संदेश

मानवीय करुणा की दिव्य चमक/प्रश्नोत्तर

चित्र
  मानवीय करुणा की दिव्य चमक                                  --- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना  प्रश्न 1: फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी?   उत्तर : देवदार एक विशाल एवं छायादार वृक्ष होता है। यह बिना भेदभाव किए सभी को एक समान छाया और शीतलता प्रदान करता है। फादर भी विशाल व्यक्तित्व के धनी थे। उनके मन में सभी के लिए एक समान प्रेम की भावना थी। वह अपने अगणित मानवीय गुणों से सब का उपकार किया करते थे। स्नेह, ममता, आत्मीयता, करुणा आदि से भरपूर विशाल हृदय वाले फादर विभिन्न मांगलिक अवसरों पर उपस्थित होकर सब को अपना आशीष दिया करते थे। इसलिए फादर की उपस्थिति हर किसीको देवदार की छाया जैसी लगती थी। प्रश्न 2: फादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं।  किस आधार पर ऐसा कहा गया है? उत्तर :  भारत में रहकर फादर ने स्वयं को पूरी तरह भारतीयता के रंग में रंग लिया था। भारत को ही वे अपना देश मानने लगे थे। भारतीय संस्कृति के प्रति उनके गहरे प्रेम का प्रमाण है उनका शोध ग्रंथ 'रामकथा: उत्पत्ति और विकास'। वे हिंदी को जन-जन की भाषा और भारत की राष्ट्रभाषा बनते हुए देखना चाहते थे। उन्हो

प्रेमचंद के फटे जूते/प्रश्नोत्तर

चित्र
  प्रेमचंद के फटे जूते        --- हरिशंकर परसाई प्रश्न 1: हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं? उत्तर : प्रेमचंद एक संघर्षशील लेखक थे। वे सादा जीवन परंतु उच्च विचार के पक्षधर थे। वे गैर समझौतावादी और स्वाभिमानी व्यक्ति थे। सामाजिक कुप्रथाओं और परंपरावादी रूढ़ियों के वे घोर विरोधी थे। वे दिखावटीपन से दूर रहते थे और चारित्रिक दृढ़ता को मनुष्य का मुख्य गुण मानते थे। कुल मिलाकर वे पाठ में एक प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में पाठकों के सामने आते हैं। प्रश्न 2: सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाइए-- (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। उत्तर : गलत कथन (सही कथन है --- बाएँ जूते में बड़ा छेद हो गया है) (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। उत्तर : ✓(सही कथन) (ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। उत्तर : गलत कथन (सही कथन है --- प्रेमचंद की व्यंग्य मुसकान लेखक परसाई के हौसले पस्त कर द

बच्चे काम पर जा रहे हैं/प्रश्नोत्तर

चित्र
             बच्चे काम पर जा रहे हैं               कवि: राजेश जोशी प्रश्न 1: कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए। उत्तर :  कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से हमा रे मन-मस्तिष्क में बाल-मजदूरी करते बच्चों की एक करुण एवं  दयनीय तस्वीर उभरती है। मन में यह विचार आता है कि यह तो इन बच्चों की खेलने-कूदने की उम्र है, किंतु इन्हें भयंकर कोहरे में भी आराम नहीं है।  उनका बचपन खो गया है।   आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण  सुबह-सुबह उठने के लिए और न चाहते हुए भी काम पर जाने के लिए ये बच्चे मज़बूर हैं। प्रश्न 2: कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए? उत्तर : कवि के अनुसार इसे प्रश्न  की भाँति पूछा जाना चाहिए ताकि इसका कोई हल निकले।  अकसर हम समस्याओं को विवरण की तरह लिखते हैं, अतः कोई हल नहीं निकलता। गंभीर समस्याओं को सवालों की तरह लिख

पुनरावृत्ति(क्षितिज/कृतिका)

चित्र
पुनरावृत्ति(क्षितिज/कृतिका)               प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: कांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी? उत्तर : कांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती होगी जिससे यह पता चल सके कि सभी पशु मवेशीखाने में हैं या नहीं। हाजिरी लेकर यह पता अथवा अनुमान लगाया जाता होगा कि कहीं कोई पशु भाग तो नहीं गया या उसकी चोरी तो नहीं हुई।  प्रश्न 2: गधे में ऐसे कौन से गुण होते हैं जो ऋषि-मुनियों में देखने को मिलते हैं? उत्तर : सुख-दुख, हानि लाभ, जय पराजय -- हर परिस्थिति में ऋषि-मुनि समान भाव रखते हैं। इसी प्रकार गधों पर भी सुख-दुख, हानि लाभ आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। गधे में भी ऋषि-मुनियों की तरह सहिष्णुता का भाव कूट-कूट कर भरा रहता है। इस तरह दोनों में कई सारे गुणों की समानताएँ दिखती है। प्रश्न 3: छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?   उत्तर : छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। उसकी सौतेली माँ उस पर बहुत अत्याचार करती थी। बैलों पर हुए अत्याचारों की तुलना भी वह अपने ऊपर हुए अत्याचारों से करती थी। उनके दुखों को वह भली-भाँति समझती थी। बैलों के प्रति इन्हीं आत्मीयता

कहानी लेखन

चित्र
  कहानी 1  बुद्धि ही बल है प्राचीन समय की बात है। किसी जंगल में एक पेड़ पर कौए का जोड़ा रहता था। दोनों कौए अपने बच्चों के साथ आनंदपूर्वक रह रहे थे। उसी पेड़ की बिल में एक काला साँप भी रहता था। एक दिन दोनों कौए दाना चुगने कहीं निकल गए थे। कौए जब अपने घोंसले में वापिस आए तो अपने बच्चों को न पाकर बहुत दु:खी हुए। उन्होंने अपने बच्चों के पंख साँप की बिल में देखे। दोनों कौए सर्प के पास गए और बोला-- हे सर्प देवता, हम आपके पड़ोसी हैं। पड़ोसियों पर तो आपको दया रखनी चाहिए थी। साँप ने जब कौओं की बात को सुना तो गुस्से के मारे फन उठाकर फुफकारने लगा। कौओं ने सोचा कि इस समय इस मूर्ख के निकट यहाँ रुकना ठीक नहीं होगा। वे तुरंत उड़कर अपने घोंसले में जा बैठे। दोनों कौओं ने सोचा कि या तो हम यहाँ से चले जाएँ या इस सर्प को जान से मार दें। सर्प का हमारे साथ रहना ठीक नहीं। वे सर्प को समाप्त करने के बारे में सोचने लगे। कुछ समय के पश्चात् उन्हें एक उपाय सूझा। एक कौआ पेड़ से उड़ा और पास के तालाब पर गया जहाँ एक राजकुमार स्नान कर रहा था। उसने सोने के कुछ आभूषण  अपने कपड़ों के ऊपर रखे थे। कौए ने उनमें से एक आभूषण क

निबंध/अनुच्छेद लेखन

चित्र
1: हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व मोबाइल फ़ोन का नाम आते ही हम सोचते हैं कि एक समय वह भी था जब डाकियों और कबूतरों के माध्यम से संदेश भिजवाए जाते थे। बाद में चिट्टी-पत्री के माध्यम से संदेश भेजने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें महीनों बाद भी संदेश नहीं पहुँच पाता था। परंतु आज मोबाइल फ़ोन से हम इस तरह बातें करने लगे हैं, मानो आमने-सामने बैठे बातें कर रहे हों। मोबाइल फ़ोन के बढ़ते प्रयोग के कारण संचार की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव आ गया है। मोबाइल फ़ोन से बात करना जहाँ सस्ता है वहीं यह सर्वसुलभ भी होता जा रहा है। तार, टेलीग्राम, लैंडलाइन फोन से लोगों को वह सुविधाएँ नहीं मिल पाती थीं, जो मोबाइल फ़ोन से बातें करने में मिल जाती हैं। पहले लैंड लाइन फ़ोन की बुकिंग, फिर उसे लगवाने का खर्च और महीने के अंत में भारी भरकम बिल। इसका लाभ हर एक के वश की बात नहीं थी। ऐसे फ़ोन पर हमें वहीं चलकर बात करनी होती थी जहाँ फ़ोन रखा होता था। मोबाइल फ़ोन से यह बाधाएँ खत्म हो गई हैं। अब तो हर कोई इसका प्रयोग कर रहा है। सचमुच संचार जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाने का श्रेय मोबाइल फ़ोन को जाता है। मोबाइल फ़ोन वास

पुनरावृत्ति(क्षितिज)/कक्षा-नौ

चित्र
  पुनरावृत्ति(क्षितिज) 1: लेखक प्रेमचंद ने जानवरों में सबसे बुद्धिहीन किसे कहा है? उत्तर : गधे को  2: गया के घर में हीरा-मोती को रोटी खिलाने कौन आती थी? उत्तर : भैरो की लड़की 3: 'ल्हासा की ओर' पाठ के लेखक राहुल सांकृत्यायन के साथ-साथ यात्रा करने वाले सुमति कौन थे? उत्तर : एक मंगोल भिक्षु  4: कांजीहौस के अधिकारियों ने दोनों बैलों को किसके हाथों नीलाम कर दिया? उत्तर : कसाई के हाथों 5: सुमति लेखक सांकृत्यायन से कहाँ मिले थे? उत्तर : रास्ते में  6: 'हीरा-मोती एक-दूसरे से मूक भाषा में बात करते थे।' -- पंक्ति में 'मूक भाषा' से क्या तात्पर्य है? उत्तर : बिना बोले एक दूसरे के भावों को समझना 7: रास्ता भटकने के बाद वापस लौटकर सुमति के पास पहुँचने पर लेखक सांकृत्यायन ने कैसे जाना कि सुमति गुस्से में थे? उत्तर : सुमति का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था  8: सुमति के स्वभाव की कुछ विशेषताएँ लिखिए: उत्तर : वे अत्यंत सरल, स्नेही और मृदु स्वभाव वाले व्यक्ति थे। कभी कभी उन्हें गुस्सा भी आता था। परंतु उन्हें जितनी जल्दी गुस्सा आता था, उतनी ही जल्दी वे शांत भी हो जाते