बालगोबिन भगत/ शब्दार्थ
बालगोबिन भगत
--- रामवृक्ष बेनीपुरी
शब्द-संपदा(शब्दार्थ):
(i) मँझोला ---------- न बहुत बड़ा न बहुत छोटा
(ii) कमली ---------- कंबल
(iii) पतोहू ----------- पुत्रवधू, पुत्र की पत्नी
(iv) रोपनी ---------- धान की रोपाई
(v) कलेवा ----------- नाश्ता, सवेरे का जलपान
(vi) पुरवाई --------- पूरब दिशा की ओर से बहने वाली हवा
(vii) अधरतिया ---- आधी रात
(viii) खंजड़ी ------ डफली की तरह आकार में उससे छोटा
एक वाद्य यंत्र
(ix) निस्तब्धता ------ सन्नाटा
(x) लोही ------------ प्रातःकाल की लालिमा
(xi) कुहासा ---------- कोहरा,धूँध
(xii) आवृत---------‐- ढका हुआ, आच्छादित
(xiii) कुश ---------- एक प्रकार की नुकीली घास
(xiv) बोदा --------- कम बुद्धि वाला, कमजोर अथवा सुस्त
(xv) संबल --------- सहारा
(xvi) पंजर --------- मृत शरीर, शव
(xvii) विरहिनी ----- प्रेमी से लंबे समय तक बिछड़ी हुई प्रेमिका
(xviii) संझा ------- संध्या समय, शाम के वक्त गाए जाने वाले प्रभु
के भजन
(xix) सुभग ------ सुंदर
(xx) कोस ----------- दो मील के बराबर की दूरी
(xxi) छीजना --------- कमजोर अथवा दुर्बल होना
(xxii) मूसलधार वर्षा --- मोटी-मोटी बूँदों वाली लगातार वर्षा
(xxiii) दादुर ---------- मेंढक
(xxiv) टेरना -------- ऊँची आवाज में बोलना अथवा गाना
(xxv) जीने ------------ सीढ़ी
।।
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