अभ्यास प्रश्नोत्तर (कक्षा 9)
कक्षा 9 के लिए
अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: हीरा और मोती ने गया के साथ जाने का विरोध क्यों किया होगा?
उत्तरः हीरा और मोती स्वामी भक्त बैल थे। वे अपने स्वामी झूरी काछी के घर हर दशा में प्रसन्न थे। उन्हें गया के साथ जाना बिलकुल अच्छा नहीं लगा। उन्होंने सोचा होगा कि वह बेच दिए गए हैं। इस कारण उनके मन में रोष था। इसी रोष के कारण उन्होंने गया के साथ जाने का विरोध किया होगा।
प्रश्न 2: झूरी अपने बैलों के साथ कैसा व्यवहार करता था?
उत्तरः झूरी अपने बैलों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करता था। वह उन्हें प्रेम से भूसा खिलाता था और उनके पीठ सहलाता था। वह उन्हें कभी मारता नहीं था। वह हर समय बैलों के हितों की चिंता ही करता था। बैल झूरी के व्यवहार से प्रसन्न रहते थे।
प्रश्न 3: 'ल्हासा की ओर' पाठ के लेखक को तिब्बत में भिखमंगे का वेश बनाकर यात्रा क्यों करनी पड़ी?
उत्तरः तिब्बत के पहाड़ी रास्तों में लूटपाट और हत्या का भय बना रहता था। अधिकतर हत्याएँ लूटपाट के इरादे से ही होती थीं। लेखक ने डाकुओं से सुरक्षित निकलने के लिए भिखमंगे का वेश बनाया। जब भी कोई डाकू, लुटेरों जैसे संदिग्ध आदमी उनके सामने आते, वह जीभ निकालकर 'कुची कुची (दया दया) एक पैसा' कहकर भीख माँगने लगता। इस प्रकार उसने अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए भिखमंगे का वेश अपनाया।
प्रश्न 4: शेकर बिहार में मंदिर में रखे बौद्ध ग्रंथों के बारे में बताइए।
उत्तरः शेकर बिहार के मंदिर में 103 पोथियाँ रखी गई थीं। जो पोथियाँ बुद्ध वचनों के हस्तलिखित अनुवाद थे। वहाँ इसे कंजुर कहा जाता है। इन पोथियों के मोटे-मोटे कागजों पर बड़े-बड़े अक्षरों में बुद्ध वचन लिखे हुए थे। एक-एक पोथी का वजन 15-15 सेर से कम नहीं रहा होगा।
प्रश्न 5: उपभोक्तावाद की संस्कृति में विज्ञापनों की क्या भूमिका होती है? -- स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः उपभोक्तावाद की संस्कृति में विज्ञापन किसी सेना की तरह काम करते हैं। वह उपभोक्ता को भड़काते हैं। सामानों की नकली माँग खड़ी करते हैं। लोगों की लालच बढ़ाते हैं जिससे आवश्यकता न होते हुए भी वे वस्तुएँ खरीदते चले जाएँ। हर विज्ञापन वस्तुओं को नए ढंग से पेश करता है जिससे उपभोक्ता को पुरानी वस्तु अब बेकार लगने लगती है। एक ही वस्तु के अलग-अलग ब्रांड या प्रकार उपभोक्ता को पागल बना डालते हैं।
प्रश्न 6: उपभोक्तावादी संस्कृति के पनपने से हमारा क्या-क्या नुकसान हुआ है?
उत्तरः तेजी से पनप रही उपभोक्तावादी संस्कृति से आम जनजीवन पर्याप्त रूप से दुष्प्रभावित हो रहा है। लोगों का चरित्र बदल रहा है। विज्ञापनों की चकाचौंध में डूबे लोग गुणवत्ता के बदले आकर्षक परंतु घटिया उत्पादों को भी महत्व देने लगे हैं। पुरानी परंपराएँ और आस्थाएँ खंडित होने लगी हैं। नैतिकता विस्मृत होती जा रही है। चारों ओर व्यक्तिकेंद्रिकता, सामाजिक अशांति और विषमता व्याप्त हो गई है।
प्रश्न 7: ऊँचे कुल का जनमिया जे करनी ऊँच न होय। सुबरन कलश सुरा भरा साधु निंदा सोय।।
-- दोहे का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कबीर कहते हैं कि कोई मनुष्य ऊँचे कुल में जन्मा है, किंतु उसके कर्म ऊँचे नहीं हैं तो क्या लाभ? सोने का घड़ा अगर शराब से भरा हो तो भी साधुजन सोने के पात्र की निंदा ही करते हैं। आशय यह है कि मनुष्य कर्म से महान बनता है अथवा कर्म से उसकी पहचान होती है, जन्म से नहीं।
प्रश्न 8: कबीर ने मानसरोवर किसे कहा है? हंस मानसरोवर को छोड़कर अन्यत्र क्यों नहीं जाना चाहते?
उत्तरः कबीर ने मन रूपी सरोवर अर्थात पवित्र मानस को मानसरोवर कहा है। जीवात्मा रूपी हंस मानसरोवर को छोड़कर अन्यत्र इसलिए नहीं जाना चाहते क्योंकि जो परम आनंद यहाँ मिलता है, वह अन्यत्र उपलब्ध नहीं हो सकता।
प्रश्न 9: 'जेब टटोली कौड़ी न पाई' -- कवि ऐसा क्यों कहती हैं?
उत्तरः कवयित्री ललद्यद को अनुभव होता है कि जीवन भर अत्यंत कठोर तपस्या, हठयोग, सुषुम्ना नाड़ी की साधना करते हुए भी उन्हें कोई सफलता न मिल सकी। इसलिए कवयित्री कहती है कि उसे कोई उपलब्धि नहीं हुई। उसकी जेब खाली ही रही।
प्रश्न 10: कवयित्री ललद्यद के दिल में क्या हूक सी उठती है और क्यों?
उत्तरः कवयत्री ललद्यद के दिल में परमात्मा से मिलने की हूक अथवा तड़प उठती है, क्योंकि उसके लिए अर्थात मनुष्य की आत्मा के लिए यह भवसागर या संसार तो पराया घर है और परमात्मा का घर उसका अपना घर है। इसलिए आत्मा दिन-रात परमात्मा से मिलने के लिए तड़पती रहती है।
प्रश्न 11: ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है?
उत्तरः कवि रसखान को ब्रजभूमि से गहरा प्रेम है। वह इस जन्म में ही नहीं अगले जन्म में भी ब्रजभूमि का निवासी बने रहना चाहता है। कवि की इच्छा और प्रार्थना है कि अगले जन्म में ईश्वर रसखान को ब्रजभूमि का ग्वाला बनाए, गाय बनाए, पक्षी बनाए या पत्थर बनाए, परंतु ब्रजभुमि का ही हिस्सा बनाए। कवि हर हाल में ब्रजभूमि में रहना चाहता है।
प्रश्न 12: रसखान के अनुसार गोपी के स्वयं को न संभाल पाने का क्या कारण था?
उत्तरः रसखान के अनुसार गोपी का स्वयं को न संभाल पाने का कारण यह था कि अनुपम सौंदर्य के स्वामी श्रीकृष्ण जब मुरली की मधुर धुन बजाते एवं मुस्कुराते हुए गोपियों को देखते थे, तब गोपियों द्वारा स्वयं को संभालना कठिन हो जाता था। यह कृष्ण के प्रति गोपियों के अनन्य प्रेम को दर्शाता है।
प्रश्न 13: लेखिका की नानी की किस फरमाइश पर घर के लोग हैरान रह गए और क्यों?
उत्तर: लेखिका की नानी ने मरने से पहले अथवा मरते समय फरमाइश की कि वह क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से मिलना चाहती हैं। उनकी इस फरमाइश पर घर के सब लोग हक्के बक्के रह गए। क्योंकि नानी ऐसे घुटन भरे वातावरण में रही थी कि वह पर पुरुष तो क्या अपने पति से भी मुँह खोलकर बात न कर सकी थी। वह पुरुषों से पर्दा करती थी। अतः ऐसे समाज में किसी पर पुरुष से मिलने की बात सबको चौंकाने वाली थी।
प्रश्न 14: लेखिका की नानी मरने से पहले मुँहजोर क्यों हो उठी?
उत्तरः लेखिका की नानी मरने से पहले मुँहजोर इसलिए हो उठी क्योंकि उन्हें अपने साथ अपनी बेटी का भविष्य भी अंधकारमय लगने लगा था। उन्हें लगा होगा कि यदि उनकी तरह उनकी बेटी भी किसी अंग्रेज समर्थक के साथ ब्याह दी गई तो उसका जीवन भी दूसरों के इशारे पर चलने को मजबूर हो जाएगा। वह आने वाली पीढियों को स्वतंत्र देखना चाहती थी।
प्रश्न 15: लेखिका मृदुला गर्ग की माँ के प्रति घर वालों तथा बाहर वालों के मन में प्रेम और श्रद्धा क्यों थी?
उत्तर: लेखिका की माँ के प्रति सब की श्रद्धा के कई कारण थे। जैसे -
(i) वह साहबी खानदान से थी,
(ii) वह अत्यंत कमजोर, दुबली-पतली और हमेशा बीमार-सी थी,
(iii) वह कभी झूठ नहीं बोलती थी,
(iv) वह एक की गोपनीय बात को कभी दूसरों पर प्रकट नहीं करती थी।
प्रश्न 16: लेखिका के पिता अपनी बेटियों को स्कूल की छुट्टी के बाद घर लाने के लिए गाड़ी क्यों भेजा करते थे?
उत्तरः लेखिका के पिता दो कारणों से अपनी बेटियों के लिए गाड़ी भेजा करते थे --
(i) अपनी बेटियों के प्रति अत्यधिक प्यार के कारण,
(ii) रसोईए को जल्दी फारिग करने की इच्छा से।
प्रश्न 17: कर्नाटक के विशप ने स्कूल खोलने से क्यों मना किया?
उत्तरः कर्नाटक के विशप में कर्नाटक के छोटे से कस्बे में स्कूल खोलने से इसलिए मना किया क्योंकि वहाँ ईसाई लोग बहुत थोड़े थे। वह ईसाइयों की पढ़ाई के लिए तो स्कूल खोलना चाहते थे परंतु अन्य लोगों के लिए स्कूल खोलने में उनकी रुचि नहीं थी। वे लेखिका के बच्चों के लिए स्कूल खोलने के लिए इस शर्त पर तैयार हुए कि वह स्कूल आगे आने वाले सौ सालों तक चलता रहे, जिसका आशय यह था कि वह गैर ईसाइयों के लिए स्कूल खोलना नहीं चाहते थे।
प्रश्न 18: लेखिका मृदुला गर्ग के पिता के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तरः लेखिका के पिता बचपन से ही क्रांतिकारी विचारों के थे। वह सुशिक्षत एवं होनहार युवक थे। वह आईसीएस की परीक्षा देकर प्रशासनिक पद पाना चाहते थे। परंतु आजादी की लड़ाई में भाग लेने के कारण उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। वे सामान्य परिवार से थे। वह सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते थे। वह अपनी पत्नी के प्रति बहुत ही सहयोगी थे वह घर गृहस्ती में पूरी रुचि लेते थे तथा अपने बच्चों के प्रति उनके मन में अत्यंत स्नेह था।
प्रश्न 19: लेखिका की परदादी की किस बात से सब लोग हैरान हो गए?
उत्तरः लेखिका की परदादी ने भगवान से अद्भुत मन्नत माँगी। उसने मन्नत माँगी कि वह अपनी पतोहू की गोद में पहली संतान लड़की दे, न कि लड़का। यह मन्नत सबको चौंकाने वाली थी। सारा समाज लड़के की कामना करता था। लड़की को बोझ माना जाता था। इसलिए ऐसे समाज में लड़की की मन्नत माँगना सब को चौंकाने के लिए काफी था।
प्रश्न 20: गोपी कृष्ण की मुरली को अपने अधरों से क्यों नहीं लगाना चाहती?
उत्तरः गोपी कृष्ण की मुरली से ईर्ष्या करती है। कारण यह है कि कृष्ण सदा मुरली बजाने में खोए रहते हैं। ऐसे समय वह गोपी की ओर ध्यान नहीं देते। इस कारण गोपी को मुरली पर गुस्सा आता है। अतः मुरली को अपने अधरों से नहीं लगाना चाहती।
प्रश्न 21: कवयित्री ललद्यद सांप्रदायिक भेदभाव से दूर है -- कैसे?
उत्तरः कवयित्री ललद्यद हिंदू और मुसलमान को भेदभाव से दूर रहने के लिए कहती हैं। वह दोनों को ही शिव की आराधना करने के लिए प्रेरित करती हैं। इसीलिए स्पष्ट है कि उनके मन में सांप्रदायिक भेदभाव नहीं है।
प्रश्न 22: 'मैं तो तेरे पास में' -- पंक्ति में कवि कबीरदास क्या कहना चाहता है?
उत्तरः कवि कबीरदास 'मैं तो तेरे पास में' -- पंक्ति के द्वारा यह कहना चाहते हैं कि ईश्वर हर प्राणी के हृदय में समाया हुआ है। वह हर क्षण उसके साथ और उसके पास ही रहता है। बस उसे पहचानने की आवश्यकता है।
प्रश्न 23: गांधी जी के अनुसार भारतीय सामाजिक नींव को किससे खतरा है और क्यों?
उत्तर: गांधीजी के अनुसार हमारी सामाजिक नींव को उपभोक्तावादी संस्कृति से खतरा है। उपभोक्तावादी संस्कृति ने भारत के समाज को व्यक्तिवादी बना दिया है। लोग अपने सामाजिक सरोकारों को भूलते जा रहे हैं। हमारी नैतिक मर्यादाएँ नष्ट होती जा रही हैं। यह हमारे समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
प्रश्न 24: तिब्बत में लोग लाठी की बजाय पिस्तौल या बंदूक क्यों रखते हैं?
उत्तरः तिब्बत में हथियार रखने या न रखने के बारे में कोई कानून नहीं है। यहाँ कोई भी नागरिक पिस्तौल या बंदूक रख सकता है। इस कारण यहाँ के लोग अपनी सुरक्षा के लिए लाठी रखने की बजाय बंदूक या पिस्तौल ही रखते हैं।
प्रश्न 25: झूरी की पत्नी ने हीरा मोती को पहले नमक हराम कहा, परंतु बाद में उनका माथा क्यों चुमा?
उत्तरः झूरी की पत्नी ने अपने भाई गया के घर हीरा-मोती को भेज दिया था। जब हीरा-मोती वहाँ से अगले ही दिन भाग आए तो उसे बहुत बुरा लगा। उसने इसमें अपने भाई का नहीं, अपना अपमान माना। इसलिए उसने गुस्से में हीरा-मोती को नमक हराम तक कहा। परंतु दूसरी बार बहुत दिनों के बाद हीरा-मोती जब अपने पुराने मालिक झूरी के पास पहुँचे तो झूरी की पत्नी के मन का मैल दूर हो चुका था। वह हीरा-मोती के बहुत दिनों तक खोने से दुखी रही होगी। उसने ठंडे दिमाग से सोचा होगा कि हीरा-मोती स्वामी भक्त हैं। इतने दिनों बाद उन्हें पाकर वह खुशी से झूम उठी होगी। इसलिए उसने उनके माथे चूम लिए होंगे।
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