संगतकार/ मंगलेश डबराल

 


  संगतकार/ मंगलेश डबराल

प्रश्न 1: संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?

उत्तर: संगतकार के माध्यम से कवि उन व्यक्तियों की ओर संकेत  करना चाह रहा है जो नेतृत्व स्थानीय व्यक्तियों की सफलता में पर्दे के पीछे रहकर अपना योगदान देते हैं। ये लोग बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान तो देते हैं परंतु लोगों की निगाह में नहीं आ पाते हैं अथवा सफलता के श्रेय से वंचित रह जाते हैं। मुख्य गायक की सफलता में साथी गायक, वाद्यवादक, अन्य कलाकार, ध्वनि एवं प्रकाश की व्यवस्था देखने वाले कर्मचारियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है, परंतु उन्हें इसका श्रेय कभी नहीं मिल पाता है।

प्रश्न 2: संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?

उत्तर: संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा भी बहुत सारे क्षेत्रों में दिखाई देते हैं; जैसे--

(i) खेल में जीत का श्रेय हमेशा अधिनायक को मिलता है, जबकि विजेता बनाने में अनेक खिलाड़ी, कोच एवं अन्य अनेक लोगों का योगदान भी होता है।

(ii) राजनीति के क्षेत्र में जीत केवल किसी उम्मीदवार विशेष की होती है, परंतु उसे विजयी बनाने में प्रचार करने वाले उनके सहयोगी कई छोटे नेता और मतदाता सब का योगदान होता है। 

(iii) एक फिल्म को सफल बनाने में नायक अथवा निर्देशक का ही नहीं, अन्य अगणित लोगों का योगदान होता है।

(iv) किसी युद्ध को जीतने में राजा अथवा सेनापति के अलावा भी बहुत सारे वीर सैनिकों का योगदान होता है।

ऐसे अनगिनत उदाहरण दिए जा सकते हैं।

प्रश्न 3: संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?

उत्तर: संगतकार निम्नलिखित रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं:

(i) वह अपनी आवाज और गूँज को मुख्य गायक की आवाज में मिलाकर उनके स्वर को और अधिक मजबूत बनाते हैं।

(ii) मुख्य गायक जब सुर से भटक जाते हैं तब संगतकार ही स्थायी गायन द्वारा उन्हें मूल स्वर में ले आते हैं। 

(iii) वह मुख्य गायक की थकी, टूटती, बिखरती आवाज को बल देकर सहयोग देते हैं और उनके अकेलेपन के एहसास को दूर करते हैं।

प्रश्न 4: भाव स्पष्ट कीजिए: 

और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ सुनाई देती है 

या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है 

उसे विफलता नहीं 

उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए। 

उत्तरः संगतकार जब मुख्य गायक के साथ गा रहा होता है तो उसकी आवाज में एक हिचकिचाहट साफ सुनाई देती है। वह अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा उठाने का प्रयास कभी नहीं करता।  वास्तव में यह उसकी विफलता नहीं, यह तो उसकी मनुष्यता है। वह मुख्य गायक का सम्मान करता है और किसी भी अवस्था में उसे कमजोर होते हुए देखना नहीं चाहता।

प्रश्न 5: किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए। 

उत्तरः किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को उनके अनेक सहयोगी तरह-तरह से अपना योगदान दे रहे होते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी फिल्म के निर्देशक की सफलता पर नायक-नायिका, खलनायक सहित अनेक सहयोगी कलाकार, नृत्य-संगीत विभाग के निर्देशक, गायक-गायिका, हैरतअंगेज कारनामा करने वाले स्टंटमैन, फिल्म वितरक आदि लोग भी योगदान देते हैं। इस तरह हम देखते हैं कि कई तरह के लोगों के योगदान और सहयोगिता से ही ऐसे व्यक्तियों को प्रसिद्धि मिलती है। 

प्रश्न 6: कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नजर आता है, उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर: तारसप्तक में गाते समय जब स्वर का चढ़ाव अत्यधिक उच्चता तक तक पहुँच जाता है, तब मुख्य गायक का अकेला कंठस्वर उस विस्तार तक पहुँचने में असमर्थ-सा लगता है। उसकी शक्ति समाप्त हो जाती है अथवा उसका उत्साह मंद पड़ने लगता है। तब संगतकार ही अपनी आवाज के सुरीलेपन से उसकी बिखरती आवाज को संभाल लेता है और मुख्य गायक की शक्ति और उत्साह को लौटा लाता है। इस प्रकार संगतकार मुख्य गायक का सहायक नहीं उनका संरक्षक, मित्र एवं हितैषी भी बन जाता है।

प्रश्न 7: सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाते हैं तब उसे सहयोगी किस तरह संभालते हैं? 

उत्तरः जब कोई व्यक्ति सफलता के चरम शिखर पर पहुँचकर अचानक लड़खड़ा जाता है तो उसके सहयोगी उसे अपनी शक्ति, उत्साह, शाबाशी और साथ देकर संभालते हैं। वे अपना सर्वस्व देकर उसकी मदद करते हैं और उसे निरंतर प्रोत्साहित करते हैं। विपरीत अथवा कठिन स्थिति में यदि अच्छे सहयोगी या सलाहकार न मिले तो शिखर पर पहुँचने वाले लोगों की निरंतर सफलता भी संदिग्ध हो जाती है। 
















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