बाज और साँप (प्रश्नोत्तर)


बाज और साँप/

               --निर्मल वर्मा

शीर्षक और नायक:

प्रश्न 1: लेखक ने इस कहानी के शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना होगा?

उत्तरः लेखक ने इस कहानी के शीर्षक के रूप में बाज और साँप को ही इसलिए चुना होगा क्योंकि बाज जहाँ साहस और वीरता का प्रतीक है, वहीं साँप आलस्य एवं कायरता का प्रतीक है। लेखक इन दो विरोधी भावों का संघर्ष दिखा कर साहसपूर्ण जीवन को प्रतिष्ठित करना चाहता होगा।

कहानी से:

प्रश्न 2: घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, "मुझे कोई शिकायत नहीं है।" विचार प्रकट कीजिए:

उत्तर: घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा कि -- "मुझे कोई शिकायत नहीं है।" उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने अपनी जिंदगी को भरपूर भोग लिया था। जबतक उसके शरीर में ताकत थी, तब तक ऐसा कोई सुख नहीं बचा था, जिसे उसने न भोगा हो। वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट था।

प्रश्न 3: बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा। फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था? 

उत्तर: बाज साहसी था। अतः वह कायर की मौत नहीं मरना चाहता था। वह अंतिम क्षण तक संघर्ष करना चाहता था। वह मरने से पहले अंतिम बार आकाश में उड़ लेने का सुख प्राप्त करना चाहता था। अतः उसने इसके लिए एक अंतिम प्रयास किया, भले ही वह अपने प्रयास में असफल हो गया हो।

प्रश्न 4: साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?

उत्तर: साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। उसके लिए उड़ने और रेंगने में कोई अंतर न था। पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने की तड़प देखी, तब साँप को भी लगा कि इस आकाश के रहस्य का पता लगाना ही चाहिए। तब उसने भी आकाश में एक बार उड़ने की कोशिश करने का निश्चय किया।

प्रश्न 5: बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?

उत्तर: बाज के लिए लहरों ने गीत इसलिए गाया था, क्योंकि वे बाज के साहस, वीरता और स्वतंत्रताप्रियता को सलाम करना चाहती थीं। वे बाज के जीवन को अन्य लोगों के लिए प्रेरणा के रूप में स्थापित करना चाहती थीं। वह बाज के जीवन को अमर मानती थीं।

प्रश्न 6: घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा? 

उत्तरः बाज साँप का शत्रु होता है और वह साँप को खा तक जाता है। जब साँप ने बाज को घायल देखा, तब उसका खुश होना स्वाभाविक ही था, क्योंकि उसका शत्रु अब जल्द ही मरने वाला जो था।

कहानी से आगे:

प्रश्न 7: कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।

उत्तर: कहानी की कुछ पंक्तियाँ जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो, नीचे दिए जा रहे हैं:

(i) “आह! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता।”

(ii) "जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ।"

(iii) "...तुम्हारे खून की एक-एक बूँद जिंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी, बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी। आदि।

प्रश्न 8: लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए। 

उत्तरः लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने यह सोचा होगा कि उसके शत्रु बाज का जीवन व्यर्थ नहीं था। पर उसने स्वयं फिर से उड़ने की कोशिश कभी नहीं की होगी, क्योंकि उड़ान के पहले प्रयास में वह मरते मरते बचा था। वह दोबारा अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहता था।

प्रश्न 9: क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।

उत्तरः पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा। वास्तव में स्वाभाविक कार्य में ही आनंद का अनुभव होता है। इसके विपरीत थोपे गए अस्वाभाविक कार्यों में सामान्यतः आनंद का अनुभव नहीं होता।

प्रश्न 10: मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है?

उत्तर: प्राचीन काल से ही मानव ने पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी है। सीमित शारीरिक क्षमता की वजह से वह उड़ नहीं पाता था। परंतु मनुष्य ने हार नहीं मानी एवं आकाश में उड़ने में सक्षम आकाश यानों का आविष्कार कर दिखाया और आज मनुष्य अपने उड़ने की इच्छा की पूर्ति हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, गैस-बैलून, पैराशूट आदि से करता है।

भाषा की बातः

प्रश्न 11: कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए:

उत्तरः (i) हिम्मत बाँधना: पुलिस के आने पर ही गाँव वालों के मन में हिम्मत बँधी।

(ii) अंतिम साँस गिनना: रोगी अस्पताल के बिस्तर पर अंतिम साँसें गिन रहा है।

(iii) मन में आशा जगना: संत की बातें सुनकर भक्त के मन में आशा जग गई। 

(iv) कसर बाकी न रखना: अच्छे अंक लाने के लिए विद्यार्थियों ने कोई कसर बाकी न रखा।

(v) प्राण हथेली पर रखकर घूमना: वीर पुरुष हमेशा अपने प्राण हथेली पर रखकर घूमते हैं।

प्रश्न 12: ‘आरामदेह’ शब्द में ‘देह’ प्रत्यय है। यहाँ ‘देह’ ‘देनेवाला’ के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में ‘द’, ‘प्रद’, ‘दाता’, ‘दाई’ आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे – सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।

उत्तर:

प्रत्यय ---- शब्द

द     –---  सुखद, दुखद

दाता –---- परामर्शदाता, सुखदाता

दाई –----  सुखदाई, दुखदाई

देह –-----  लाभदेह, आरामदेह

प्रद –-----  हानिप्रद, शिक्षाप्रद

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