अभ्यास प्रश्नोत्तर/कक्षा ८



अभ्यास प्रश्नोत्तरमाला


प्रश्न 1: लेखक के मन में बस के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?

उत्तर: लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जग गई कि वह बस के टायर की स्थिति से परिचित होने के बावजूद भी बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। दो-चार पैसे कमाने के लिए जान जोखिम में डालने की ऐसी सोच लोगों में कम ही दिखाई देती है, जिसे देखकर लेखक वास्तव में आश्चर्यचकित हो गया।

प्रश्न 2:  लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था?

उत्तर: बस की दशा बहुत खराब थी। कभी भी उसकी ब्रेक फेल हो सकती थी या कोई पुरजा खराब हो सकता था। ऐसी स्थिति में जो भी पेड़ आता उसे देखकर लेखक को डर लगता था कि कहीं उसकी बस उन पेड़ों से न टकरा जाए। इसलिए लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन समझ रहा था।

प्रश्न 3: पत्र को खत, कागद, उत्तरम्‌, जाबू, लेख, कडिद, पाती, चिट्ठी, पत्र इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।

उत्तर:

खत – उर्दू

कागद – कन्नड़

उत्तरम्‌ – तेलूगु

जाबू – तेलूगु

लेख – तेलूगु

कडिद – तमिल

पाती – हिन्दी

चिट्ठी – हिन्दी

पत्र – संस्कृत

प्रश्न 4:  पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता?

उत्तर:  पत्रों का स्थायी अस्तित्व होता है। उन्हें पढ़ने के बाद सहेज कर रखा जा सकता है, जबकि फोन या एसएमएस का सन्देश केवल सुना जा सकता है। पत्रों को एकत्र करके पुस्तक रूप भी दिया जा सकता है, जबकि फोन या एसएमएस में ऐसा नहीं होता। इसलिए पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश नहीं दे सकता।

प्रश्न 5: पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हुए? लिखिए।

उत्तर: पत्र लेखन की कला को विकसित करने के लिए दुनिया के सभी देशों द्वारा पाठयक्रमों में पत्र लेखन का विषय शामिल किया गया। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का कार्यक्रम सन्‌ 1972 से शुरू किया गया।

प्रश्न 6: किसी को बिना टिकट सादे लिफाफे पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है?

उत्तर: यदि बिना टिकट सादे लिफाफे पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेज दिया जाए तो हो सकता है कि पोस्टमैन उस पत्र को वितरित न करे। यदि वह पत्र वितरित होता भी है तो पत्र पाने वाले को टिकट का दुगुना मूल्य पोस्टमैन को देना पड़ता है।

प्रश्न 7: आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार के समाचारों और कार्यक्रमों की सार्थकता पर तर्क सहित विचार लिखिए?

उत्तर: इस प्रकार के पर्दाफाश से समाज में व्याप्त बुराईयों से, अपने आस-पास के वातावरण तथा लोगों से हम अवगत हो जाते हैं। इसके कारण समाज में जागरूकता आती है। साथ ही समाज समय रहते ही सचेत और सावधान हो जाता है।

प्रश्न 8: दोषों का पर्दाफाश करना कब बड़ा रूप ले सकता है?

उत्तर: दोषों का पर्दाफाश करना तब बुरा रूप ले सकता है जब हम सम्बन्धित व्यक्ति के दोषों में रस लेने लगते हैं, उनके दोषों बढ़ा-चढ़ाकर उछालने लगते हैं  और इसे बदनामी के स्तर तक ले जाते हैं।

प्रश्न 9: वस्तु विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है? 

उत्तर: 'वस्तु विनिमय' एक पुरानी व्यापार पद्धति है, जिसमें एक वस्तु के बदले कोई दूसरी वस्तु दी जाती है। पुराने दिनों में खरीद-विक्री के लिए पैसों का लेन-देन नहीं होता था।

विनिमय की प्रचलित पद्धति रुपए-पैसों का लेन-देन है।

प्रश्न 10: मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?

उत्तर: मशीनी युग से बदलू के जीवन में यह बदलाव आया कि उसके गाँव की महिलाओं ने अब काँच की चूड़ियाँ पहननी शुरू कर दीं। परिणामस्वरूप उसका पैतृक धन्धा बन्द हो गया और धन्धे से होने वाली आय समाप्त हो गयी। इस  कारण वह लाचार, अशक्त और बीमार-सा हो गया था।

प्रश्न 11: कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?

उत्तरः कवि पुष्पों की तंद्रा एवं आलस्य दूर हटाने के लिए उनमें अपने नवजीवन का अमृत संचार करना चाहते हैं, ताकि अनंत तक उनका विकास होता रहे।

प्रश्न 12: वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है?

उत्तरः ऋतुओं में वसन्त ऋतु सबसे निराली होती है। इस मौसम में मौसम सुहावना हो जाता है । न अधिक सर्दी होती है और न अधिक गर्मी। इस ऋतु में पेड़-पौधों में नए-नए पत्ते उग आते हैं। चारों ओर फूल खिल जाते हैं। आम के पेड़ों पर बौर आ जाते हैं। खेतों में सरसों के फूल खिल जाते हैं। कोयल की मधुर कूक आदि सब मिलकर वातावरण को मादक बना देते हैं। मानव जीवन उमंग और उत्साह से भर उठता है । वसंत की इन विशेषताओं के कारण इसे ऋतुराज कहा जाता है।

प्रश्न 13: फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन सा प्रयास करता है?

उत्तर: फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उनकी तंद्रा और आलस्य को भगा देना चाहते हैं, अपने कोमल स्पर्श से उन्हें जगाने का प्रयास करते हैं और उनमें नवजीवन का अमृत सींच देना चाहते हैं। वास्तव में इस कविता के माध्यम से कवि आज की युवा पीढ़ी को सचेत करना और उन्हें नींद से जगाने का प्रयास करना चाहते हैं।

प्रश्न 14: कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

उत्तर: कवि के मन में जीवन को जीने के लिए उत्साह, प्रेरणा व ऊर्जा कूट-कूट कर भरी है। उनमें ये तीनों प्रचुर मात्रा में हैं। इसलिए उन्हें विश्वास है कि अभी उनका अंत नही होगा।

प्रश्न 15: भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?

उत्तरः यहाँ भिखमंगों की दुनिया से कवि का आशय यह है कि दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला, जिसकी वह आशा करता है। कवि निराश है। वह समझता है कि प्यार और खुशियाँ लोगों के जीवन में भरने में वह असफल रहा। 

प्रश्न 16: कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को 'आँसू बनकर बह जाना' क्यों कहा है?

उत्तर: कवि ने अपने आने को 'उल्लास' इसलिए कहा है, क्योंकि वह जहाँ भी जाता है, लोगों को खुशियों का सन्देश देता है जिससे लोगों को अपने दुःख भूलने का अवसर मिल जाता है। कवि ने जाने को आँसू बन कर बह जाना इसलिए कहा है, क्योंकि उसके जीवन में आई खुशियाँ चिरकाल तक नहीं रह पातीं। कवि उसे अपनी असफलता मानता है। इससे कवि को दु:ख भी होता है।

प्रश्न 17: कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश हम तक पहुँचाते हैं। उनके लाए संदेश को हम भले ही न समझ पाएँ, पर पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ उसे भली प्रकार पढ़-समझ लेते हैं। 

प्रश्न 18: पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

उत्तर: पक्षी और बादल की चिट्ठियों में से पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ईश्वर द्वारा दिया गया प्रेम, सद्भाव, परस्पर भाईचारा और एकता का सन्देश पढ़ लेते हैं और उसी को विश्व के आँगन में प्रसारित करते हैं।

प्रश्न 19: पक्षियों और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

उत्तर: पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। यह हमें यही संदेश देते हैं।

प्रश्न 20: एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है -- कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: प्रकृति की दृष्टि में सभी एक समान हैं। अपने पराये की भावना तो मनुष्य में स्वार्थ के कारण ही पनपती है। प्रकृति तो मनुष्य को समान दृष्टि से देखती है। वह प्रेम, एकता एवं सद्भाव का सन्देश रूपी सुगन्ध हवा और पक्षियों के माध्यम से एक देश से दूसरे देश को भेजती है जिससे मनुष्य-मनुष्य के बीच प्रेम और एकता की भावना का प्रसार हो।

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