सूरदास के पद (कक्षा 8)


सूरदास के पद


पदों से

प्रश्न 1: बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?

उत्तर: यशोदा मैया बालक कृष्ण को ललचाती थीं कि यदि वह दही-माखन के बदले प्रतिदिन दूध पीएँगे तो उनकी चोटी भी बलराम भैया की चोटी की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी। कृष्ण अपने बाल बढ़ाना चाहते थे। इसलिए पसंद न होते हुए भी वे दूध पीने के लिए तैयार हुए। 

प्रश्न 2: श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?

उत्तर: श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में सोच रहे थे कि उनकी चोटी भी दाऊ बलराम की तरह लम्बी, मोटी हो जाएगी और वह नागिन के समान जमीन पर लहराएगी।

प्रश्न 3: दूध की तुलना में श्री कृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं?

उत्तर: दूध की तुलना में श्रीकृष्ण माखन-रोटी खाना अधिक पसंद करते हैं।

प्रश्न 4: 'तैं ही पूत अनोखौ जायौ'-- पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?

उत्तर: 'तैं ही पूत अनोखौ जायौ'-- इस पंक्ति के माध्यम से ग्वालन के हृदय में यशोदा के लिए ईर्ष्या की भावना व क्रोध के भाव मुखरित हो रहे हैं। जहाँ वे एक तरफ कृष्ण जैसा पुत्र होने की वजह से मैया यशोदा के प्रति ईर्ष्या की भावना से ग्रसित हैं, वहीं दूसरी ओर कृष्ण द्वारा चोरी करने व उनका सारा माखन खाने से वे क्रोधित भी हैं। इसलिए इन शब्दों में ग्वालन यशोदा मैया को उलाहने दे रही हैं।

प्रश्न 5: मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन क्यों बिखरा देते हैं? 

उत्तर: श्रीकृष्ण को ऊँचे टँगे छींकों से माखन चुराने में दिक्कत होती थी। इसलिए माखन गिर जाता था। चुराते समय वे खुद तो माखन  खाते ही थे, साथ ही नीचे खड़े अपने सखाओं को भी खिलाते थे। जिसके कारण माखन ज़मीन पर जगह-जगह गिर जाता था।

प्रश्न 6: दोनों पदों में से आपको कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर: दोनों पदों में से प्रथम पद अधिक अच्छा लगता है। क्योंकि यहाँ  कृष्ण के बाल स्वभाव का अत्यंत सुंदर वर्णन किया गया है, जैसा सामान्यतः हर बच्चे में देखा जाता है। मैया से श्रीकृष्ण की नाराज़गी व्यक्त करना, दूध न पीने का हठ करना, मैया यशोदा के द्वारा बलराम भैया के समान तुम्हारी भी लंबी-मोटी चोटी होगी कहकर कान्हा को दूध पीने के लिए ललचाने का प्रयास करना, चोटी न बढ़ने पर कृष्ण के द्वारा मैया से नाराजगी व्यक्त करना जैसे प्रसंग पाठकों के हृदय को बड़ा ही आनंद देते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 7: दूसरे पद को पढ़कर बताइए कि आपके अनुसार उस समय श्री कृष्ण की उम्र क्या रही होगी?

उत्तर: दूसरे पद को पढ़कर लगता है कि उस समय श्रीकृष्ण की उम्र  सात-आठ साल से ज्यादा नहीं रही होगी तभी उनके छोटे-छोटे हाथों से सावधानी बरतने पर भी माखन बिखर जाता था।

भाषा की बात

प्रश्न 8:  श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा-चुरा कर खाते थे। इसलिए उन्हें माखन चुरानेवाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द लिखिए।

उत्तर: माखनचोर 

प्रश्न 9: श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए। 

उत्तर: श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द हैं-- माखनचोर, मुरलीधर, श्याम, मोहन, गोपाल आदि।

प्रश्न 10: कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थ वाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे-- पर्यायवाची: चंद्रमा -- शशि, इंदु, राका

                मधुकर -- भ्रमर, भौंरा, मधुप

                सूर्य -- रवि, भानु, दिनकर

विपरीतार्थक: दिन -- रात 

                  श्वेत -- श्याम 

                  शीत -- उष्ण 

पाठों से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।

उत्तर: पर्यायवाची शब्द:

बेनी – चोटी

मैया – जननी, माँ, माता

दूध – दुग्ध, पय, गोरस

बलराम – दाऊ, हलधर

ढोटा – सुत, पुत्र, बेटा

विपरीतार्थक शब्द:

लम्बी – छोटी

श्याम – श्वेत

दिवस -- रात्रि

बढ़ेगी -- घटेगी

हानि -- लाभ 

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