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नौबतखाने में इबादत/ यतींद्र मिश्र

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  नौबतखाने में इबादत/ यतींद्र मिश्र  प्रश्न 1: शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है? उत्तर : शहनाई और  डुमराँव  दोनों एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। शहनाई बजाने के लिए रीड एक प्रकार की घास से बनाई जाती है, जो मुख्यतः  डुमराँव  में सोन नदी के किनारे पर पाई जाती है। इसके अतिरिक्त बिस्मिल्ला खाँ का जन्म स्थान भी  डुमराँव  है। इनके परदादा उस्ताद सलार हुसैन खाँ भी डुमराँव निवासी थे। इन कारणों से डुमराँव को शहनाई की दुनिया में याद किया जाता है। प्रश्न 2: बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है? उत्तरः   शहनाई को मंगल का परिवेश प्रतिष्ठित करने वाला वाद्ययंत्र माना जाता है। इसका प्रयोग विविध जगहों पर मांगलिक विधि-विधान के अवसर पर होता है। उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ शहनाई वादन के क्षेत्र में अद्वितीय स्थान रखते हैं। बिस्मिल्ला खाँ अस्सी वर्ष से भी अधिक समय तक शहनाई बजाते रहे। उनकी गणना भारत के सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक के रूप में होती है। उन्होंने शहनाई को भारत ही नहीं, विश्वभर लोकप्रिय बनाया।  इसी कारण उन्हें शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा गया है। प्रश्न 3: सुषि

संगतकार/ मंगलेश डबराल

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    संगतकार/ मंगलेश डबराल प्रश्न 1: संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है? उत्तर: संगतकार के माध्यम से कवि उन व्यक्तियों की ओर संकेत  करना चाह रहा है जो नेतृत्व स्थानीय व्यक्तियों की सफलता में पर्दे के पीछे रहकर अपना योगदान देते हैं। ये लोग बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान तो देते हैं परंतु लोगों की निगाह में नहीं आ पाते हैं अथवा  सफलता के श्रेय से वंचित रह जाते हैं। मुख्य गायक की सफलता में साथी गायक, वाद्यवादक, अन्य कलाकार, ध्वनि एवं प्रकाश की व्यवस्था देखने वाले कर्मचारियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है, परंतु उन्हें इसका श्रेय कभी नहीं मिल पाता है। प्रश्न 2: संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं? उत्तर :  संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा भी बहुत सारे क्षेत्रों में दिखाई देते हैं; जैसे-- (i) खेल में जीत का श्रेय हमेशा अधिनायक को मिलता है, जबकि विजेता बनाने में अनेक खिलाड़ी, कोच एवं अन्य अनेक लोगों का योगदान भी होता है। (ii) राजनीति के क्षेत्र में जीत केवल किसी उम्मीदवार विशेष की होती है, परंतु उसे विजयी बनाने

फसल/ नागार्जुन

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  फसल/ नागार्जुन प्रश्न 1: कवि के अनुसार फसल क्या है? उत्तर :  कवि के अनुसार फसल-- (i) नदियों के पानी का जादू है। (ii) लाखों-करोड़ों किसान और मेहनती लोगों के द्वारा किए गए परिश्रम की गरिमा है। (iii) भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म है। (iv) सूरज की किरणों का रूपांतर है।  (v) हवा की लहरों का सहयोग है। प्रश्न 2: कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। वे आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं?  उत्तरः  कविता में फसल उपजाने के लिए प्रकृति और मनुष्य दोनों के पारस्परिक सहयोग की बात कही गई है, जो निम्नलिखित हैं-- (i) केवल एक-दो नदियों का नहीं, अपितु अनेक नदियों का पानी। (ii)  लाखों करोड़ों किसान, मजदूर एवं मेहनती लोगों का परिश्रम। (iii) केवल एक-दो खेतों का नहीं, अपितु हजार-हजार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म। (iv) सूरज की किरणें। (v) हवा की थिरकन। प्रश्न 3: फसल को 'हाथों के स्पर्श की गरिमा' और 'महिमा' कहकर कवि क्या व्यक्त करना चाहता है? उत्तर : कवि कहना चाहता है कि फसल केवल बीज, खाद, पानी, सूरज की किरणें और हवा के सहयोग से ही पैदा नहीं होती, अपितु इसमें किसानों का कठोर

यह दंतुरित मुस्कान/ नागार्जुन

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  यह दंतुरित मुस्कान/ नागार्जुन  प्रश्न 1: बच्चे  की दंतुरित मुस्कान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है? उत्तर : बच्चे की दंतुरित मुस्कान पर कवि का मन मोहित हो जाता है। उसे लगता है यह मुस्कान एक मृत व्यक्ति में भी प्राण डाल देगी। उस मुस्कान को देखकर कठोर से कठोर व्यक्ति का दिल भी पिघल जाएगा। कवि को ऐसा लगता है मानो कमल का सुंदर फूल तालाब को छोड़कर उसकी झोपड़ी में आकर खिल गया हो। प्रश्न 2: बच्चे की मुस्कान और एक बड़े व्यक्ति की मुस्कान में क्या अंतर है? उत्तर : बच्चे की मुस्कान में मासूमियत होती है। उसकी मुस्कान में किसी के प्रति दुर्भावना नहीं होती। उसकी मुस्कुराहट में प्रसन्नता, खुशी और मस्ती की भावना भरी होती है। जबकि बड़े व्यक्ति की मुस्कान चालाकी भरी हो सकती है। उसकी मुस्कान में कोई उद्देश्य, स्वार्थ अथवा किसी के प्रति दुर्भावना भी हो सकती है। बच्चों की मुस्कान के साथ बड़ों की मुस्कान की तुलना नहीं हो सकती। प्रश्न 3: कवि ने बच्चे की मुस्कान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है? उत्तरः कवि ने बच्चे की मुस्कान के सौंदर्य को निम्नलिखित बिंबों के माध्यम से व्यक्

पद परिचय

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पद परिचय प्रश्न 1: रीना अपने पिताजी के साथ दिल्ली गई। -- रेखांकित पद का परिचय दीजिए: उत्तरः रीना-- व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक प्रश्न 2: सफेद घोड़ा तेज भाग रहा है। -- रेखांकित पद का परिचय दीजिए:  उत्तरः सफेद-- गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, 'घोड़ा' विशेष्य प्रश्न 3: खीरा लजीज होता है। -- रेखांकित पद का परिचय दीजिए : उत्तर : खीरा -- संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग  प्रश्न 4: वह हमेशा सच बोलता है। -- रेखांकित पद का परिचय दीजिए: उत्तर : हमेशा-- कालवाचक क्रियाविशेषण, 'बोलता है' क्रिया की विशेषता प्रश्न 5: आनंद बहुत भाग्यशाली है। -- रेखांकित पद का परिचय दीजिए:  उत्तरः भाग्यशाली -- गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, 'आनंद' विशेष्य प्रश्न 6: पद किसे कहते हैं? उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पद कहते हैं। प्रश्न 7: पद परिचय किसे कहते हैं?  उत्तरः वाक्य में प्रयुक्त शब्दों का व्याकरणिक परिचय देना ही पद परिचय अथवा व्याकरणिक परिचय कहलाता है। प्रश्न 8: सीमा साइकिल से विद्यालय जाती है। -- रेखांकित का पद परिचय दीजिए:  उत्तरः साइकिल से --

वाच्य भेद

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  वाच्य भेद प्रश्न 1: खान साहब सुबह ही उठकर विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाते थे। -- वाच्य भेद पहचानिए: उत्तर : कर्तृवाच्य प्रश्न 2: किसान के द्वारा खेत की जुताई की गई। -- कर्तृवाच्य में बदलिए:  उत्तर : किसान ने खेत की जुताई की। प्रश्न 3: आओ, यहाँ बैठें। -- भाववाच्य में बदलिए : उत्तर : आओ, यहाँ बैठा जाए। प्रश्न 4: सैनिकों द्वारा देश की रखवाली की जाती है। -- कर्तृवाच्य में बदलिए: उत्तर : सैनिक देश की रखवाली करते हैं। प्रश्न 5: बालगोबिन भगत कभी झूठ नहीं बोलते थे। -- कर्मवाच्य में बदलिए: उत्तरः बालगोबिन भगत के द्वारा कभी झूठ नहीं बोला जाता था।  प्रश्न 6: अशोक ने विश्व को शांति का संदेश दिया। -- वाच्य पहचानिए: उत्तरः कर्तृवाच्य  प्रश्न 7: सुमन जल्दी नहीं उठती। -- भाववाच्य में बदलिए:  उत्तरः सुमन से जल्दी नहीं उठा जाता। प्रश्न 8: बच्चों द्वारा नमस्कार किया गया। -- कर्तृवाच्य में बदलिए: उत्तर : बच्चों ने नमस्कार किया। प्रश्न 9: मुझसे अब उसका दुख देखा नहीं जाता। -- कर्तृवाच्य में बदलिए: उत्तर : मैं अब उसका दुख देख नहीं सकता। प्रश्न 10: नवाब साहब के द्वारा लेखक का अभिवादन किया गया। -- कर्तृवाच

रचना के आधार पर वाक्य भेद

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रचना के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: उसने घर आकर भोजन किया।-- संयुक्त वाक्य में रूपांतरण कीजिए: उत्तरः वह घर आया और उसने भोजन किया। प्रश्न 2: एक साल पहले बने कॉलेज में शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी। -- संयुक्त वाक्य में बदलिए:  उत्तरः एक साल पहले कॉलेज बना था और उसमें शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी। प्रश्न 3: जो व्यक्ति साहसी होते हैं, उनके लिए कोई कार्य असंभव नहीं होता। -- सरल वाक्य में बदलिए: उत्तर : साहसी व्यक्तियों के लिए कोई कार्य असंभव नहीं होता। प्रश्न 4: मोटरसाइकिल सवार का संतुलन बिगड़ा और वह गिर गया। --- मिश्र वाक्य में बदलिए:  उत्तरः जैसे ही मोटरसाइकिल सवार का संतुलन बिगड़ा, वैसे ही वह गिर गया। प्रश्न 5: माताजी कुर्सी पर बैठी हुई थीं और चाय की चुस्कियाँ ले रही थीं। -- सरल वाक्य में बदलिए। उत्तर : माताजी कुर्सी पर बैठकर चाय की चुस्कियाँ ले रही थीं। प्रश्न 6: केवट ने कहा कि बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा। -- आश्रित उपवाक्य छाँटिए और उसका भेद भी लिखिए : उत्तर : (कि) बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा। -- संज्ञा आश्रित उपवाक्य। प्रश्न 7: हर्षिता बहुत विनम्र है

अलंकार

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  अलंकार प्रश्न 1: पानी परात को हाथ छुयो नहीं           नैनन  के  जल  सों  पग  धोए ।--- अलंकार पहचानिए।  उत्तर : अतिशयोक्ति अलंकार प्रश्न 2: सूर सूर तुलसी शशि उड़ुगन केशवदास। -- पंक्ति में निहित अलंकार है:  उत्तरः यमक अलंकार प्रश्न 3: जो नत हुआ वह मृत हुआ,             ज्यों वृंत से झरकर कुसुम-- अलंकार पहचानिए: उत्तर : उत्प्रेक्षा अलंकार प्रश्न 4: तू मोहन के उर बसी ह्वै उरबसी समान --- पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उत्तर : यमक अलंकार प्रश्न 5: जो घनीभूत पीड़ा थी मस्तक में स्मृति-सी छाई            दुर्दिन  में  आँसू  बनकर  आज  बरसने है आई। --- अलंकार पहचानिए। उत्तर :  श्लेष अलंकार  [(i) घनीभूत: इकट्ठी,  मेघ बनी हुई  (ii) दुर्दिन: बुरे दिन, मेघाच्छन्न दिन ] प्रश्न 6: चरण धरत चिंता करत चितवत चारहूँ ओर-- पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उत्तर : श्लेष अलंकार प्रश्न 7: नदियाँ जिनकी यशधारा-सी             बहती हैं अब भी निशि वासर। -- पंक्ति में निहित अलंकार पहचानिए:  उत्तरः उपमा अलंकार  प्रश्न 8: बालक बोलि बधौं नहीं तोही -- अलंकार पहचानिए। उत्तर : अनुप्रास अलंकार प्रश्न 9: सिंधु-सा विस्तृत और अथाह 

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

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अर्थ के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: यदि वह जल्दी जगता, तो गाड़ी पकड़ लेता।--- अर्थ के आधार पर वाक्य पहचानिए ।  उत्तर : संकेतवाचक वाक्य प्रश्न 2: उसने अपना कार्य पूरा कर लिया।-- संदेह वाचक वाक्य में बदलिए:  उत्तर : शायद उसने अपना कार्य पूरा कर लिया। प्रश्न 3: गांधी जी का नाम सबने सुना है।-- प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए: उत्तर : गांधी जी का नाम किसने नहीं सुना? प्रश्न 4: मोहन कल बाजार गया था। -- निषेधात्मक वाक्य में बदलिए ।  उत्तरः मोहन कल बाजार नहीं गया था।   प्रश्न 5: आपकी यात्रा मंगलमय हो।-- वाक्य पहचानिए ।  उत्तर : इच्छावाचक वाक्य प्रश्न 6: सूर्य स्थिर है। -- निषेधात्मक वाक्य में बदलिए। उत्तर : सूर्य अस्थिर नहीं है। प्रश्न 7: वह कल यहाँ से चला जाएगा।-- संदेहवाचक वाक्य में बदलिए।  उत्तरः संभवतः वह कल यहाँ से चला जाएगा। प्रश्न 8: आप सब पर प्रभु की कृपा बनी रहे।-- वाक्य पहचानिए। उत्तर : इच्छावाचक वाक्य  प्रश्न 9: क्या मेहनत हमें कमजोर बना सकती है?--- वाक्य भेद पहचानिए:  उत्तरः प्रश्नवाचक वाक्य प्रश्न 10: तान्या ने अपना पाठ याद कर लिया है। -- निषेधवाचक वाक्य में बदलिए। उत्तर : तान्या ने

उपसर्ग, प्रत्यय एवं समास

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  उपसर्ग, प्रत्यय एवं  समास प्रश्न 1: अत्यंत, अत्युत्तम, अत्याचार, अत्यधिक, अत्याधुनिक-- आदि शब्दों मैं कौन-सा उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है? उत्तर : 'अति' उपसर्ग प्रश्न 2: 'अप्रत्याशित' शब्द के प्रारंभ में कौन से दो उपसर्गों का प्रयोग हुआ है? उत्तरः 'अ' और 'प्रति' प्रश्न 3: 'लाजवाब' शब्द में कौन-सा उपसर्ग जुड़ा है?   उत्तरः 'ला' उपसर्ग (ला+जवाब) प्रश्न 4: निर्मल, निर्भय, निवास, निर्दोष-- आदि शब्दों में से किस एक शब्द में 'निर्' उपसर्ग का प्रयोग नहीं हुआ है? उत्तर : 'निवास' शब्द में 'निर्' उपसर्ग का प्रयोग नहीं हुआ है। प्रश्न 5: उच्चारण, उन्नति, उद्देश्य, उत्पत्ति, उल्लंघन -- आदि शब्दों में कौन-सा उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है?  उत्तर: 'उत्' उपसर्ग प्रश्न 6: 'पुजारिन' शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय कौन-सा है?   उत्तर : 'इन' प्रत्यय प्रश्न 7: 'रंगीन' शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय लिखिए: उत्तर : 'इन' प्रत्यय प्रश्न 8: 'शक्तिमान' शब्द में कौन-सा प्रत्यय है: उत्तर : 'मान' प्रत्यय प्र

इस जल प्रलय में/ संपूर्ण प्रश्नोत्तर

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 इस जल प्रलय में              -- फणीश्वरनाथ रेणु प्रश्न 1: बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?  उत्तर : बाढ़ की खबर सुनकर लोग अति आवश्यक सामानों को जुटाने में और अपनी सुरक्षा का प्रबंध करने में व्यस्त हो गए। आवश्यक ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी, दवाइयाँ आदि इकट्ठा करने लगे ताकि बाढ़ से घिर जाने पर भी कुछ दिनों तक गुजारा चल सके। प्रश्न 2: बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाहर का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था? उत्तर : लेखक उसी क्षेत्र के रहने वाले थे, जहाँ बाढ़ग्रस्त लोग शरण लिया करते थे। बीते दिनों में लेखक बाढ़ पीड़ितों की मदद कई तरह से कर चुके थे। उन्होंने बाढ़ देखा तो था, परंतु बाढ़ से घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वे उसका प्रत्यक्ष अनुभव करना चाहते थे। इसलिए बाढ़ के संबंध में अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए वे बहुत बेचैन और उत्सुक थे। प्रश्न 3: सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?  उत्तर : सबके मन में एक ही जिज्ञासा थी-- 'पानी कहाँ तक आ गया है?' इस कथन स

स्ववृत्त लेखन

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 स्ववृत्त लेखन अपने जीवन संबंधी विभिन्न जानकारियों के संक्षिप्त संकलन या विवरण को हम स्ववृत्त लेखन कहते हैं। यह एक बना बनाया प्रारूप होता है, जिसे विज्ञापन के प्रत्युत्तर स्वरूप आवेदन पत्र के साथ भेजा जाता है। स्ववृत्त लेखन में ध्यान रखने योग्य बातें:  स्ववृत्त लेखन में हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए: (i) स्ववृत्त लेखन में ईमानदारी चाहिए। (ii) स्ववृत्त लेखन का आकार जरूरत से अधिक बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए।  (iii) भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। (iv) जानकारियाँ लिखते समय अपने बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बातें नहीं बतानी चाहिए। (v) स्ववृत्त साफ और सुंदर ढंग से लिखा होना चाहिए। (vi) स्ववृत्त में सूचनाओं को अनुशासित क्रम में लिखना चाहिए।  (vii) स्ववृत्त में व्यक्तिगत परिचय, शैक्षिक योग्यताएँ, अनुभव, प्रशिक्षण, उपलब्धियाँ और अन्य गतिविधियाँ इत्यादि का विस्तृत और स्पष्ट वर्णन करना चाहिए।  नीचे स्ववृत्त लेखन का एक नमूना प्रस्तुत किया गया है: ।।

एक कहानी यह भी

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एक कहानी यह भी                     ---- मन्नू भंडारी  प्रश्न 1: लेखिका के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा? उत्तर : लेखिका के व्यक्तित्व पर उनके पिताजी, हिंदी प्राध्यापिका शीला अग्रवाल, पिताजी के घनिष्ठ मित्र डॉक्टर अंबालाल से लेकर अनेक लोगों का प्रभाव पड़ा। पिताजी से लेखिका ने घर, समाज--- हर कहीं अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने की सीख ली। हिंदी प्राध्यापिका शीला अग्रवाल ने उनमें पुस्तकों के चयन के साथ-साथ विभिन्न साहित्य और साहित्यकारों के प्रति रुचि ही उत्पन्न नहीं की, चारदीवारी में रह रही लेखिका में खुलकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने का जोश भी भरा। डॉ अंबालाल जी ने भी उनके भाषण और साहस का समर्थन कर हौसला बढ़ाया। प्रश्न 2: इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को 'भटियारखाना' कहकर क्यों संबोधित किया है? उत्तरः इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को 'भटियारखाना' कहकर इसलिए संबोधित किया है, क्योंकि उनका मानना है कि निरंतर रसोई में अपना समय अथवा पूरा जीवन व्यतीत करने से महिलाओं की प्रतिभा और क्षमता रसोई की भट्टी में ही जलकर राख हो जाती है। उन्ह

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संवाद लेखन

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           संवाद लेखन   प्रश्न 1: मीनू डॉक्टर बनना चाहती है और रीना अध्यापिका। दोनों के बीच हुई बातचीत का संवाद रूप लिखिए: उत्तर: मीनू: हाय रीना। कैसी हो? रीना: मैं ठीक हूँ। तू सुना। सुना है दिन-रात किताबों के पीछे हाथ धोकर पड़ी रहती है।  मीनू: कहाँ पढ़ रही हूँ? मेरे पिताजी कहते हैं, ऐसे घूमती रही तो डॉक्टर तो क्या मास्टरनी भी नहीं बन पाएगी। रीना: अच्छा! क्या मास्टरनी ऐसे ही बन जाती हैं?  मीनू: भाई, डॉक्टरी के लिए तो अधिक मेहनत करनी ही पड़ती है। रीना: तो क्या मैं मेहनत करना छोड़ दूँ? मैं तो अध्यापिका बनना चाहती हूँ।  मीनू: भाई, तू ठहरी समाजसेविका। तूझे तो लोगों का चरित्र सुधारना है। इसलिए तू बनेगी तो आदर्श अध्यापिका बनेगी। तू कैसे मेहनत करना छोड़ेगी?  रीना: सच कहूँ! यह दोनों ही काम सेवा के हैं। डॉक्टर तन की देखभाल करता है तो अध्यापक मन और बुद्धि की।  मीनू: क्यों? क्या डॉक्टर बिगड़ी हुई बुद्धि वाले मरीजों का इलाज नहीं करते?  रीना: डॉक्टर तो बिगड़ने पर इलाज करते हैं, परंतु अध्यापक तो उन्हें बिगड़ने ही नहीं देते। वह उन्हें संस्कार देते हैं। मीनू: सच, अध्यापक का दर्जा ईश्वर के बराबर होता ह

कहानी लेखन

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   कहानी 1  बुद्धि ही बल है प्राचीन समय की बात है। किसी जंगल में एक पेड़ पर कौए का जोड़ा रहता था। दोनों कौए अपने बच्चों के साथ आनंदपूर्वक रह रहे थे। उसी पेड़ की बिल में एक काला साँप भी रहता था। एक दिन दोनों कौए दाना चुगने कहीं निकल गए थे। कौए जब अपने घोंसले में वापिस आए तो अपने बच्चों को न पाकर बहुत दु:खी हुए। उन्होंने अपने बच्चों के पंख साँप की बिल में देखे। दोनों कौए सर्प के पास गए और बोला-- हे सर्प देवता, हम आपके पड़ोसी हैं। पड़ोसियों पर तो आपको दया रखनी चाहिए थी। साँप ने जब कौओं की बात को सुना तो गुस्से के मारे फन उठाकर फुफकारने लगा। कौओं ने सोचा कि इस समय इस मूर्ख के निकट यहाँ रुकना ठीक नहीं होगा। वे तुरंत उड़कर अपने घोंसले में जा बैठे। दोनों कौओं ने सोचा कि या तो हम यहाँ से चले जाएँ या इस सर्प को जान से मार दें। सर्प का हमारे साथ रहना ठीक नहीं। वे सर्प को समाप्त करने के बारे में सोचने लगे। कुछ समय के पश्चात् उन्हें एक उपाय सूझा। एक कौआ पेड़ से उड़ा और पास के तालाब पर गया जहाँ एक राजकुमार स्नान कर रहा था। उसने सोने के कुछ आभूषण  अपने कपड़ों के ऊपर रखे थे। कौए ने उनमें से एक आभूषण

साँवले सपनों की याद/ जाबिर हुसैन

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   साँवले सपनों की याद                                      --- जाबिर हुसैन प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया? उत्तर : बचपन में सालिम अली की एयरगन से नीले कंठ की एक सुंदर गौरैया घायल होकर गिर पड़ी थी। इस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया। वह गौरैया की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में इस तरह जुट गए कि उसके बाद उनकी रुचि पूरे पक्षी-संसार की ओर मुड़ गई और वे पक्षी-प्रेमी बन गए। प्रश्न 2: सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं? उत्तर : सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित गंभीर खतरों का वर्णन किया होगा। वृक्षों की कटाई से लेकर इससे प्रकृति पर पहुँच रहे नुकसान तक के बारे में बताया होगा। साइलेंट वैली में रेगिस्तानी गर्म हवाओं के गंभीर असर के बारे में वर्णन किया होगा। वातावरण के बदलने से पशु-पक्षियों पर पहुँच रहे नुकसान और दुख-कष्टों का हृदयविदारक वर्णन किया होगा, जिसे सुनकर प्रधानमंत्री की आँखें न