भगवान के डाकिए/रामधारी सिंह 'दिनकर'
भगवान के डाकिए/रामधारी सिंह 'दिनकर'
प्र०1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यो बताया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए माना है क्योंकि ये संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने–ले–जाने का कार्य करते हैं। प्रकृति और तत्व दोनों ही अपना कार्य सुचारू रूप से निभा रही है। यह अपने पंखों पर सुगंधित वायु को लेकर एक देश से दूसरे देश पहुंचाते हैं। इसलिए कवि दिनकर ने इन्हें भगवान के डाकिए कहा है।
प्र०2. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।
उत्तर– पक्षी और बादल दोनों ही कवि के अनुसार भगवान के डाकिए हैं। इनके द्वारा लाई गई चिट्ठियों को पेड़–पौधे , पानी और पहाड़ ही पढ़ जाते हैं। और यह हमारे संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने का कार्य करते हैं। पेड़–पौधे ,पानी और पहाड़ वहीं इनकी भाषा को समझ पाते हैं।
प्र०3. किन पंक्तियों का भाव है:
(क) पक्षी और बादल प्रेम , सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश क्यों भेजते है।
उत्तर– पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं, जो एक महादेश से, दूसरे महादेश को जाते हैं।
(ख) प्रकृति देश–देश में भेद-भाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर– और एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बन कर गिरता है।
प्र०4. पक्षी और बादल की छुट्टियों में पेड़–पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तर– पक्षी और बादल की छुट्टियों में पेड़–पौधे, पानी और पहाड़ बहुत–सी बातों को पढ़ पाते हैं। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है। पक्षी और बादल प्रेम सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं। वह यह भी बताते हैं, कि प्रकृति देश–देश में भेद-भाव नहीं करती।
प्र०5. “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है”– कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– कवि दिनकर ने “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” से ये बताया है कि, एक धरती दूसरी धरती को प्यार और सौहार्द भेजती है। ‘सुगंधा’ प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। यह गाना एक देश की धरती दूसरे देश को भेजती है ‘प्यार’ का अन्य रूप बनकर एक देश से दूसरे देश में जाकर प्यार और उत्साह का वातावरण बनाते हैं। कोई भी देश ऐसा वातावरण प्राप्त कर उन्नति के शिखर पर बड़े ही आराम से पहुंच सकता है।
पाठ से आगे
प्र०1. पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
उत्तर– पक्षी और बादल के बीच चिट्ठियों के आदान-प्रदान या संवाद से हमें यहीं सन्देश मिलते है की हमें एकदिवसीयता, मैत्री, और आपसी सम्मान के नजरिया से देखना चाहिए।
प्र०2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्टियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पक्तियाँ लिखिए।
उत्तर– पक्षी और बादल प्रकृति के अनुसार सांझा क्रियाएँ करते हैं, जबकि इंटरनेट मनुष्य के अनुसार काम करता है। बादल प्रकृति के प्रेमी को प्रभावित करता है, लेकिन इंटरनेट विज्ञान के प्रेमी को प्रभावित करता है। पक्षी और बादल की क्रिया धीमी गति से होती है, जबकि इंटरनेट तेज़ गति से काम करता है। आज हम इंटरनेट के माध्यम से किसी भी स्थान पर संवाद भेज सकते हैं। व्यक्ति बैठे-बैठे घर के आराम से विश्व के किसी कोने में अपना संदेश भेजकर उसका जवाब प्राप्त कर सकता है, किंतु बादल और पक्षियों की चिट्ठियाँ शांत होती हैं। वे चुपचाप रहकर दूर-दूर तक भगवान के संदेश को ले जाती हैं और उसे प्रतीति के रूप में प्रसारित करती हैं। वे पूर्णतः मौन रहती हैं। इनके भावों को पेड़, पौधे, पहाड़, नदियाँ, सागर आदि महसूस कर सकते हैं, मगर मनुष्य नहीं, जबकि इंटरनेट के माध्यम से हम अपने संदेश को स्पष्ट रूप में लिखकर और दूसरों के संदेशों को आसानी से पढ़कर अभिव्यक्ति कर सकते हैं। पक्षी और बादल यह कार्य नहीं कर सकते। पक्षी और बादलों की चिट्ठियाँ मानव के लिए पढ़ना कठिन होता है। इंटरनेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से संवाद करने का तेज़ माध्यम है। इसके माध्यम से हम किसी व्यक्तिगत राय को जान सकते हैं, मगर पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ हमें ईश्वर का संदेश देती हैं। वे पूरे विश्व में निर्भेद रूप से प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश पहुंचाती हैं। हमें भी इंटरनेट के माध्यम से प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश विश्व में फैलाने का निर्णय लेना चाहिए।
प्र०3. हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका पर 10 वाक्य लिखिए।
उत्तर– (1) डाकिया डाक–विभाग का कर्मचारी होने के साथ-साथ हमारे जीवन का भी एक अंग बन चुका है।
(2) अपनों तक हमारे जीवन में सुख–दु:ख के क्षणों को वह निरंतर बनाए रखता है।
(3) वह हमें हमारे मित्रों, सगे–संबंधियों से जोड़ने का काम करता है।
(4) डाकिया हमें स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ करने की प्रेरणा देता है।
(5) उनकी दिनचर्या हमें समय पर काम करना सिखाती है।
(6) वह हमें अपने दु:खों को बुलाकर दूसरों को परेशान करने और प्यार बांटने को कहता है।
(7) उसके द्वारा लाए गए अच्छे संदेश हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं।
(8) उसके द्वारा किया जाने वाले अथाह परिश्रम हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
(9) व्यक्तिगत भिन्नताओ को बुलाकर वह हमें सूचनाए–संदेश प्रदान करता है।
(10) उसकी यह अच्छाई हमारे जीवन का मार्ग–दर्शन करती है।
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