को मजबूर ग्रामीण महिलाओं के लिए साइकिल चलाकर दूर-दूर तक जाना और अपने दैनंदिन कार्य करना बहुत महत्वपूर्ण बात थी। इसने उनके समस्त जीवन को पूरी तरह बदल कर रख दिया। अब उन्हें कहीं भी आने-जाने में किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ता था। घर के अलावा बाहरी काम-काज संभालने में भी वह अब सक्षम होने लगी थीं।
प्रश्न 8: "पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।"
साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?
उत्तर: साइकिल को विनम्र सवारी इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह चलाने में बड़ा ही आसान है और सभी का विश्वसनीय सवारी साधन है। बच्चे-बुजुर्ग, स्त्री-पुरुष-- सभी इसे बड़ी सहजता के साथ चला सकते हैं। सस्ती होने के कारण यह गरीब और अमीर सभी की पहुँच की सवारी भी है।
साइकिल
प्रश्न 9: फातिमा ने कहा,"... मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।"
साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई महिलाओं को 'आज़ादी' का अनुभव क्यों होता होगा?
उत्तर: साइकिल चलाकर पुडुकोट्टई की महिलाएँ आज कहीं भी स्वच्छंद होकर घूम सकती हैं। पहिए की गति के कारण उनके जीवन में प्रगति हुई है। अब वे पुरुषों पर निर्भर न होकर अपना कार्य स्वयं कर सकती हैं। इसलिए साइकिल चलाने से फातिमा और वहाँ की अन्य महिलाएँ 'आजादी' का अनुभव करती हैं।
कल्पना से
प्रश्न 10: पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिह्न क्या बनाती और क्यों?
उत्तर: पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिह्न अवश्य ही 'साइकिल' अथवा 'पहिया' बनाती, क्योंकि इसीने वहाँ की महिलाओं के जीवन को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर किया है। उनके जीवन में आनंद और खुशहाली आई है। यह उनकी आजादी का भी प्रतीक चिह्न है।
प्रश्न 11: अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो क्या होगा?
उत्तर: अगर दुनिया के सभी पहिए एक साथ हड़ताल कर दें तो यह आधुनिक दुनिया अचानक रुक सी जाएगी। यातायात-वाहन, उद्योग-धंधे बंद हो जाएँगे। प्रगति के सारे रास्ते, सारे कार्यों में रोक लग जाएगी। चारों ओर कोलाहल की स्थिति पैदा हो जाएगी।
प्रश्न 12: "1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।"
इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: उपर्युक्त कथन से लेखक कहना चाहते हैं कि पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं में 1992 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन आयोजित साइकिल रैली के बाद नया जागरण आ गया है। अपने आत्मविश्वास, साहस, परिश्रम, उत्साह आदि के बल पर पुरुष शासित समाज में अब महिलाएँ अपना अलग ही स्थान बनाने में और सम्मान प्राप्त करने में सफल हो चुकी हैं। यह समाज अब कभी भी पुरानी स्थितियों पर जाना नहीं चाहेगा।
प्रश्न 12: मान लीजिए आप एक संवाददाता हैं। आपको 8 मार्च 1992 के दिन पुडुकोट्टई में हुई घटना का समाचार तैयार करना है। पाठ में दी गई सूचनाओं और अपनी कल्पनाओं के आधार पर एक समाचार तैयार कीजिए।
उत्तर: पुडुकोट्टई, 9 मार्च, 1992: कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यहाँ के जिला खेल मैदान परिसर में 'महिला साइकिल रैली' का एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहाँ करीब 1500 महिला साइकिल सवारों ने साइकिल पर झंडा लगाए, घंटियाँ बजाते हुए पूरे शहर की परिक्रमा की। इतनी विशाल संख्या में महिलाओं की सहभागिता और उनकी साइकिल चलाने की कुशलता से रैली देखने वाले सभी हैरान थे। इस आयोजन के बाद यह कहा जा सकता है कि यहाँ की महिलाओं में अब गजब का आत्मविश्वास आ गया है और अब उनका जीवन पहले जैसा कभी नहीं हो सकता।
भाषा की बात
प्रश्न 14: 'जहाँ पहिया है' पाठ में आए कुछ उपसर्गयुक्त और प्रत्यययुक्त शब्दों को छाँटिए और उनके मूल शब्द भी लिखिए।
उत्तर: (i) उपसर्ग युक्त शब्द:
शब्द उपसर्ग मूल शब्द
नवसाक्षर नव साक्षर
सर्वाधिक सर्व अधिक
प्रशिक्षण प्र शिक्षण
आत्मविश्वास आत्म विश्वास
असाधारण अ साधारण
परिवहन परि वहन
विनम्र वि नम्र
प्रदर्शन प्र दर्शन
(ii) प्रत्यययुक्त शब्द
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
सामाजिक समाज इक
पिछड़ेपन पिछड़ा पन
सतर्कता सतर्क ता
गतिशीलता गतिशील ता
बराबरी बराबर ई
आर्थिक अर्थ इक
आज़ादी आज़ाद ई
घरेलू घर एलू
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