इस जल प्रलय में

 




इस जल प्रलय में


प्रश्न 1: बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे? 


उत्तर: बाढ़ की खबर सुनकर लोग अति आवश्यक सामानों को जुटाने में और अपनी सुरक्षा का प्रबंध करने में व्यस्त हो गए। आवश्यक ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी, दवाइयाँ आदि इकट्ठा करने लगे ताकि बाढ़ से घिर जाने पर भी कुछ दिनों तक गुजारा चल सके।


प्रश्न 2: बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाहर का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?


उत्तर: लेखक उसी क्षेत्र के रहने वाले थे, जहाँ बाढ़ग्रस्त लोग शरण लिया करते थे। बीते दिनों में लेखक बाढ़ पीड़ितों की मदद कई तरह से कर चुके थे। उन्होंने बाढ़ देखा तो था, परंतु बाढ़ से घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वे उसका प्रत्यक्ष अनुभव करना चाहते थे। इसलिए बाढ़ के संबंध में अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए वे बहुत बेचैन और उत्सुक थे।


प्रश्न 3: सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? 


उत्तर: सबके मन में एक ही जिज्ञासा थी-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह के मन का त्रास, उत्कंठा, सुरक्षा की चिंता एवं कुतूहल की भावना प्रकट होती है। वे बढ़ते पानी से डरते भी हैं और इसे देखने एवं इसके संबंध में जानने के लिए उत्सुक भी हैं।


प्रश्न 4: 'मृत्यु का तरल दूत' किसे कहा गया है और क्यों?


उत्तर: बाढ़ के लगातार बढ़ते पानी को 'मृत्यु का तरल दूत' कहा गया है।


       बाढ़ के इस बढ़ते पानी में न जाने कितने जीवन और कितने घर उजड़ चुके थे, कितने जानवर बह गए थे। बाढ़ का गेरुआ झाग वाला पानी जो मोटी डोरी की शक्ल में निरंतर बढ़ता आ रहा था, जो लोगों के मन में भय उत्पन्न कर रहा था तथा सब कुछ धीरे-धीरे डुबोता हुआ आ रहा था। बाढ़ के इस बढ़ते जल के कारण कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। इसलिए इसे 'मृत्यु का तरल दूत' कहना बिल्कुल सार्थक है।


प्रश्न 5: आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए:


उत्तरः (i) आकस्मिक आपदाओं के संबंध में जनता को हमेशा सचेत रखना चाहिए।


(ii) सरकार एवं स्वयंसेवी संगठनों के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए।


(iii) संचार साधनों के माध्यम से संभावित आपदाओं से बचाव के तरीकों के संबंध में निरंतर सूचनाओं का प्रवाह होना चाहिए।


(iv) यदि संभव हो तो आने वाली आपदा की भविष्यवाणी की जानी चाहिए।


(v) आपदा प्रबंधन टीम को हमेशा तैयार रहना चाहिए ताकि राहत कार्य सुचारु रूप से चलाए जा सकें।


(vi) लोगों को आपातकाल के लिए भोजन सामग्री, ईंधन, दवाइयाँ, आदि की व्यवस्था कर लेनी चाहिए।


(vii) प्रशासन को महामारी रोकने के इंतजाम करने चाहिए।


(viii) डॉक्टरों की टीम को हमेशा तैयार रखना चाहिए।


प्रश्न 6: 'ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलट कर देखने भी नहीं गए... अब बूझो!' -- इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?


उत्तर: उपर्युक्त कथन के द्वारा लोगों की संकुचित एवं स्वार्थी मानसिकता, दूसरों को दुख में देखकर भी आनंदित होने की प्रवृत्ति, संवेदनहीन स्वभाव पर चोट की गई है। एक समय जब दानापुर डूब रहा था, तब पटना के लोगों ने उनकी बिलकुल मदद नहीं की थी और उनकी कोई खोज-खबर तक नहीं ली थी। अब स्वयं के बाढ़ में फँसने पर बाढ़ की पीड़ा को वे अवश्य महसूस कर रहे होंगे। उक्त कथन में वक्ता की यही भावना व्यक्त हुई है।


प्रश्न 7: खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?


उत्तर: अन्य दुकानें बंद हो चुकी थीं, लेकिन पान की दुकानें खुली हुई थीं। उन दुकानों में से बाढ़ की पल-पल की जानकारी देते हुए रेडियो से समाचार प्रसारित हो रहा था। बाढ़ के बारे में समाचार जानने के लिए सभी उत्सुक थे। इसी बहाने वहाँ खड़े होकर लोग पान खरीद कर खा रहे थे और पान का मजा लेते हुए समाचार भी सुन रहे थे।  इसलिए बाजार में खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक बढ़ गई थी। 


प्रश्न 8: जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?


उत्तरः जब लेखक को एहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने सबसे पहले इंधन का प्रबंध किया। फिर खाने के लिए आलू, प्रकाश के लिए मोमबत्ती और दियासलाई, पीने के लिए पानी तथा कंपोज की गोलियाँ एकत्र कीं। उसने एक सप्ताह तक पढ़ने के लिए हिंदी, बाँग्ला और अंग्रेज़ी की फ़िल्मी पत्रिकाएँ भी खरीद लीं ताकि बाढ़ के समय अपना समय बिता सके।


प्रश्न 9: बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?


उत्तर: बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में अक्सर पकाही घाव फैलने की आशंका रहती है। बाढ़ के गंदे और सड़े हुए पानी के कारण लोगों के पाँवों की  उंगलियाँ सड़ जाती हैं और तलवों में घाव हो जाते हैं।


प्रश्न 10: नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया? 


उत्तरः कुत्ते के प्रति नौजवान का प्रेम और भेदभावहीनता एवं मालिक के प्रति कुत्ते की वफादारी के कारण नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। इस व्यवहार से उनके बीच की गहरी मैत्री का परिचय मिलता है।


प्रश्न 11. ‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं-- मेरे पास।’---मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?


उत्तर: लेखक बाढ़ के अनुभव को पूरी तरह जीना और भोगना चाहते हैं। उधर उनका कलाकार मन चाहता है कि वह बाढ़ के दृश्यों को संजो लें। यदि उनके पास मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर या कलम होती तो वह बाढ़ का निरीक्षण करने की बजाय उसका चित्रण करने में लग जाते। तब जीवन को साक्षात भोगने का अवसर उनके हाथ से निकल जाता। इसलिए लेखक ने अंत में कहा कि अच्छा ही हुआ, उसके पास कुछ भी नहीं।





































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