पद परिचय-2
पद परिचय/भाग-2
प्रश्न 1: पद किसे कहते हैं?
उत्तर: वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पद कहते हैं।
प्रश्न 2: पद परिचय की परिभाषा दीजिए:
उत्तर: पदों का व्याकरणिक परिचय देना 'पद परिचय' कहलाता है।
प्रश्न 3: हिंदी में पद कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए:
उत्तर: हिंदी में पद पाँच प्रकार के होते हैं। वे हैं:
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया और
(ङ) अव्यय
प्रश्न 4: अव्यय किसे कहते हैं? इसके कितने भेद होते हैं? उनके नाम लिखिए:
उत्तर: वाक्य में प्रयुक्त जिन शब्दों के साथ लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक चिन्ह आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, उन्हें अव्यय कहते हैं।
इस के पाँच भेद होते हैं। वे हैं:
(क) क्रियाविशेषण
(ख) संबंधबोधक अव्यय
(ग) समुच्चयबोधक अव्यय
(घ) विस्मयादिबोधक अव्यय और
(ङ) निपात
प्रश्न 5: क्रियाविशेषण किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा और उदाहरण सहित सविस्तार लिखिए:
उत्तर: जो अव्यय अथवा अविकारी शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
इसके चार भेद हैं। वे हैं:
(क) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(ख) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(ग) कालवाचक क्रियाविशेषण और
(घ) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
क) स्थानवाचक क्रियाविशेषण: क्रिया के घटित होने के स्थान के विषय में बोध कराने वाले क्रियाविशेषण शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
कमला ऊपर बैठी है।
तुम दूर चले जाओ।
वह किधर गया?
खिलाड़ी आमने-सामने खड़े थे।
(ख) रीतिवाचक क्रियाविशेषण: जिन क्रियाविशेषण शब्दों से क्रिया के होने की रीति या विधि का पता चले, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे:
विद्यार्थी ध्यानपूर्वक पढ़ रहे हैं।
घायल घोड़ा धीरे-धीरे चल रहा था।
वह अचानक रोने लगा।
कुत्ता बिल्ली के पीछे तेज भाग रहा है।
(ग) कालवाचक क्रियाविशेषण: वे क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के होने या करने के समय की सूचना देते हैं, कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
रोगी पीड़ा के कारण रातभर जागता रहा।
रमेश अभी आया है।
मैं अपने मित्र के घर परसों जाऊँगा।
स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए।
(घ) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण: जिन क्रियाविशेषण शब्दों से क्रिया की मात्रा या उसके परिमाण का बोध होता है, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे:
वह बहुत कम बोलता है।
उतना खाओ जितना पचा सकते हो।
वह बहुत हँसता है।
बूढ़ा आदमी थोड़ा ही चल सका।
प्रश्न 6: संबंधबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
उत्तर: वह अविकारी शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के साथ आकर उनका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ प्रकट करते हैं, वे संबंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे:
बच्चे पिता के साथ बाजार गए हैं।
मैंने घर के सामने गाड़ी खड़ी की है।
मेरे घर के चारों ओर लहलहाते खेत हैं।
प्रश्न 7: समुच्चयबोधक अव्यय की परिभाषा लिखिए:
उत्तर: कुछ अव्यय शब्द दो शब्द, दो पदबंध अथवा दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य करते हैं, ऐसे योजक शब्दों को समुच्चयबोधक अव्यय कहा जाता है। जैसे: और, तथा, एवं, किंतु, अथवा, या, इसलिए, यदि... तो, ताकि, क्योंकि आदि।
प्रश्न 8: समुच्चयबोधक अव्यय के कितने भेद हैं? वे कौन से हैं? उदाहरण सहित उनकी परिभाषा लिखिए:
उत्तर: समुच्चयबोधक अव्यय के दो भेद हैं। वे हैं:
(क) समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय और
(ख) व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
(क) समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय: दो या दो से अधिक समान स्थिति वाले शब्द, पदबंध, उपवाक्य अथवा वाक्यों को जोड़ने वाले शब्दों को समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे:
नेहा पढ़े-लिखे और संभ्रांत परिवार की है।
राम-लक्ष्मण तथा भरत-शत्रुघ्न अपने पिता की आँखों के तारे थे।
सीता और गीता सहेलियाँ हैं।
(ख) व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय: जो शब्द एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्यों को प्रधान वाक्य से जोड़ने का कार्य करते हैं, उन्हें व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे:
मैं बाजार जा रहा हूँ क्योंकि मुझे पुस्तक खरीदनी है।
मैं यह चाहता हूँ कि तुम खुश रहो।
लोग बेटा चाहते हैं ताकि बुढ़ापे में वह उनकी सेवा करे।
यदि मैं बाजार गया तो तुम्हें साथ ले जाऊँगा।
जब तक पिताजी नहीं आएँगे तब तक मैं खाना नहीं खाऊँगा।
प्रश्न 9: विस्मयादिबोधक अव्यय की उदाहरण सहित परिभाषा लिखिए:
उत्तर: वे अव्यय शब्द जो आश्चर्य अथवा विस्मय, हर्ष, घृणा, दुख, पीड़ा आदि मनोभावों का बोध कराते हैं, विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे:
अरे! तुम अब तक यहीं हो।
वाह! कितना सुंदर दृश्य है।
शाबाश! परीक्षा में इसी तरह हर वर्ष प्रथम आना।
खबरदार! आगे ऐसी हरकत मत करना।
प्रश्न 10: निपात किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए:
उत्तर: जो अव्यय शब्द वाक्य में किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल ला देते हैं, उन्हें निपात कहा जाता है। जैसे:
यह काम आपको ही करना होगा।
हम भी चलेंगे, जल्दी क्या है।
वह मुझसे बोला तक नहीं।
तुम तो मरोगे ही, मुझे भी मरवाओगे।
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