बच्चे काम पर जा रहे हैं(प्रश्नोत्तर)
बच्चे काम पर जा रहे हैं -- कवि: राजेश जोशी प्रश्न 1: कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है, उसे लिखकर व्यक्त कीजिए। उत्तर : कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा उन पर विचार करने से हमारे मन-मस्तिष्क में बाल-मजदूरी करते बच्चों की एक करुण एवं दयनीय तस्वीर उभरती है। मन में यह विचार आता है कि यह तो इन बच्चों की खेलने-कूदने की उम्र है, किंतु इन्हें भयंकर जाड़े के समय में और कोहरे में भी आराम नहीं है। उनका बचपन खो गया है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण ठंड के दिनों में सुबह-सुबह उठने के लिए और न चाहते हुए भी काम पर जाने के लिए ये बच्चे मज़बूर हैं। प्रश्न 2: कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए? उत्तर : कवि के अनुसार इसे प्रश्न की भाँति पूछा जाना चाहिए ताकि इसका कोई हल निकले। अक्सर हम समस्याओं को विवरण की तरह लिखते हैं, अतः कोई