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नवंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैं क्यों लिखता हूँ/ अज्ञेय

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मैं क्यों लिखता हूँ?/  -- अज्ञेय  प्रश्न 1: लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों? उत्तर : लेखक की मान्यता है कि सच्चा लेखन भीतरी विवशता से पैदा होता है। यह विवशता मन के अंदर से उपजी अनुभूति से जागती है, बाहर की घटनाओं को देखकर नहीं जागती। जब तक कवि-लेखकों  का हृदय किसी अनुभव के कारण पूरी तरह संवेदनशील नहीं होता और उसकी भावनाओं में अभिव्यक्त होने की पीड़ा पैदा नहीं होती, तब तक वह कुछ लिख नहीं पाता। प्रश्न 2: लेखक ने अपने आप को हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?  उत्तरः लेखक एक दिन जापान के हिरोशिमा नगर की एक सड़क पर घूम रहा था। अचानक उसकी नजर एक पत्थर पर पड़ी, जिस पर एक मानव की छाया छपी हुई थी। वास्तव में परमाणु विस्फोट के समय कोई मनुष्य उस पत्थर के पास खड़ा होगा। रेडियम धर्मी किरणों ने उस आदमी को भाप की तरह उड़ाया होगा और उसकी छाया पत्थर पर छप गई होगी। उसे देखकर लेखक के मन में अनुभूति जग गई होगी। फिर उसके मन में विस्फोट का प्रत्यक्ष दृश्य साकार हो उठा और लेखक स्वयं को उस घटना का भोक्ता महसूस करने लगा। प्रश्न

संस्कृति/ भदंत आनंद कौशल्यायन

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  संस्कृति/ भदंत आनंद कौसल्यायन प्रश्न 1: लेखक की दृष्टि में 'सभ्यता' और 'संस्कृति' की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है? उत्तर : लेखक की दृष्टि में 'सभ्यता' और 'संस्कृति' शब्दों की सही समझ अब तक इसलिए नहीं बन पाई है, क्योंकि हम इन दोनों बातों को एक ही समझते हैं या एक दूसरे में मिला लेते हैं। अक्सर इन दोनों शब्दों के साथ हम अनेक विशेषण भी लगा देते हैं। तब तो इनका अर्थ और भी अस्पष्ट हो जाता है। यह जानना जरूरी है कि क्या यह एक ही चीज है अथवा दो अलग चीजें हैं। और यदि दो हैं तो दोनों में अंतर क्या है? तभी सही बात समझ में आएगी। प्रश्न 2: आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे? उत्तरः आग की खोज मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता की पूर्ति करती है और इसने मानव सभ्यता को नई दिशा दी है।   आग की खोज के पीछे पेट की ज्वाला अथवा भूख मिटाने की प्रवणता प्रेरणा रही होगी। प्रकाश तथा गर्मी पाने की प्रेरणा भी मिली होगी। जब मांस को अथवा अपने आहार को भूनकर खाने से स्वाद और स्वास्थ्य दोनों मिला होगा, तब मनुष्य ने आग

नौबतखाने में इबादत/ यतींद्र मिश्र

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  नौबतखाने में इबादत                                -- यतींद्र मिश्र  प्रश्न 1: शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है? उत्तर : शहनाई और डुमराँव दोनों एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। शहनाई बजाने के लिए रीड एक प्रकार की घास से बनाई जाती है, जो मुख्यतः डुमराँव में सोन नदी के किनारे पर पाई जाती है। इसके अतिरिक्त बिस्मिल्ला खाँ का जन्म स्थान भी डुमराँव है। इनके परदादा उस्ताद सलार हुसैन खाँ भी डुमराँव निवासी थे। इन कारणों से डुमराँव को शहनाई की दुनिया में याद किया जाता है। प्रश्न 2: बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है? उत्तरः शहनाई को मंगल का परिवेश प्रतिष्ठित करने वाला वाद्ययंत्र माना जाता है। इसका प्रयोग विविध जगहों पर मांगलिक विधि-विधान के अवसर पर होता है। उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ शहनाई वादन के क्षेत्र में अद्वितीय स्थान रखते हैं। बिस्मिल्ला खाँ अस्सी वर्ष से भी अधिक समय तक शहनाई बजाते रहे। उनकी गणना भारत के सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक के रूप में होती है। उन्होंने शहनाई को भारत ही नहीं, विश्वभर लोकप्रिय बनाया। इसी कारण उन्हें शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क

संगतकार/ मंगलेश डबराल

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   संगतकार               -- मंगलेश डबराल  प्रश्न 1: 'संगतकार' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि संगतकार जैसे व्यक्ति सर्वगुणसंपन्न होकर भी समाज में अग्र पंक्ति में न आकर प्रायः पीछे ही क्यों रहते हैं?  उत्तरः संगतकार जैसे व्यक्ति सर्वगुणसंपन्न होकर भी समाज की अग्र पंक्ति में न आकर प्रायः पीछे रहते हैं क्योंकि वह मुख्य कलाकार के सहयोगी होते हैं और उसे धोखा नहीं देना चाहते। वह अपने प्रिय कलाकार की सफलता में अपनी सफलता देखते हैं। वह प्रतिभावान होते हैं, पर वह इस विशेषता से दूसरे को चमकाने में लगे रहते हैं। वह परोपकारी और त्यागी होते हैं। उन्हीं के कारण मुख्य गायक का महत्व बना रहता है। प्रश्न 2: 'संगतकार' कविता में कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत कर रहा है? उत्तरः संगतकार के माध्यम से कवि उन व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है जो सफल एवं प्रसिद्ध व्यक्तियों को सफलता तथा प्रसिद्धि पाने में सहयोग देते हैं। उनके महत्व एवं योगदान को कभी आँका नहीं जाता। उनकी भूमिका हमेशा रचनात्मक होती है। यह लोग अपने आदर्श व्यक्ति की छवि को निखारते हैं। मुसीबत में उनका साथ देते हैं

साँवले सपनों की याद/-- जाबिर हुसैन

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साँवले सपनों की याद                                         --- जाबिर हुसैन प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया? उत्तर : बचपन में सालिम अली की एयरगन से नीले कंठ की एक सुंदर गौरैया घायल होकर गिर पड़ी थी। इस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया। वह गौरैया की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में इस तरह जुट गए कि उसके बाद उनकी रुचि पूरे पक्षी-संसार की ओर मुड़ गई और वे पक्षी-प्रेमी बन गए। प्रश्न 2: सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं? उत्तर : सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित गंभीर खतरों का वर्णन किया होगा। वृक्षों की कटाई से लेकर इससे प्रकृति पर पहुँच रहे नुकसान तक के बारे में बताया होगा। साइलेंट वैली में रेगिस्तानी गर्म हवाओं के गंभीर असर के बारे में वर्णन किया होगा। वातावरण के बदलने से पशु-पक्षियों पर पहुँच रहे नुकसान और दुख-कष्टों का हृदयविदारक वर्णन किया होगा, जिसे सुनकर प्रधानमंत्री की आँखें न

ग्राम श्री/ -- सुमित्रानंदन पंत

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ग्राम श्री          -- सुमित्रानंदन पंत  प्रश्नोत्तर   प्रश्न 1: कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ क्यों कहा है? उत्तरः कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ इसलिए कहा है क्योंकि उसकी शोभा अतुल्य है। खेतों में दूर-दूर तक मखमली हरियाली फैली हुई है। उस पर सूरज की धूप चमक रही है। इस शोभा के कारण पूरी वसुधा प्रसन्न दिखाई देती है। खेतों में  गेहूँ, जौ, अरहर, सनई, सरसों की फसलें उग आई हैं। तरह-तरह के फूलों पर रंगीन तितलियाँ मँडरा रही हैं। आम, बेर, आड़ू, अनार आदि मीठे फल पैदा होने लगे हैं। आलू, गोभी, बैंगन, मूली, पालक, धनिया, लौकी, सेम, टमाटर, मिर्च आदि खूब फल-फूल रहे हैं। गंगा के किनारे तरबूजों की खेती फैलने लगी है। पक्षी आनंद विहार कर रहे हैं। ये सब दृश्य बड़े ही मनमोहक दिखाई दे रहे हैं।  गाँव के ये दृश्य सचमुच जन-मन को हरते हैं। प्रश्न 2: कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है? उत्तर : कविता में सरदी के मौसम के सौंदर्य का वर्णन है। इसी समय गुलाबी धूप हरियाली से मिलकर हरियाली पर बिछी चाँदी की उजली जाली का अहसास कराती है और पौधों पर पड़ी ओस हवा से हिलकर उनमें हरा रक्त होने का भान होता है। इसके अलावा खेत