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दिसंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मेरे बचपन के दिन/ महादेवी वर्मा

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    मेरे बचपन के दिन/ महादेवी वर्मा प्रश्न 1: "मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।" इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि -- (क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी?  उत्तर : उस समय लड़कियों की अवस्था अच्छी नहीं थी। उन्हें परिवार का बोझ समझा जाता था। उनके जन्म पर पूरे घर में मातम-सा छा जाता था। उन्हें पढ़ाई-लिखाई से दूर रखा जाता था और ज्यादा-से-ज्यादा घर के कामों में लगाया जाता था। कई परिवार तो उनके जन्म होते ही उन्हें मार तक देते थे।  (ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं? उत्तर : आज लड़कियों के जन्म के संबंध में स्थितियाँ कुछ बदली हैं। शिक्षित परिवारों में लड़कियों का भी लड़कों के समान ही स्वागत होता है। उन्हें भी अच्छी तरह से पढ़ाया-लिखाया जाता है। पढ़ने-लिखने, खेलने-कूदने के लिए उन्हें कहीं भी भेजा जाता है। लेकिन लड़कियों के जन्म को रोकने के लिए आज भी जितनी भ्रूण हत्याएँ हो रही हैं, वह एक चिंता का विषय है और उन्हें अवश्य ही रोकने की जरूरत है। प्रश्न 2: लेखिका उर्दू फारसी क्यों नही...

प्रेमचंद के फटे जूते/हरिशंकर परसाई

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  प्रेमचंद के फटे जूते                --- हरिशंकर परसाई प्रश्न 1: हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं? उत्तर : प्रेमचंद एक संघर्षशील लेखक थे। वे सादा जीवन परंतु उच्च विचार के पक्षधर थे। वे गैर समझौतावादी और स्वाभिमानी व्यक्ति थे। सामाजिक कुप्रथाओं और परंपरावादी रूढ़ियों के वे घोर विरोधी थे। वे दिखावटीपन से दूर रहते थे और चारित्रिक दृढ़ता को मनुष्य का मुख्य गुण मानते थे। कुल मिलाकर वे पाठ में एक प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में पाठकों के सामने आते हैं। प्रश्न 2: सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाइए-- (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। उत्तर : गलत कथन (सही कथन है --- बाएँ जूते में बड़ा छेद हो गया है) (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। उत्तर: ✓(सही कथन) (ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। उत्तर : गलत कथन (सही कथन है --- प्रेमचंद की व्...

लघुकथा लेखन

  प्रश्न 1: 'समाधान' विषय पर एक लघु कथा लिखिए:    समाधान   एक बूढ़ा व्यक्ति था। उसकी दो बेटियाँ थीं। बड़ी बेटी का विवाह कुम्हार के साथ हुआ था और छोटी का एक किसान के साथ। एक बार वह पिता अपनी दोनों बेटियों से मिलने गया। पहले वह बड़ी बेटी के पास गया, जिसका विवाह एक कुम्हार के साथ हुआ था। उसका हाल-चाल पूछा तो उसने कहा कि इस बार हमने परिश्रम करके बहुत सारा सामान तैयार किया है। यदि वर्षा न आए तो हमारा कारोबार खूब चलेगा। पिताजी! आप भगवान से प्रार्थना कीजिए कि वर्षा न हो। इसके बाद वह किसान पति वाली छोटी बेटी के घर गया और उसका हाल-चाल पूछा। बेटी ने कहा कि इस बार हमने खेतों में बहुत परिश्रम किया है। फसल अच्छी है यदि वर्षा अच्छी हुई तो बहुत अन्न उत्पन्न होगा। पिताजी! आप भगवान से प्रार्थना कीजिए कि खूब वर्षा हो। दोनों बेटियों की बातें सुनकर पिता दुविधा में पड़ गया। दोनों की प्रार्थनाएँ परस्पर विपरीत थीं। वह वर्षा होने की प्रार्थना करे या वर्षा न होने की! क्या समाधान हो? बहुत सोच-विचार कर वह पुनः अपनी बेटियों के पास गया। पहले वह बड़ी बेटी के पास गया और उसे समझाया कि यदि वर्षा न ह...

ईमेल लेखन

प्रश्न 1: आपके एटीएम कार्ड के प्रयोग की अंतिम तिथि समाप्त हो गई है। अतः नया एटीएम बनवाने का अनुरोध करते हुए बैंक शाखा प्रबंधक के नाम एक ई-मेल लिखिए:

विज्ञापन लेखन

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  विज्ञापन लेखन  प्रश्न 1: आपके एक मित्र ने रेडीमेड कपड़ों की एक दुकान खोली है। वे प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचारपत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं।उनके लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।    ======================================== प्रश्न 2: 'रोशनी' नामक मोमबत्ती बनाने वाली कंपनी के लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। =====================================

संदेश लेखन

          राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। उन्हें बधाई देते हुए एक संदेश लिखिएराष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। उन्हें बधाई देते हुए एक संदेश लिखिए                    प्रश्न 1: हाल ही में 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार' से सम्मानित अपने कक्षा शिक्षक को बधाई देते हुए एक संदेश लिखिए:          बधाई संदेश  दिनांक: 2 अक्टूबर 2024 समयः प्रातः 10 बजे आदरणीय गुरुजी, आपको 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार' से सम्मानित किए जाने पर हृदय से बधाई! यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि हमारे आदरणीय गुरुजी को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आपकी शिक्षण शैली, धैर्य और प्रेमपूर्ण मार्गदर्शन ने हमारे जीवन को सही दिशा दी है। आपने हमें न केवल पाठ्यपुस्तकों का ज्ञान दिया है, बल्कि हमें जीवन के मूल्य और नैतिकता भी सिखाई है, जो हमारे समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्रों के प्रति आपकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। ...