ग्राम श्री/ -- सुमित्रानंदन पंत


ग्राम श्री

         -- सुमित्रानंदन पंत 

प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1: कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ क्यों कहा है?

उत्तरः कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ इसलिए कहा है क्योंकि उसकी शोभा अतुल्य है। खेतों में दूर-दूर तक मखमली हरियाली फैली हुई है। उस पर सूरज की धूप चमक रही है। इस शोभा के कारण पूरी वसुधा प्रसन्न दिखाई देती है। खेतों में  गेहूँ, जौ, अरहर, सनई, सरसों की फसलें उग आई हैं। तरह-तरह के फूलों पर रंगीन तितलियाँ मँडरा रही हैं। आम, बेर, आड़ू, अनार आदि मीठे फल पैदा होने लगे हैं। आलू, गोभी, बैंगन, मूली, पालक, धनिया, लौकी, सेम, टमाटर, मिर्च आदि खूब फल-फूल रहे हैं। गंगा के किनारे तरबूजों की खेती फैलने लगी है। पक्षी आनंद विहार कर रहे हैं। ये सब दृश्य बड़े ही मनमोहक दिखाई दे रहे हैं।  गाँव के ये दृश्य सचमुच जन-मन को हरते हैं।

प्रश्न 2: कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?

उत्तर: कविता में सरदी के मौसम के सौंदर्य का वर्णन है। इसी समय गुलाबी धूप हरियाली से मिलकर हरियाली पर बिछी चाँदी की उजली जाली का अहसास कराती है और पौधों पर पड़ी ओस हवा से हिलकर उनमें हरा रक्त होने का भान होता है। इसके अलावा खेत में सब्ज़ियाँ तैयार होने, पेड़ों पर तरह-तरह के फल आने, तालाब के किनारे रेत पर मगरमच्छ के अलसाकर सोने के वर्णन से पता चलता है कि यह सरदी के मौसम का ही वर्णन है।

प्रश्न 3: गाँव को ‘मरकत डिब्बे-सा खुला’ क्यों कहा गया है?

उत्तर: गाँव में चारों ओर मखमली हरियाली और अन्य विविध रंगों 
की सुंदरता छाई हुई है। विविध फसलें लहलहा रही हैं। वातावरण मनमोहक सुगंधों से भरपूर है। रंगीन तितलियाँ उड़ रही हैं। चारों ओर रेशमी सौंदर्य छाया हुआ है। सूरज की मीठी-मीठी धूप इस सौंदर्य को और जगमगा रही है। इसलिए इस गाँव की तुलना मरकत डिब्बे से की गई है।

प्रश्न 4: अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं?

उत्तर: अरहर और सनई फलीदार फ़सलें हैं। इनकी फ़सलें पकने पर, जब हवा चलती है तो इनमें से मधुर आवाज़ आती है। यह मधुर आवाज़ किसी की कमर में बँधी करधनी से आती हुई सी प्रतीत होती है। इन्हीं मधुर आवाजों के कारण कवि को अरहर और सनई के खेत धरती की करधनी जैसे दिखाई देते हैं।

प्रश्न 5: भाव स्पष्ट कीजिए-

बालू के साँपों से अंकित गंगा की सतरंगी रेती।
हँसमुख हरियाली हिम-आतप सुख से अलसाए-से सोए।

उत्तर: गंगा-तट की रेत बल-खाते साँप की तरह लहरदार है और वह विविध रंगों वाली है जो हरियाली धूप के प्रकाश में जगमगाती हुई हँसमुख-सी लग रही है। सर्दी की धूप भी स्थिर और शांत है। उन्हें देखकर यों लगता है मानो दोनों अलसाकर एक-दूसरे के संग सो गए हों।

प्रश्न 6: निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक

उत्तर: (i) 'हरे-हरे’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

 (ii) ‘हिल-हरित’ में अनुप्रास अलंकार है।

(iii) ‘हरित रुधिर’-रुधिर का रंग हरा बताने के कारण विरोधाभास अलंकार है।

(iv) ‘तिनकों के हरे-हरे तन पर’ में रूपक एवं मानवीकरण अलंकार है।

प्रश्न 7: इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के किस भू-भाग पर स्थित है?

उत्तरः इस कविता में भारत के उत्तरी भाग पर स्थित गंगा के तट पर बसे किसी गाँव का चित्रण हुआ है।



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