तिब्बत के बारे में कुछ रोचक तथ्य

 


तिब्बत के बारे में
विस्मित कर देने वाले कुछ रोचक तथ्य


तिब्बत समुद्र-तट से तीन मील की ऊँचाई पर स्थित एक धार्मिक देश है जहाँ बौद्ध धर्म का खूब विकास हुआ। यूँ तो तिब्बत के बारे में बहुत-सी बातें बताई जा सकती हैं, परंतु यहाँ उसके बारे में कुछ अत्यंत रोचक तथ्य प्रस्तुत  किए जा रहे हैं।

1. दुनिया की कुल 46% आबादी तिब्बत से उत्पन्न होने वाली पाँच मुख्य नदियों पर निर्भर करती है।

2. हिमालयन मोनाल तिब्बत का राष्ट्रीय पक्षी है।

3. ‘जौ’ तिब्बत में पैदा होने वाली सबसे मुख्य फसल है। जौ से बने आटे से ‘संपा’ बनाया जाता है जो तिब्बत के लोगों का सबसे मुख्य खाद्य पदार्थ है। यहाँ मांसाहार ज़्यादातर याक, बकरी और मटन से मिलता है।

4. तिब्बत को ‘दुनिया की छत’ भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ बहुत सारे ऊँचे पर्वत शिखर हैं। तिब्बत समुद्र के लेवल से लगभग साढ़े चार किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

5. तिब्बत में कोई भी KFC नहीं है, क्योंकि दलाई लामा ने उन्हें एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे मुर्गियों को बड़े पैमाने पर मारने से तिब्बत की पारंपरिक मूल्यों का उल्लंघन होता है।

6. सन् 2005 में फुटबॉल प्रबंधकों को चीन में प्रतिबंधित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने तिब्बत को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी थी।

7. तिब्बती लोग “आकाश में दफनाने” की प्रक्रिया का न सिर्फ अभ्यास करते हैं, अपितु इसे पूरी तरह मानते भी हैं। जिसके अनुसार मृत्यु हो जाने के उपरांत शवों को काट कर गिद्धों के लिए छोड़ दिया जाता है और ऐसा माना जाता है कि गिद्धों द्वारा इन्हें स्वर्ग की तरफ ले जाया जाएगा।

8. ऐसा कहा जाता है कि रनवे को लंबा और अधिक ऊँचाई पर होना चाहिए। दुनिया का सबसे लंबा रनवे 18,045 फीट लंबा है, जो तिब्बत के एक छोटे से हवाई अड्डे पर स्थित है।

9. तिब्बत में 'पोताला पैलेस' दलाई लामा का आधिकारिक निवास स्थल 7वीं शताब्दी से सन् 1959 तक रहा है। यह महल दुनिया का सबसे ऊँचा महल है और आगंतुकों को प्रवेश करने से पहले खुद को आत्मसात करने के लिए कहा जाता है, क्योंकि उन्हें अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसा माना जाता है कि महल में आग न लगे अतः सावधानी की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है।

10. 4200 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर रहने वाले तिब्बतियों में समुद्र तल पर रहने वाले लोगों की तुलना में रक्त का प्रवाह दोगुना से अधिक होता है, जिसका कारण यह है कि इतनी ऊँचाई पर कम दबाव होता है।

12. तिब्बत को शेष चीन से जोड़ने वाला एक रेलवे ट्रैक है। यह 5,072 मीटर (16,640 फीट) के उच्चतम बिंदु तक पहुँचता है।

13. पग्स (कुत्ते की एक प्रकार की किस्म) तिब्बत में उत्पन्न हुई थी और नाविकों की महिलाओं को इन्हें उपहार स्वरूप दिया जाने लगा था और इन्हें “लिटिल टर्क्स” नाम से भी जाना जाता है।

14. “ल्हासा अप्सो” नामक कुत्ते की प्रजाति तिब्बत में 800 ईसा पूर्व ईसाई आश्रम के अंदर पहरेदार के रूप में पालतू बनाई गई थी। आज इन्हें घरेलू कुत्ते के रूप में पाला जाता है। 1933 में 13वें दलाई लामा द्वारा उपहार स्वरूप अमेरिका में इनकी (कुत्ते की) पहली जोड़ी लाई गई थी।

15. तिब्बत में एक पहाड़ है, जिसका नाम “माउंट कैलाश” है। ये एक ऐसा पहाड़ है जिसमें कभी चढ़ाई नहीं की जा सकी है, जबकि ऐसी कई योजनाएँ बनाई गईं जिससे इस पर चढ़ाई की जा सके। यहाँ के स्थानीय लोगों का मानना है कि माउंट कैलाश नामक इस पहाड़ पर चढ़ने के लिए पर्वतारोही को खुद को एक पक्षी के रूप में बदलना होगा जिसके बाद ही वह पहाड़ पर चढ़ाई कर सकेगा।

17. तिब्बत में कहीं कहीं पर एक असामान्य परंपरा आज भी प्रचलित हैं जिसके अनुसार जीवित बंदर के मस्तिष्क को खाना शामिल है।

18. तिब्बत में यदि अगले दलाई लामा के चयन के दौरान एक से अधिक उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित होते हैं, तो तिब्बत के मंत्री कलश द्वारा किसी एक का नाम चुन लेंगे।

19. तिब्बत में आने वाले पहले यूरोपीय सन् 1624 में पुर्तगाली मिशनरी एंटोनियो डी एंड्रेड और मैनुअल मार्केस थे। उनका स्वागत किंग एंड क्वीन ऑफ गुएज द्वारा किया गया था और उन्हें एक चर्च बनाने और ईसाई धर्म का परिचय देने की अनुमति दी गई थी। परंतु सभी मिशनरियों को सन् 1745 में निष्कासित कर दिया गया था।

20. सन् 1930 में तिब्बत ने चीन के द्वारा अपनी भूमि पर कब्जा करने के प्रयासों के विरोध के लिए चीन पर आक्रमण किया। यह वह समय था जब तिब्बत अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा था।

21. “सिल्क रोड” मार्गों में से एक महत्वपूर्ण हिस्सा तिब्बत से होकर गुज़रता है।

22. ऐसा कहा जाता है कि तिब्बत में उड़ने वाले लामाओं को देखा गया है।

23. 1949 में चीन द्वारा तिब्बत पर हमला किया गया था जिसके परिणामस्वरूप ६० लाख तिब्बतियों में से लगभग 12 लाख की मृत्यु हो गयी थी, ६००० से भी अधिक तिब्बती धर्मस्थल तोड़ दिए गए और लाखों तिब्बतियों को बंदी बना लिया गया।

24. चीनी सरकार के अनुसार वे अब तक लगभग 55 बिलियन डॉलर के मूल्य का टिम्बर (लकड़ी) का तिब्बत से दोहन कर चुके हैं और तिब्बत के लगभग 80 प्रतिशत जंगल नष्ट कर चुके हैं।

25. स्नो लायन (बर्फ में रहने वाला शेर) तिब्बत का आधिकारिक राष्ट्रीय जानवर है।

26. 1953 तक तिब्बत एक स्वंतत्र देश था

27. तिब्बत दुनिया का सबसे ऊँचा पठार है। समुद्र तल से 4500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह प्रदेश अब चीन का एक महत्वपूर्ण राज्य है।

28. दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एवरेस्ट नेपाल एवं तिब्बत की सीमा पर स्थित है जो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है।

29. तिब्बत चीन का सबसे बड़ा प्रदेश है, लेकिन जनसंख्या के लिहाज से यह चीन में सबसे कम आबादी वाला क्षेत्र है।

30. तिब्बत में अकेले घूमने के लिए चीन  ने भारतीयों पर पाबंदी लगा रखी है। यहाँ ल्हासा तक की हवाई यात्रा पर पाबंदी है लेकिन अगर आप परिवार या दोस्तों संग यहाँ घूमना चाहें तो शायद आपको इसकी परमिशन मिल भी सकती है।

31. यदि किसी को पृथ्वी पर स्वर्ग देखना हो तो, लेक नम्त्सो यानि कि हेवेन लेक ही वह स्थान है। यह चीन की दूसरी विशालतम खारे पानी की झील है और संसार के सबसे खुबसूरत जगहों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार नम्त्सो भगवान इंद्र की पुत्री थी, जिसके दाएं हाथ में एक्वेरियम तथा दूसरे में शीशा है।

32. विश्वप्रसिद्ध मक्खन चाय तिब्बती पेय है। तिब्बतियों को चाय में फैट मिला कर पीने के फायदे के बारे में लंबे समय से पता है। यह चाय पूरे संसार में अत्यंत लोकप्रिय है।

33. तिब्बत में जीभ दिखाकर स्वागत और सम्मान प्रदर्शित करने की अनोखी परंपरा  है। तिब्बत में यह परंपरा सदियों पुरानी है।

34. आर्कटिक एवं अन्टार्टिक के बाद ताज़े पानी के विशालतम स्रोत तिब्बत को विश्व के तीसरे ध्रुव के नाम से जाना जाता है।

35. तिब्बत का एक छोटा सा शहर यांगबजिंग, पृथ्वी पर गरम पानी के झरनों की सबसे ऊँची जगह है। यहाँ के आकाश को छूते उबलते झरने तथा गरम एवं ठंडे पानी का फैलाव एक अदभुत प्राकृतिक दृश्य पैदा करते हैं।

36. तिब्बत में स्थित मानसरोवर झील सिन्धु, सतलज, ब्रहमपुत्र एवं करनाली नदियों की स्रोत है। इस झील में स्नान करना किसी भी तिब्बती के लिए बड़ा धार्मिक कृत्य है। इस 60 किमी चौड़ी झील का चक्कर लगाने में चार से पांच दिन लगते हैं।

37. मानसरोवर के नज़दीक ही स्थित खारे पानी की झील राक्षस ताल (डेविल लेक), देवताओं और दानवों में सम्बन्ध का प्रतीक है। दोनों झील आपस में जुडी हुई हैं पर एक का पानी मीठा और साफ़ है तथा दूसरी का पानी खारा और गन्दा है।

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