मोक्ष/ मूल नेपाली: नवराज पराजुली



 मोक्ष

 -- मूल नेपाली: नवराज पराजुली

 -- हिंदी अनुवाद: पुरुषोत्तम पोख्रेल 


मैं राही नहीं -- राह हूँ,

मुझे कहीं पहुँचना नहीं है

मैं यात्री नहीं -- यात्रा हूँ 

मुझे कहीं पहुँचना नहीं है 


मुझे किसीने नहीं देखा!?

इसका दुख नहीं है मुझे 

हवा से जिंदा इंसान भी हवा को कहाँ देख पाता है

मुझे किसी ने बचाया नहीं!?

इसका भी दुख नहीं है मुझे

दरख्तें भी तो धूप-बरसात में नहीं ओढ़ते छतरी


मैं इस माटी का गर्व हूँ 

हूँ सूरज का देखा हुआ एक सपना

दरिया का जोड़ा हुआ संबंध हूँ मैं 

और हूँ आँधियों से गिराया हुआ सरहद 

आकाश के आलिंगन में है अस्तित्व मेरा


नहीं हूँ मैं वह हारने वाला

मैं तो साक्षी हूँ उस हारने वाले का 

वह जीतने वाला!? ...मैं नहीं हूँ

मैं तो साक्षी हूँ उस जीतने वाले का भी

अस्तित्व! ...मैं नहीं हूँ 

मैं तो साक्षी हूँ मुझ में निहित अस्तित्व का भी


 मुझे तुम्हारा क्यों होना है?

 मुझे तो अपना ही नहीं है होना

 मुझे उसका होना है 

उसका होना है मुझे तो 

जिसका होने के बाद फिर किसी का होना नहीं पड़ता

                        ... फिर किसी का होना नहीं पड़ता











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