पद परिचय 1

 

पद परिचय/भाग-1


प्रश्न 1: पद किसे कहते हैं?

उत्तर: वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पद कहते हैं।


प्रश्न 2: पद परिचय की परिभाषा दीजिए:

उत्तर: पदों का व्याकरणिक परिचय देना 'पद परिचय' कहलाता है।


प्रश्न 3: हिंदी में पद कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए:

उत्तर: हिंदी में पद पाँच प्रकार के होते हैं। वे हैं: 

(क) संज्ञा

(ख) सर्वनाम

(ग) विशेषण

(घ) क्रिया और 

(ङ) अव्यय। 


प्रश्न 4: संज्ञा किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा सहित सविस्तार लिखिए:

उत्तर: किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण अथवा भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं। जैसे: 

लड़का चला गया।

गाय दूध देती है।

अलमारी में कपड़े रखे हैं। 

राजेश दसवीं कक्षा में पढ़ता है।

काठमांडू नेपाल की राजधानी है।

साहस को सभी गुणों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।


     संज्ञा के ३(तीन) भेद होते हैं। वे हैं---

(क) जातिवाचक संज्ञा,

(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा और 

(ग) भाववाचक संज्ञा


(क) जातिवाचक संज्ञा: जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति की सभी वस्तुओं अथवा सारी जाति या समुदाय का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: 

घड़ी में दोपहर के बारह बजे हैं। 

बच्चे आँगन में खेल रहे हैं।

पशु बोल नहीं सकते।

पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं।  

आजकल विद्यालय बंद हैं।


(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा: जो संज्ञा शब्द किसी एक विशेष व्यक्ति, प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध कराते हैं, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: 

नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। 

रोहन दसवीं कक्षा में पढ़ता है।

ऐरावत इंद्र का हाथी है। 

राणा को चेतक से बहुत प्यार था।  


(ग) भाववाचक संज्ञा: जिन संज्ञा शब्दों से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण-धर्म, दोष, शील-स्वभाव, अवस्था, भाव आदि का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: 

एवरेस्ट की ऊँचाई 8848 मीटर है।

क्रोध रौद्र रस का स्थायी भाव है।

बचपन में बच्चे शरारती होते हैं।   

बुढ़ापा इंसान की याद्दाश्त को छिन लेता है। 


प्रश्न 5: सर्वनाम किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा सहित सविस्तार लिखिए:

उत्तर: संज्ञा की पुनरावृति से बचने के लिए संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे:

यह मेरा विद्यालय है।

वहाँ हमें रोज नृत्य सिखाया जाता था।

हम आजकल विद्यालय नहीं जाते।


      सर्वनाम के ६(छह) भेद होते हैं। वे हैं--

(क) पुरुषवाचक सर्वनाम,

(ख) निश्चयवाचक सर्वनाम,

(ग) अनिश्चयवाचक सर्वनाम 

(घ) संबंधवाचक सर्वनाम

(ङ) प्रश्नवाचक सर्वनाम और

(च) निजवाचक सर्वनाम 


(क) पुरुषवाचक सर्वनाम: जो सर्वनाम शब्द वक्ता (बोलने वाले), श्रोता (सुनने वाले) या किसी अन्य व्यक्ति (जो उस समय उपस्थित नहीं है) के लिए प्रयोग किए जाते हैं, वे पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

      पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं:

(i) उत्तम पुरुष (वक्ता के लिए); जैसे: मैं, हम 

(ii) मध्यम पुरुष (श्रोता के लिए); जैसे: तू, तुम, आप

(iii) अन्य पुरुष (सामान्यतः वह व्यक्ति जो सामने उपस्थित नहीं है, उसके लिए); जैसे: वह, वे आदि।


(ख) निश्चयवाचक सर्वनाम: वे सर्वनाम शब्द जो किसी व्यक्ति, वस्तु, घटना आदि का निश्चित बोध कराते हैं, निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे:

वह मेरी किताब है।

वे हमारे दूर के रिश्तेदार हैं।

यह हमारा गाँव है।


(ग) अनिश्चयवाचक सर्वनाम: जो सर्वनाम शब्द किसी अनिश्चित वस्तु, व्यक्ति या प्राणी का बोध कराते हैं, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे:

कोई आपसे मिलना चाहता है।

मेरे पिताजी कहीं घूमने निकले हैं।

माँ रसोई में कुछ बना रही है।


(घ) संबंधवाचक सर्वनाम: जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वाक्य में प्रयुक्त दूसरे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे:

जो करेगा सो भरेगा।

जो झूठ बोलता है वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता।

यह वही फिल्म है जिसे तुम देखना चाहते थे।


(ङ) प्रश्नवाचक सर्वनाम: जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, क्रिया आदि के विषय में प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे: कौन, क्या, किसकी, कहाँ आदि।

 

(च) निजवाचक सर्वनाम: जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता स्वयं के लिए किया जाता है, वे निजवाचक सर्वनाम कहे जाते हैं। जैसे: 

मैं स्वयं चला जाऊँगा।

वह अपने आप अंदर आया था।

आप खुद भी यह काम कर सकते हैं।


प्रश्न 6: विशेषण किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा और उदाहरण सहित समझाइए:

उत्तर: जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण, संख्या, मात्रा, परिमाण आदि) बताते हैं, उन्हें विशेषण कहा जाता है। जैसे: 

सफेद कपड़े जल्दी मैले होते हैं।

वह बाजार से ताजे फलफूल खरीदकर लाया।

मुझे चार किलो चावल दीजिए। 

उसने ब्राह्मण को दो दर्जन केले दान दिए।


विशेषण के ४(चार) भेद होते हैं। वे हैं:

(क) गुणवाचक विशेषण 

(ख) परिमाणवाचक विशेषण

(ग) संख्यावाचक विशेषण और 

(घ) सार्वनामिक अथवा सांकेतिक विशेषण


(क) गुणवाचक विशेषण: जो विशेषण अपने विशेष्य के गुण-दोष, रंग-रूप, आकार-प्रकार, स्वाद, गंध, दिशा, स्थान आदि का बोध कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:

काला कुत्ता भौंक रहा है।

मोटा लड़का तेज दौड़ नहीं सका।

हिरण खुशबूदार घास चर रही है।

पश्चिमी पहाड़ी में जोरदार बारिश हो रही है।


(ख) परिमाणवाचक विशेषण: जो पद अथवा विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के परिमाण का बोध कराते हैं, परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे: 

मुझे कुछ खाना दे दो।

अस्पताल में दो टन ऑक्सीजन पहुँचा दी गई। 

बोतल में पाँच लीटर तेल है।

मुझे दो मीटर कपड़े की आवश्यकता है।


(ग) संख्यावाचक विशेषण: जो पद अथवा विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराए, वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे: 

एक सूर्य पूरी दुनिया को रोशन कर देता है।  

दो लड़के अचानक झगड़ने लगे।

मुझे परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।  

दोनों बैल मूक भाषा समझते थे। 


(घ) सार्वनामिक विशेषण: जो सर्वनाम शब्द संज्ञा पद से पूर्व लगकर विशेषण का काम करते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण अथवा सांकेतिक विशेषण कहते हैं। जैसे:

मैंने यह निबंध पढ़ लिया है।

उस घर में मेरी सहेली रहती है। 

वह लड़की कक्षा में हमेशा प्रथम आती है।


प्रश्न 7: क्रिया किसे कहते हैं? कर्म के आधार पर इसके कितने भेद हैं? लिखिए:

उत्तर: जिन शब्दों से किसी कार्य के करने अथवा होने का, किसी घटना के घटित होने का अथवा किसी वस्तु या व्यक्ति की अवस्था या स्थिति का बोध होता है, उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे: चलना, दौड़ना, गाना, होना, रोना आदि।

         कर्म के होने अथवा न होने के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं। वे हैं:

(क) अकर्मक क्रिया और 

(ख) सकर्मक क्रिया


(क) अकर्मक क्रिया: जिस क्रिया का फल कर्म पर न पड़कर कर्ता पर पड़ता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। इसमें किसी कर्म की आवश्यकता नहीं होती। जैसे:

मनोज सो रहा है।

जहाज उड़ रहा है। 

नेहा भाग रही है। 


(ख) सकर्मक क्रिया: जिस क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है तथा जिसके प्रयोग में कर्म की अनिवार्यता बनी रहती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे: 

बिंदु पुस्तक पढ़ रही है।  

रेखा ने फल खरीदे।  

विद्यार्थी निबंध लिख रहे हैं। 

लड़के क्रिकेट खेलते हैं।
















..




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अभ्यास प्रश्नोत्तर (कक्षा: नौ)

संक्षिप्त प्रश्नोत्तरः व्याकरण (कक्षा: 9)

नेताजी का चश्मा/ स्वयं प्रकाश