जहाँ पहिया है(प्रश्नोत्तर)

 


जहाँ पहिया है

          -- पी. साईनाथ 


प्रश्न 1: "... उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं..."

आपके विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?

उत्तर: लेखक 'जंजीरों' द्वारा उन सामाजिक समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। हमारे समाज में अनेकों ऐसी समस्याएँ हैं, जैसे-- पुरानी रूढ़ीवादी विचार धारा, निरक्षरता, महिलाओं के प्रति भेदभाव आदि।

प्रश्न 2: क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए। 

उत्तरः हम लेखक की बात से पूरी तरह से सहमत हैं। जब लोगों में अदम्य इच्छाशक्ति जागृत हो जाती है, तब वह जंजीर अथवा बंधनों से मुक्ति का कोई न कोई तरीका अवश्य खोज ही लेते हैं, जैसे तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव में हुआ। महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता अथवा आज़ादी के लिए साइकिल चलाना आरम्भ किया और समाज में एक नई मिसाल रखी।

प्रश्न 3: 'साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं? 

उत्तरः 'साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में निम्नलिखित बदलाव आए हैं--
-- उनमें आत्मविश्वास का संचार हुआ है।
-- पुरुषों पर निर्भरता घटी है।
-- अपने दैनिक कार्य अधिक सुगमता से संपन्न करने लगी हैं।
-- उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।
-- अपने उत्पाद ज्यादा स्थानों तक बेच आती हैं।
-- आराम करने के लिए भी उन्हें ज्यादा समय मिल जाता है, आदि।

इस प्रकार उनका जीवन ही बदल गया है।

प्रश्न 4: शुरुआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
 
उत्तरः आर. साइकिल्स के मालिक ने स्त्रियों द्वारा साइकिल चलाने के आंदोलन का भरपूर समर्थन किया। इसका कारण यह था कि उस अकेले डीलर के यहाँ लेडीज साइकिल की बिक्री में साल भर के अंदर काफी वृद्धि जो हुई थी। उसकी भरपूर आय हो रही थी। अतः उसे समर्थन तो करना ही था।

प्रश्न 5: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?

उत्तर: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। महिलाओं को फ़ब्तियाँ सुननी पड़ी। पुरुषों ने इसका बहुत विरोध किया। दूसरी कठिनाई यह थी कि लेड़ीज साइकिल वहाँ पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं थीं। साइकिल चलाने का प्रशिक्षण देने वालों का भी अभाव था। बाद में प्रशिक्षण शिविर लगाने पड़े।

प्रश्न 6: आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है' क्यों रखा होगा?

उत्तर: लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के 'साइकिल आंदोलन’ के कारण ही रखा होगा।
पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और इस साइकिल आंदोलन से वहाँ की महिलाओं का जीवन भी गतिशील हो गया और समाज की भी व्यापक प्रगति हुई। 

प्रश्न 7: " पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।"
-- साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?

उत्तरसाइकिल को विनम्र सवारी इसलिए कहा गया है क्योंकि इसे सीखना और चलाना किसी के लिए भी बहुत ही आसान है। यह बहुत कम खर्चीली है। इसे पुरुष ही नहीं महिलाएँ भी बिना भेदभाव के आसानी के साथ चला सकती हैं। पैडल मारते ही यह सवारी विनम्रतापूर्वक चुपचाप आगे बढ़ने लगती है।

प्रश्न 8: फातिमा ने कहा, "...मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आजादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ। "
-- साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी' का अनुभव क्यों होता होगा?

उत्तर:- फातिमा के गाँव में पुरानी रूढ़िवादी परम्पराएँ थीं। वहाँ औरतों का साइकिल चलाना उचित नहीं माना जाता था। इन रूढ़ियों के बंधनों को तोड़कर एवं स्वयं को पुरुषों की बराबरी में आकर फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी’ का अनुभव होता होगा।

प्रश्न 9: पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिह्न क्या बनाती और क्यों? 

उत्तरः पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो वह अपना पार्टी-चिन्ह अवश्य 'साइकिल' अथवा 'पहिये' को ही बनाती क्योंकि यही उनकी आजादी का प्रतीक चिन्ह है।

प्रश्न 10: अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो क्या होगा?

उत्तर: दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो दुनिया का सारा आवागमन रुक जाएगा, दुनियाभर का जीवन ठहर सा जाएगा और संसार की प्रगति भी रुक जाएगी।

प्रश्न 11: 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता-- इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: पुडुकोट्टई जिले में 1992 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन निकाली गई महिला साइकिल रैली के बाद वहाँ महिलाओं की स्थिति पहले जैसी कभी नहीं रह सकती। क्योंकि अब वहाँ की महिलाएँ और वहाँ का समाज तरक्की के रास्ते पर बाढ़ निकला है जो अब कभी भी पीछे नहीं मुड़ सकता। 

प्रश्न 12: इस पाठ में आए उपसर्ग और प्रत्यय युक्त शब्दों को छाँटिए और उनके मूल शब्द भी लिखिए।  

उत्तर: पाठ में आए हुए कुछ उपसर्ग युक्त शब्द हैं--
अभि-- अभिव्यक्ति 
प्र-- प्रदान, प्रशिक्षण 
अनु-- अनुभव 
परि-- परिवहन 
वि-- विशेष 
स्व-- स्वाधीनता

पाठ में आए कुछ प्रत्यय युक्त शब्द हैं--
इक-- आर्थिक, सामाजिक
वाला-- साइकिलवाला 
ता-- मूर्खता, गतिशीलता
ना-- पढ़ना  
ई-- खुशहाली 
इत-- केंद्रित 

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