मेरे संग की औरतें -- - मृदुला गर्ग प्रश्न 1: लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं, फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं? उत्तर : लेखिका की नानी भारतीय रहन-सहन और भारतीय संस्कृति में ढली हुई महिला थीं। विलायती रीति-रिवाजों में रह रहे उनके पति अर्थात नाना जी का भी उन पर कोई असर अथवा प्रभाव नहीं पड़ा। देश की आजादी से जुड़े देशप्रेमी सिपाहियों के प्रति नानी के मन में विशेष लगाव था। नानी स्वतंत्र विचार रखने वाली, दृढ़ स्वभाव की, देशभक्ति की भावना से प्रेरित एक महिला थीं। उनके चरित्र और व्यक्तित्व की इन्हीं विशेषताओं के कारण लेखिका अपनी नानी से प्रभावित थीं। प्रश्न 2: लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही? उत्तर : लेखिका की नानी घरेलू काम-काजों में व्यस्त, पारंपरिक रीति-रिवाजों को मानने वाली, पर्दानशीं एवं शर्मीली स्वभाव की नारी थीं। इसके बावजूद नानी ने स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा से बात कर अपनी बेटी के लिए दामाद के रूप में आजादी का सिपाही ढूँढ़ा और उसके हाथ पीले कराए। इस तर
संदेश
साना साना हाथ जोड़ि...
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
साना साना हाथ जोड़ि... ---मधु काँकरिया प्रश्न 1: झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था? उत्तर : गंतोक शहर की एक झलक ने ही लेखिका को सम्मोहित कर लिया था। रात्रि के समय जगमगाते प्रकाश के कारण शहर अत्यंत सुंदर नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे आकाश के सारे तारे नीचे बिखर कर जमीन पर टिमटिमा रहे हैं। तराई में तारों के गुच्छे की झालर-सी लटकती दिखाई दे रही थी। प्रश्न 2: गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया? उत्तर : गंतोक को सुंदर बनाने में यहाँ के श्रमिक वर्ग के साथ-साथ यहाँ के परिश्रमी निवासियों का भी काफी योगदान है। उन्हीं के श्रम के बल पर सिक्किम और गंतोक को अद्भुत सुंदरता मिली है। इसलिए लेखिका ने गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है। प्रश्न 3: कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है? उत्तर : बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा मंदिर, घर अथवा किसी अन्य स्थल पर दो तरह की पताकाएँ फहराई जाती हैं। सफेद झंडे फहराना जहाँ एक ओर शांति और अहिंसा
रसखान के सवैये
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
रसखान के सवैये प्रश्नोत्तर प्रश्न 1: ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है? उत्तर : कवि रसखान को ब्रजभूमि से गहरा प्रेम है। वे इस जन्म में ही नहीं, अगले जन्म में भी ब्रजभूमि का निवासी बने रहना चाहते हैं। वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि अगले जन्म में वह उन्हें ब्रज का ग्वाला, नंद की गाय, गोवर्धन पर्वत का पत्थर अथवा कदंब के पेड़ का पक्षी बनाए ताकि उन्हें हमेशा श्रीकृष्ण का साथ मिलता रहे। प्रश्न 2: कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण है? उत्तर : कवि ब्रज के वन, बाग और तालाब इसलिए निहारना चाहते हैं क्योंकि इनके साथ श्रीकृष्ण की यादें जुड़ी हुई हैं। कभी श्रीकृष्ण इन्हीं के बीच घूमा करते थे। यहीं ग्वाल-बालों के साथ खेला करते थे और गायें चराया करते थे। कवि इन स्थानों का दर्शन कर अथवा इन्हें देखकर धन्य होना चाहते हैं और अपना जन्म सफल बनाना चाहते हैं। प्रश्न 3: एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार हैं? उत्तर: कवि रसखान के लिए भगवान श्रीकृष्ण सबसे महत्वपूर्ण हैं। श्रीकृष्ण से जुड़ी एक एक वस्तु उनके लिए व
आत्मकथ्य/ जयशंकर प्रसाद
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
आत्मकथ्य --जयशंकर प्रसाद प्रश्न 1: कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है? उत्तरः कवि आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहता है क्योंकि वह सोचता है कि उसके जीवन में ऐसा कुछ विशेष घटित नहीं हुआ है, जिसे वह आत्मकथा के रूप में प्रस्तुत कर सके अथवा जिसे पढ़कर किसी को आनंद मिले। कवि अपने जीवन की दुर्बलता एवं असफलता और दूसरों की प्रवंचनाओं को सबके सामने उजागर करना नहीं चाहता। प्रश्न 2: आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है? उत्तर : कवि जीवन की पीड़ा, व्यथा और दुख-कष्टों को सहन करते हुए थक चुके हैं। वे उनका वर्णन करने को अनिच्छुक एवं असमर्थ हैं। आत्मकथा लिखते वक्त उन सभी पीड़ाओं को उन्हें फिर जगाना होगा, जो उनके लिए असहनीय है। इसलिए कवि कहना चाहते हैं कि आत्मकथा सुनाने का यह उचित समय नहीं है। प्रश्न 3: स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है? उत्तरः कवि के निराश जीवन में आज न तो कोई सुख बचा है और न ही कोई आशा। अतीत की मधुर यादें तथा प्रियतमा के संग व्यतीत किए गए क्षणों की मधुर स्मृतियाँ ही अब उनके जीवन यात्रा का अवलंबन बन ग
उपभोक्तावाद की संस्कृति
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
उपभोक्तावाद की संस्कृति --लेखक: श्यामाचरण दुबे प्रश्न 1: लेखक के अनुसार जीवन में 'सुख' का अभिप्राय क्या है? उत्तर : लेखक के अनुसार विविध भोग विलास की सामग्रियों का प्रयोग, शारीरिक सुख, सुंदरता बढ़ाने के साधनों का प्रयोग, भ्रमण विलास, सुविधासंपन्न भवनों में निवास आदि को ही वास्तविक सुख नहीं माना जाना चाहिए। 'सुख' से लेखक का अभिप्राय नैतिक मूल्यों के अनुसार जीवन-यापन, मानसिक शांति, परोपकारपूर्ण कार्य आदि से है। प्रश्न 2: आज की उपभोक्तावादी संस्कृति हमारे दैनिक जीवन को किस प्रकार प्रभावित कर रही है? उत्तर : आज की उपभोक्तावादी संस्कृति ने हमारे दैनिक जीवन को जाने-अनजाने भीतर से ही खोखला कर दिया है। आज हम कोई सामान खरीदते समय आकर्षक विज्ञापन, विलासिता और दिखावटीपन की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं। उसकी गुणवत्ता, उपयोगिता और आवश्यकता पर ध्यान नहीं देते। विज्ञापनों के प्रभाव से सारा समाज दिशाहीन हो गया है और अपने लक्ष्य से भटक गया है। प्रश्न 3: गांधीजी ने उपभोक्ता संस्कृति को हमारे समाज के लिए चुनौती क्यों कहा है? उत्तरः गांधीजी ने बहुत पहले ही चेतावनी दे
ललद्यद के वाख
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
ललद्यद के वाख प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: 'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है? उत्तर : ललद्यद की 'वाख' कविता में ‘रस्सी’ शब्द का प्रयोग मनुष्य की ‘साँस’ या ‘प्राण’ के लिए हुआ है, जिसके सहारे मनुष्य अपनी शरीररूपी नाव को खींच रहा है। यह साँस अथवा प्राणरूपी रस्सी बहुत कमजोर है। यह कब टूट जाए अर्थात कब इन्सान मृत्यु को प्राप्त हो जाए कोई भरोसा नहीं। प्रश्न 2: कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं? उत्तर : कवयित्री इस सांसारिकता के मोह के बंधनों से मुक्त नहीं हो पा रही है। ऐसे में वह प्रभु की भक्ति सच्चे मन से नहीं कर पा रही है। उसे लगता है कि कच्चे, नाशवान और कमजोर शरीर के माध्यम से की जा रही उसकी सारी साधनाएँ व्यर्थ होती जा रही हैं। इसलिए उसके द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले सारे प्रयास विफल होते जा रहे हैं। प्रश्न 3: कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है? उत्तर : 'घर जाने की चाह' से कवयित्री का तात्पर्य है -- परमात्मा के पास जाना, मोक्ष प्राप्त करना अथवा इस भवसागर से मुक्ति पाकर अपने ईश्
इस जल प्रलय में
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
इस जल प्रलय में प्रश्न 1: बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे? उत्तर: बाढ़ की खबर सुनकर लोग अति आवश्यक सामानों को जुटाने में और अपनी सुरक्षा का प्रबंध करने में व्यस्त हो गए। आवश्यक ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी, दवाइयाँ आदि इकट्ठा करने लगे ताकि बाढ़ से घिर जाने पर भी कुछ दिनों तक गुजारा चल सके। प्रश्न 2: बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाहर का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था? उत्तर: लेखक उसी क्षेत्र के रहने वाले थे, जहाँ बाढ़ग्रस्त लोग शरण लिया करते थे। बीते दिनों में लेखक बाढ़ पीड़ितों की मदद कई तरह से कर चुके थे। उन्होंने बाढ़ देखा तो था, परंतु बाढ़ से घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वे उसका प्रत्यक्ष अनुभव करना चाहते थे। इसलिए बाढ़ के संबंध में अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए वे बहुत बेचैन और उत्सुक थे। प्रश्न 3: सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं? उत्तर: सबके मन में एक ही जिज्ञासा थी-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह के मन का त्रास, उत्कंठा,
माता का अँचल/ प्रश्नोत्तर
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
माता का अँचल --- शिवपूजन सहाय प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है? उत्तर : अपने पिता से अधिक जुड़ाव होने के बावजूद विपदा के समय भोलानाथ पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। इसकी वजह यह हो सकती है कि माँ के आँचल तले एक बच्चे को जिस प्यार और सुरक्षा की अनुभूति मिलती है, वह पिता के सान्निध्य में नहीं मिलती। माँ से बच्चों का संबंध जन्म के पूर्व से ही जुड़ा होता है। इसलिए भी संतान की आत्मीयता माँ के साथ अत्यंत गहरी होती है। प्रश्न 2: आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है? उत्तर : भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है, क्योंकि उसे उनके साथ दिनभर अलग-अलग खेल खेलने और शरारत भरी मस्ती करने का आनंद मिलता है। जब भी वह अपने मित्रों को देखता है तो वह अपने सारे दुख-दर्द भूल जाता है। प्रश्न 4: भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की साम
राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद -- तुलसीदास प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1 : परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन कौन से तर्क दिए? उत्तर : धनुष के टूटने से परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने इसके टूट जाने के कई तर्क दिए। लक्ष्मण ने कहा कि पुराने धनुष के टूटने से क्या लाभ और क्या हानि? राम ने तो इसे नया समझकर उठाया था, लेकिन उनके छूते ही यह टूट गया तो इसमें राम का क्या दोष, आदि। प्रश्न 2 : परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर : राम के स्वभाव की विशेषताएँ : (i) राम अत्यंत विनम्र स्वभाव के हैं। (ii) वह बहुत कम बोलते हैं और उनका स्वभाव शांत है। (iii) वह अपने से बड़ों का और ऋषि-मुनियों का सम्मान करते हैं। (iv) वह अपनी कोमल और मधुर वाणी से माहौल को शांत बनाने की क्षमता रखते हैं। लक्ष्मण के स्वभाव की विशेषताएँ : (i) लक्ष्मण उग्र और तर्कशील स्वभाव के हैं। (ii) वह वीर और साहसी हैं। (iii) वह किसी के क्रोध एवं हथियारों से नहीं डरते। (iv वह किसी भी प्रकार क
पद परिचय-2
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
पद परिचय/भाग-2 प्रश्न 1: पद किसे कहते हैं? उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पद कहते हैं। प्रश्न 2: पद परिचय की परिभाषा दीजिए: उत्तर: पदों का व्याकरणिक परिचय देना 'पद परिचय' कहलाता है। प्रश्न 3: हिंदी में पद कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर: हिंदी में पद पाँच प्रकार के होते हैं। वे हैं: (क) संज्ञा (ख) सर्वनाम (ग) विशेषण (घ) क्रिया और (ङ) अव्यय प्रश्न 4: अव्यय किसे कहते हैं? इसके कितने भेद होते हैं? उनके नाम लिखिए : उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त जिन शब्दों के साथ लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक चिन्ह आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, उन्हें अव्यय कहते हैं। इस के पाँच भेद होते हैं। वे हैं: (क) क्रियाविशेषण (ख) संबंधबोधक अव्यय (ग) समुच्चयबोधक अव्यय (घ) विस्मयादिबोधक अव्यय और (ङ) निपात प्रश्न 5: क्रियाविशेषण किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा और उदाहरण सहित सविस्तार लिखिए: उत्तर : जो अव्यय अथवा अविकारी शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं। इसके चार भेद हैं। वे हैं: (क) स्थानवाचक क्रियाविशेषण (ख) रीतिवाचक क
पद परिचय 1
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
पद परिचय/भाग-1 प्रश्न 1: पद किसे कहते हैं? उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पद कहते हैं। प्रश्न 2: पद परिचय की परिभाषा दीजिए: उत्तर: पदों का व्याकरणिक परिचय देना 'पद परिचय' कहलाता है। प्रश्न 3: हिंदी में पद कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर: हिंदी में पद पाँच प्रकार के होते हैं। वे हैं: (क) संज्ञा (ख) सर्वनाम (ग) विशेषण (घ) क्रिया और (ङ) अव्यय। प्रश्न 4: संज्ञा किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं? परिभाषा सहित सविस्तार लिखिए: उत्तर: किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण अथवा भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं। जैसे: लड़का चला गया। गाय दूध देती है। अलमारी में कपड़े रखे हैं। राजेश दसवीं कक्षा में पढ़ता है। काठमांडू नेपाल की राजधानी है। साहस को सभी गुणों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। संज्ञा के ३(तीन ) भेद होते हैं। वे हैं--- (क) जातिवाचक संज्ञा, (ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा और (ग) भाववाचक संज्ञा (क) जातिवाचक संज्ञा : जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति की सभी वस्तुओं अथवा सारी जाति या समुदाय का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञ
अलंकार 9
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
अलंकार प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: अलंकार किसे कहते हैं? इसके मुख्यतः कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : काव्य की शोभा या सुंदरता बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते हैं। इसके मुख्यतः दो भेद हैंं --- (क) शब्दालंकार और (ख) अर्थालंकार प्रश्न 2: शब्दालंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण वाक्य अथवा काव्य में आकर्षण अथवा चमत्कार आ जाता है, उसे शब्दालंकार कहते हैं। जैसे: --- र घुपति रा घव रा जा रा म --- काली घटा का घमंड घटा प्रश्न 3: कुछ प्रमुख शब्दालंकारों के नाम लिखिए: उत्तर : कुछ प्रमुख शब्दालंकार हैं: (क) अनुप्रास अलंकार, (ख) यमक अलंकार, (ग) श्लेष अलंकार, (घ) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार (ङ) वक्रोक्ति अलंकार आदि। प्रश्न 4: अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जहाँ वर्ण की अथवा व्यंजनों की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न हो, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। जैसे: (क) र घुपति रा घव रा जा रा म (ख) का नन कुं डल कुं चित के सा (ग) का लिंदी कू ल क दंब की डारन (घ) चा रु चं द्र की
अलंकार
- लिंक पाएं
- ईमेल
- दूसरे ऐप
अलंकार प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: अलंकार किसे कहते हैं? इसके मुख्यतः कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : काव्य की शोभा या सुंदरता बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते हैं। इसके मुख्यतः दो भेद हैंं --- (क) शब्दालंकार और (ख) अर्थालंकार प्रश्न 2: शब्दालंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण वाक्य अथवा काव्य में आकर्षण अथवा चमत्कार आ जाता है, उसे शब्दालंकार कहते हैं। जैसे: --- र घुपति रा घव रा जा रा म --- काली घटा का घमंड घटा प्रश्न 3: कुछ प्रमुख शब्दालंकारों के नाम लिखिए: उत्तर : कुछ प्रमुख शब्दालंकार हैं: (क) अनुप्रास अलंकार, (ख) यमक अलंकार, (ग) श्लेष अलंकार, (घ) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार (ङ) वक्रोक्ति अलंकार आदि। प्रश्न 4: श्लेष अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित समझाइए: उत्तर: 'श्लेष' शब्द का अर्थ है 'चिपकना' । जहाँ वाक्य में एक शब्द एक ही बार प्रयुक्त होने के बावजूद दो या दो से अधिक अर्थ दे वहाँ श्लेष अलंकार होता है। जैसे: (क) मंगन को देखी पट देत बार-बार ( पट = दरवाजा, वस्त्र) (ख) को घटि ये वृषभ