कैदी और कोकिला/प्रश्नोत्तर
कैदी और कोकिला
-- माखनलाल चतुर्वेदी
शब्दार्थ:
(i) बटमार -- रास्ते में यात्रियों को लूट लेने वाला
(ii) हिमकर -- चंद्रमा
(iii) दावानल -- जंगल की आग
(iv) मोट -- पुर, चरसा (चमड़े का डोल जिससे कुँए आदि से पानी निकाला जाता है)
(v) जुआ -- बैलों के कंधे पर रखी जाने वाली लकड़ी
(vi) हुंकृति -- हुंकार
(vii) व्याली -- सर्पिणी, नागिन
(viii) मोहन -- मोहनदास करमचंद गांधी अर्थात महात्मा गांधी
(ix) तम -- अंधेरा
(x) कालिमामयी -- काले रंग वाली
(xi) आली -- सखी
(xii) हूक -- कसक/दर्द भरी आवाज़
(xiii) मृदुल -- कोमल, मीठा
(xiv) बावली -- पागल
(xv) गिट्टी -- छोटे छोटे पत्थर
(xvi) गज़ब ढाना -- आतंक मचाना
(xvii) रजनी -- रात
(xviii) कमली -- कंबल
(xix) लौह-शृंखला -- लोहे की जंजीर
(xx) विषमता -- अंतर, असमानता
(xxi) रणभेरी -- युद्ध का संगीत
प्रश्नोत्तर:
प्रश्न 1: कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर: कोयल की कूक सुनकर कवि को ऐसा लगा जैसे कोयल उसके लिए किसी का कोई संदेशा लेकर आई है। कवि को ऐसा लगता है कि वह संदेशा शायद बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसीलिए कोयल सुबह होने की प्रतीक्षा भी न कर सकी और अर्धरात्रि को ही संदेशा देने कवि के पास पहुँची।
प्रश्न 2: कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई?
उत्तर: कवि ने कोकिल के बोलने के कई कारणों की संभावना व्यक्त की है। उनके अनुसार--
(i) कोयल शायद कोई बहुत जरूरी संदेशा लेकर आई हो।
(ii) उसने कहीं किसी क्रांति के दावानल की ज्वाला देख ली हो और उसकी खबर देने आई हो।
(iii) देशवासियों में मधुर विद्रोह बीज बोने के लिए बोल उठी हो ।
(iv) अंग्रेज शासन से मुक्ति की रणभेरी बजा रही हो।
(v) कैदियों के मन में देशभक्ति की भावना जगाने आई हो।
प्रश्न 3: किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों?
उत्तर: कविता में अंग्रेज शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है, क्योंकि अंग्रेज शासन के दौरान निर्दोष भारतीयों पर घोर अत्याचार हुए। स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे लोगों को कारागृह में डाल कर उन पर अंग्रेजों ने तरह तरह के अत्याचार किए। कोल्हू के बैल की तरह उन्हें जोता गया। तम अर्थात् अंधकार- यहाँ अंग्रेजों के अत्याचारपूर्ण शासन का प्रतीक है।
प्रश्न 4: कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: पराधीन भारत की जेलों में कैदियों को अमानवीय यातनाएँ दी जाती थीं। राजनैतक बंदियों को खतरनाक डाकू, चोर, बटमारों के साथ रखा जाता था। उन्हें हथकड़ी, जंजीर अथवा बेड़ियों में बाँधकर रखा जाता था। भोजन भी बहुत कम दिया जाता था, जिससे उनका पेट नहीं भरता था। उनसे हल जुतवाया जाता था, कोल्हू चलवाया जाता था, बड़े बड़े पत्थरों की गिट्टियाँ तुड़वाई जाती थीं। उनके हँसने-रोने पर भी रोक थी।
प्रश्न 5: भाव स्पष्ट कीजिए---
(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो।
उत्तर: 'मृदुल वैभव की रखवाली-सी' से कवि का तात्पर्य कोयल की मीठी तथा कोमल आवाज से है। भले ही उसकी आवाज में मिठास है परंतु आज उसकी आवाज में वेदना की चीख सुनाई पड़ती है। इसलिए कवि उससे उसकी पीड़ा का कारण पूछता है।
(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कूँआ।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि कहता है कि अंग्रेज सरकार कारागृह में कैद स्वतंत्रता सेनानियों से पशुओं के समान सख्त परिश्रम करवाते हैं। उनके पेट पर जुआ बाँधकर कुँए से पानी निकाला जाता है। परंतु देशप्रेमी कैदियों को इन यातनाओं का कोई दुख नहीं है। वे इसी तरह अंग्रेज सरकार के अत्याचारपूर्ण शासन को विफल कर उनकी अकड़ खत्म कर देना चाहते हैं।
प्रश्न 6: अर्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा है?
उत्तर: अर्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को लगता है कि कोयल या तो पागल हो गई है और आधी रात को चीख रही है अथवा देशभर क्रांति की आग की लपटें उसने देख ली हैं और सभी देशवासियों को इसकी जानकारी देने और सजग करने के लिए वह अर्धरात्रि को चीख रही है।
प्रश्न 7: कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है?
उत्तर: कोयल से कवि की ईर्ष्या का मुख्य कारण उसकी स्वच्छंदता है। वह आकाश में स्वच्छंदता से उड़ान भर रही है और कवि जेल की काल कोठरी में कैद है। मीठी आवाज़ में गीत गाकर कोयल अपने आनंद को प्रकट कर सकती है परंतु कवि अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए रो भी नहीं सकता। कवि का सस्वर रोना भी गुनाह समझा जाता है। रोने के कारण उसे दंड तक मिल सकता है।
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