निबंध/अनुच्छेद लेखन (कक्षा 10)
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 चाँद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्र मिशन है। इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं है।
यह मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला मिशन सफलता पूर्वक चाँद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण साॅफ्ट लैंडिंग में विफल हो गया था। सॉफ्ट लैंडिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को प्रस्तावित किया गया था।
चंद्रयान-3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे हुआ था। यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 06:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतर चुका है। इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया।
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
21 जून, 2015 को संयुक्त राष्ट्र संघ के आह्वान पर समस्त विश्व में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। भारत की ओर से यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के प्रधानमंत्री जी ने प्रस्तुत किया था, जिसे सर्व सम्मति से स्वीकार किया गया। यह एक प्रकार से भारतीय योग पद्धति को विश्व की स्वीकृति है। योग का प्रादुर्भाव भारत में हजारों वर्ष पूर्व हुआ था। यह भारत के ऋषि-मुनियों की देन है। अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने के बाद यह समस्त विश्व में लोकप्रिय हो गया है। योग विज्ञान को आधुनिक समाज की जीवन शैली का अभिन्न अंग मान लिया गया है। योग एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा व्यक्ति अंतर्निहित शक्तियों को संतुलित रूप में विकसित करता है। संस्कृत में योग का शाब्दिक अर्थ है 'जोड़ना'। महर्षि पतंजलि ने योग को चित्तवृत्तियों का निरोध बताया है। इसमें कुछ आसनों, मुद्राओं और प्राणायामों का अभ्यास किया जाता है। इससे हमारा हृदय, फेफड़े, यकृत, अग्न्याशय, गुर्दे, आँतें तथा स्नायु तंत्र और मांसपेशियाँ सुदृढ़ बनती हैं तथा रक्त संचार सुव्यवस्थित होता है। इससे हमारा इंद्रियों, मन तथा शरीर के अन्य अंगों पर नियंत्रण हो जाता है और हमें जीवनी शक्ति बल तथा दीर्घायु प्राप्त होती है। प्राणायाम श्वास संबंधी आवेगों पर नियंत्रण प्रदान करता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से भारत के प्रति विश्व का दृष्टिकोण सकारात्मक बना है।
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वर्तमान जीवन शैली और स्वास्थ्य
विज्ञान के आधुनिक आविष्कारों ने मनुष्य के जीवन में अनेक सुविधाएँ प्रदान की हैं। इससे मानव जगत में, मानव की जीवन शैली में अनेक परिवर्तन आए हैं। आज का मनुष्य छोटे से छोटे कार्य के लिए भी मशीनों पर आश्रित रहने लगा है। पहले लोग शारीरिक श्रम किया करते थे जिससे शरीर के लिए आवश्यक व्यायाम स्वतः ही हो जाता था। आज मशीनों के अत्यधिक प्रयोग ने हमारे स्वास्थ्य को अत्यधिक दुष्प्रभावित किया है। अब अधिकतर कामों के लिए मशीन मौजूद हैं। घर के काम हों या दफ्तर के, रसोईघर के काम हों या हमारे दैनिक जीवन के सभी जगह मशीनों की मदद से बटन दबाते ही काम पूरे हो जाते हैं। व्यायाम के अभाव में हम अनेक प्रकार की शारीरिक व मानसिक रोगों का शिकार बनते जा रहे हैं। खान-पान में आए बदलाव भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। फास्ट फूड, जंक फूड, डिब्बा बंद खाद्य सामग्री आदि स्वास्थ्य के लिए विष के समान हैं। अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को शामिल कर एवं पौष्टिक भोजन पर विशेष ध्यान देकर ही स्वस्थ जीवन शैली को अपनाया जा सकता है।
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