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फ़रवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रश्नोत्तर (कृतिका)

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  प्रश्नोत्तर (कृतिका) प्रश्न 1: 'मेरे संग की औरतें' संस्मरण की लेखिका मृदुला गर्ग अपने साथ की किन औरतों से प्रभावित थीं और क्यों? उत्तरः लेखिका मृदुला गर्ग अपने साथ की कई औरतों से प्रभावित थीं, जिनके साथ उनका कोई न कोई रिश्ता था। वे थीं-- उनकी नानी, परदादी और छोटी बहन रेणु। उनकी नानी देश प्रेम से भरी थीं। उन्होंने अपनी सामान्य भूमिका छोड़कर अंतिम समय में पति के मित्र क्रांतिकारी प्यारेलाल जी को बुलाया और उनसे अपनी बेटी का विवाह किसी स्वतंत्रता सेनानी से कराने का वादा लिया। उनकी दादी ने भी लीक तोड़ते हुए सामाजिक परंपराओं के विपरीत पतोहू के संतान के रूप में लड़के के स्थान पर लड़की की कामना करके समाज के सामने अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। बहन रेणु ने अपने नजरिए से जिंदगी को देखा, समझा और अकेले ही उसका आनंद भी लिया। इन सभी ने लेखिका के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। प्रश्न 2:  'शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है।'-- इस क्षेत्र में 'मेरे संग की औरतें' पाठ की लेखिका मृदुला गर्ग द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख कीजिए। उत्तरः वास्तव में शिक्षा बच्चों का जन्म सिद्ध अधिक

संवाद लेखन

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संवाद लेखन 1. स्कूल जाते हुए बच्चों को देखकर काम पर जा रहे कुछ श्रमिक बच्चों के बीच हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए। उत्तर :  पहला बच्चा : (दूसरे बच्चे से) अरे! ये बच्चे एक से कपड़े पहने हाथ में पानी की बोतलें और खाने का डिब्बा लिए कहाँ जा रहे हैं?  दूसरा बच्चा : अरे! तुम्हें नहीं पता? ये सब स्कूल जा रहे हैं।  पहला बच्चा : स्कूल क्या होता है? वहाँ ये सब क्या काम करते हैं? दूसरा बच्चा : स्कूल काम करने की नहीं, पढ़ने की जगह होती है। वहीं पर ये सब पढ़ने जाते हैं।   पहला बच्चा : हम स्कूल क्यों नहीं जाते?  दूसरा बच्चा : हम गरीब हैं न? हमें पैसे कमाने के लिए काम पर जाना पड़ता है।  पहला बच्चा : मेरा भी मन स्कूल जाने को करने लगा है। क्या मैं स्कूल जा सकता हूँ?  दूसरा बच्चा : हाँ, क्यों नहीं जा सकते? पर दूसरे स्कूल में। सरकार ने हमारे जैसे बच्चों की पढ़ाई का मुफ्त में इंतजाम कर रखा है। ====================================== प्रश्न 2:  दो मित्रों के बीच ग्रीष्म अवकाश एक साथ बिताने के संबंध में हुई बातचीत को संवाद के रूप में प्रस्तुत कीजिए: उत्तर :  अमितः मित्र सुमित! इस बार की गर्मियों की छुट

अनुच्छेद लेखन

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               अनुच्छेद लेखन बाल मजदूरी की समस्या   बाल मजदूरी से तात्पर्य ऐसी मजदूरी से है, जिसके अंतर्गत 5 से 14 वर्ष तक के बच्चे किसी संस्थान में कार्य करते हैं। जिस आयु में बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए, उस आयु में वह किसी दुकान, रेस्टोरेंट, पटाखे की फैक्ट्री, हीरे तराशने की फैक्ट्री, शीशे के सामान बनाने की फैक्ट्री आदि में काम करते हैं। बाल मजदूरी के अनेक कारण होते हैं।  शिक्षा का महत्व न समझ पाने के कारण अशिक्षित व्यक्ति अपने बच्चों को मजदूरी करने के लिए भेज देते हैं। जनसंख्या वृद्धि बाल मजदूरी का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। निर्धन परिवार के सदस्य पेट भरने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को काम पर भेज देते हैं। भारत में बाल मजदूरी जैसी समस्या को गंभीरता से नहीं लिए जाने के कारण इसे प्रोत्साहन मिलता है। देश में कार्य कर रही सरकारी एवं गैर सरकारी और निजी संस्थाओं की समस्या के प्रति गंभीरता दिखाई नहीं देती। बाल मजदूरी की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार कड़े कानून बना सकती है। समाज के निर्धन वर्ग को शिक्षा प्रदान करके बाल मजदूरी को प्रतिबंधित किया जा सकता है। जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कर के

लघुकथा लेखन

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                       लघुकथा लेखन                 लालच बुरी बला है        एक गाँव में एक सेठ रहता था। उसके बंगले के पास ही एक गरीब मोची की छोटी-सी दुकान थी। उस मोची की आदत थी कि वह जब भी जूते सिलता, भगवान का भजन भी करता था। लेकिन सेठ का भजन की तरफ कोई ध्यान नहीं रहता था। एक दिन सेठ व्यापार के सिलसिले में विदेश गया। घर लौटते वक्त उसकी तबीयत बहुत खराब हो गई, लेकिन पैसे की कमी न होने से देश-विदेश से डॉक्टरों को बुलाया गया। पर कोई भी सेठ की बीमारी का इलाज नहीं कर सका। अब सेठ की तबीयत इतनी खराब हो गई कि वह चल भी नहीं पाता था। एक दिन बिस्तर पर लेटे हुए उसे मोची के भजन गाने की आवाज सुनाई दी। उसे आज मोदी के भजन अच्छे लग रहे थे। सेठ भजन सुनकर ऐसा मंत्रमुग्ध हो गया कि उसे लगा जैसे उसे साक्षात परमात्मा के दर्शन हो गए। मोची का भजन सेठ को उसकी बीमारी से दूर ले जा रहा था। भगवान के भजन में लीन होकर वह अपनी बीमारी भूल गया और उसे आनंद की प्राप्ति हुई तथा उसके स्वास्थ्य में भी सुधार आने लगा। एक दिन सेठ ने मोची को बुलाकर एक हजार रुपए का इनाम देते हुए कहा कि मेरी बीमारी का इलाज बड़े से बड़े डॉक्टर नहीं क

निमंत्रण पत्र

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  प्रथम पुण्यस्मरण                                                 परम पूजनीय माता जी, आपकी मधुर स्मृति, अपार ममता, उच्च आदर्श एवं सत् मार्गदर्शन हमारे लिए सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। आप की प्रथम पुण्यतिथि पर हम समस्त परिवारजन आप के चरणो में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम पर आपका दिव्य आशीर्वाद एवं स्नेह वर्षा हमेशा बनी रहे।                             प्रिय आत्मीयजन,  आगामी दिनांक 10 मार्च, 2023 शुक्रवार के दिन हमारी ममतामयी माँ स्वर्गीय इंदुमती केडिया जी की प्रथम पुण्यतिथि है। उक्त दिन उनके स्मरण में निज निवास पर श्रद्धांजलि सभा, हरिनाम संकीर्तन, शांति पाठ एवं भोज का कार्यक्रम है। अतः इस अवसर पर निज निवास पर आप सभी सादर आमंत्रित हैं। दर्शनाभिलाषी-- --सुनील केडिया/किरण केडिया  --अनिल केडिया/सुनीता केडिया    एवं    केडिया परिवार के सभी सदस्यगण

व्याकरण प्रश्नोत्तरी

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व्याकरण प्रश्नोत्तरी प्रश्न 1: शायद इस वर्ष भारत ऑस्ट्रेलिया से जीत जाएगा।-- अर्थ की दृष्टि से वाक्य-भेद बताइए: उत्तर : संदेहवाचक वाक्य प्रश्न 2: 'किसान का लड़का परसों सुबह मुँह अँधेरे बेलों में से पके खरबूजे चुन रहा था।'-- अर्थ की दृष्टि से किस प्रकार का वाक्य है?  उत्तरः विधानवाचक वाक्य प्रश्न 3: यदि तुम जल्दी आ जाते तो हम सिनेमा देखने के लिए निकलते।-- अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए: उत्तर : संकेतवाचक वाक्य प्रश्न 4: आप सभी के परीक्षा परिणाम शुभ हों।'-- अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए: उत्तर : इच्छावाचक वाक्य  प्रश्न 5: मनीष नवीं कक्षा में पढ़ता है।-- प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए: उत्तर : क्या मनीष नवीं कक्षा में पढ़ता है? प्रश्न 6: आज गाड़ी समय पर आएगी।-- संदेहवाचक वाक्य में बदलिए: उत्तर : शायद आज गाड़ी समय पर आएगी। प्रश्न 7: 'क्या तुम भयभीत थी?'-- अर्थ के आधार पर कौन-सा वाक्य है? उत्तर: प्रश्नवाचक वाक्य  प्रश्न 8: हम अपने हर कदम की जानकारी बेस कैंप पर दे रहे होंगे।-- वाक्य को संदेहवाचक वाक्य में बदलकर लिखिए: उत्तर : शायद हम अपने हर कदम की जानकारी बेस कैंप प

अलंकार (श्लेष, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, मानवीकरण)

  अलंकार   प्रश्न 1: श्लेष अलंकार के कुछ उदाहरण दीजिए: उत्तर : (i) प्रियतम बतला दे हमें लाल मेरा कहाँ है?  (लाल--- 1. बहुमूल्य रत्न, 2. पुत्र) (ii) मधुबन की छाती को देखो        सूखी कितनी इसकी कलियाँ (कलियाँ-- 1. खिलने से पूर्व फूलों की अवस्था, 2. बचपन का समय) (iii) रहीमन जो गति दीप की कुल कपूत गति सोय।         बारे उजियारो करै बढ़ै अँधेरो होय।। (बारे-- 1. जलाने पर, 2. बचपन में  बढ़ै-- 1. बुझने पर, 2. बड़ा होने पर) (iv) रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।         पानी गए न ऊबरै मोती, मानुष, चून।। (पानी के तीन अर्थ हैं-- 1. चमक, 2. प्रतिष्ठा और 3. जल) (v) चरन धरत चिंता करत चितवत चारहुँ ओर।        सुबरन को खोजत फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर।। (सुबरन के तीन अर्थ हैं-- 1. सुंदर शब्द, 2. सुंदर रंग-रूप और  3. स्वर्ण अथवा सोना) (vi) को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के वीर  (वृषभानुजा-- 1. गाय, 2. राधा  हलधर--1. बैल, 2. बलराम) (vii) मंगन को देखि पट देत बार-बार (पट--1. वस्त्र, 2. दरवाजा) प्रश्न 2: उत्प्रेक्षा अलंकार के कुछ उदाहरण दीजिए: उत्तर : (i) माई मानो घन घन अंतर दामिनी (ii) कहती हुई यों उत्त