साना साना हाथ जोड़ि.../मधु काँकरिया

 

साना साना हाथ जोड़ि...

                    -- मधु काँकरिया 

प्रश्न 1: झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?

उत्तर: गंतोक शहर की एक झलक ने ही लेखिका को सम्मोहित कर लिया था। रात्रि के समय जगमगाते प्रकाश के कारण शहर अत्यंत सुंदर नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे आकाश के सारे तारे नीचे बिखर कर जमीन पर टिमटिमा रहे हैं। तराई में तारों के गुच्छों की झालर-सी लटकती दिखाई दे रही थी।

प्रश्न 2: गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया?

उत्तर: गंतोक को सुंदर बनाने में यहाँ के श्रमिक वर्ग के साथ-साथ यहाँ के परिश्रमी निवासी, पुरुष-महिला आदि सभीका काफी योगदान है। उन्हीं के श्रम के बल पर सिक्किम और गंतोक को अद्भुत सुंदरता मिली है। इसलिए लेखिका ने गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है। 

प्रश्न 3: कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?

उत्तर: बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा मंदिर, घर अथवा किसी अन्य स्थल पर दो तरह की पताकाएँ फहराई जाती हैं। सफेद झंडे फहराना जहाँ एक ओर शांति और अहिंसा के अवसरों की ओर संकेत करता है वहीं यह किसी बौद्ध व्यक्ति की मृत्यु को भी दर्शाता है। इसी तरह उनके द्वारा रंग-बिरंगी झंडे फहराना नए कार्य की शुरुआत को दर्शाता है।

प्रश्न 4: जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।

उत्तर: जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के बारे में विविध जानकारियाँ देते हुए कहा कि यह राज्य पाइन व धूपियों के सुंदर वृक्षों से भरा एक सुंदर पर्वतीय प्रदेश है। यहाँ के रास्ते वीरान, सँकरे और जलेबी की तरह घुमावदार हैं। पहाड़ी झरने और प्रियूता-रुडोडेंड्रो के  फूल, हरियाली आदि से भरी घाटियाँ यहाँ की सुंदरता को चार चाँद लगा देते हैं। यहाँ की औरतें सिर्फ घर ही नहीं संभालतीं, वे खेती करती हैं और पत्थर तोड़ कर रास्ते भी बनाती हैं। बच्चे ऊँची पहाड़ियाँ पार करके कई किलोमीटर दूर स्थित स्कूल जाते हैं। यहाँ के लोग बौद्ध धर्मावलंबी हैं।

प्रश्न 5: लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?

उत्तर: लोंग स्टॉक में घूमते हुए धर्म चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी दिखाई दी। लेखिका को लगा कि संपूर्ण भारत के लोगों में पाप-पुण्य जैसे विषय को लेकर एक ही तरह की आस्था, विश्वास अथवा अंधविश्वास, अवधारणाएँ और कल्पनाएँ व्याप्त हैं। तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म आदि के संबंध में देश भर के लोगों की धारणाएँ एवं विश्वास निरंतर कायम हैं और एक जैसी हैं।

प्रश्न 6: जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं? 

उत्तर: एक कुशल गाइड को संबंधित स्थानों की, वहाँ के प्राकृतिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक वातावरण और वहाँ के जनजीवन की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। उसमें आत्मविश्वास एवं आत्मबल होना चाहिए। मुख्य और स्थानीय भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए। दर्शनीय स्थलों की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। उसे मृदुभाषी और हँसमुख स्वभाव का होना चाहिए। पाठ में वर्णित जितेन नार्गे में ये सभी गुण विद्यमान हैं।

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