संदेश

संज्ञा/ कक्षा: आठ

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  संज्ञा प्रश्न 1: संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए:  उत्तरः किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण, दशा, भाव आदि के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं। जैसे: -- राजीव, आदमी, पक्षी, घर, किताब, नदी, वायु, पानी, विद्यार्थी, साहस, सुंदरता आदि। प्रश्न 2: संज्ञा के कितने भेद होते हैं? उनके नाम लिखिए : उत्तर : संज्ञा के तीन भेद होते हैं। उनके नाम हैं--(i) जातिवाचक संज्ञा, (ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा और (iii) भाववाचक संज्ञा। प्रश्न 3: जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जो संज्ञा शब्द एक ही प्रकार के या एक जैसे व्यक्ति, वस्तु, प्राणी या स्थानों के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं तथा उस जाति के सभी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी तथा स्थानों का बोध कराते हैं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: लड़का, नदी, नगर, देश, विद्यालय, पहाड़, घर,  पुस्तक आदि। प्रश्न 4: व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण सहित परिभाषा लिखिए: उत्तर : जिस संज्ञा शब्द से किसी एक विशेष व्यक्त, प्राणी, वस्तु या स्थान का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:-- सुरेश, मोहन, ऐरावत,

रचना के आधार पर वाक्य भेद

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रचना के आधार पर वाक्य भेद प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: वाक्य किसे कहते हैं? उत्तर : ऐसा व्यवस्थित और सार्थक शब्द समूह जो वक्ता का पूरा आशय स्पष्ट रूप से प्रकट कर सके, वाक्य कहलाता है। जैसे:  -- बालगोबिन भगत मझोले कद के गोरे चिट्टे आदमी थे। -- हालदार साहब पान खाने के लिए हमेशा चौराहे पर रुकते। -- विद्यार्थी आज पिकनिक मनाने पोखरा गए। प्रश्न 2: वाक्यों का विभाजन किन दो आधारों पर किया जाता है?   उत्तर : वाक्यों का विभाजन मुख्यतया निम्नलिखित दो आधारों पर किया जाता है-- (i) रचना के आधार पर और  (ii) अर्थ के आधार पर प्रश्न 3: रचना की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए।   उत्तर : रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद हैं। वे हैं: (i) सरल अथवा साधारण वाक्य (ii) संयुक्त वाक्य और  (iii) मिश्र अथवा जटिल वाक्य प्रश्न 4: सरल वाक्य किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए: उत्तर : जिन वाक्यों में एक ही मुख्य क्रिया हो उन्हें सरल अथवा साधारण वाक्य कहते हैं। जैसे:   -- भादों महीने में कई बार मूसलधार वर्षा होती है।   -- शाम के समय बच्चे मैदान में खेल रहे थे।   -- मोहन अगले महीने अमेरिका जाएगा। प्रश्न 5: सं

सूरदास के पद/ प्रश्नोत्तर

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  सूरदास के पद प्रश्नोत्तर   प्रश्न 1: गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है? उत्तर : गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित है कि उद्धव वास्तव में भाग्यवान न होकर भाग्यहीन है। उद्धव कितने अभागे हैं कि हमेशा कृष्ण के साथ रहकर भी वह उनके प्रेम से अनभिज्ञ हैं। प्रश्न 2: उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किससे की गई है? उत्तर : उद्धव के व्यवहार की तुलना हमेशा पानी के भीतर रहने वाले कमल के पत्ते और तेल की मटकी से की गई है क्योंकि  कमल का पत्ता हमेशा पानी में डूबा रहता है, पर उस पर पानी की एक बूँद भी दाग नहीं लगा पाती और उस पर पानी की एक बूँद भी नहीं टिकती। उसी तरह तेल की मटकी को जल में डुबोने से उस पर एक बूँद भी नहीं ठहरती। उद्धव भी पूरी तरह कृष्ण से अनासक्त था। वह श्रीकृष्ण के निकट रह कर भी उनके प्रेम के बंधन से पूरी तरह मुक्त था। प्रश्न 3: गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? उत्तर : गोपियों ने उद्धव को कमल का पत्ता, तेल की मटकी तथा प्रेम की नदी में पाँव रख कर भी पाँव न भीगने वाला व्यक्ति बता कर उनको उलाहने दिए हैं। उ

बस की यात्रा/ हरिशंकर परसाई

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बस की यात्रा कारण बताएँ प्रश्न 1: "मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धा भाव से देखा।" -- लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई? उत्तर : लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जग गई कि वह बस के टायर की स्थिति से परिचित होने के बावजूद भी बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। दो-चार पैसे कमाने के लिए जान जोखिम में डालने की ऐसी सोच लोगों में कम ही दिखाई देती है जिसे देखकर लेखक वास्तव में आश्चर्यचकित हो गया। प्रश्न 2: "लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।" -- लोगों ने यह सलाह क्यों दी? उत्तर : लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। बस का कोई भरोसा नहीं था कि यह कब कहाँ खराब हो जाए और रात भर रास्ते में कहाँ किस हालत में बितानी पड़ जाए। उनके अनुसार यह बस किसी डाकिन के समान है। प्रश्न 3: "ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।" -- लेखक को ऐसा क्यों लगा? उत्तर : जब बस का इंजन स्टार्ट हुआ तब सारी बस झनझनाने लगी। लेखक को ऐसा प्

कबीर की साखियाँ और सबद/कक्षा: नौ

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  कबीर की साखियाँ  और   सबद      साखियाँ प्रश्न 1: 'मानसरोवर' से कवि का क्या आशय है? उत्तर:  'मानसरोवर' से कवि का आशय है-- मनरूपी पवित्र सरोवर, जो पवित्र ज्ञान और निर्मल विचारों से भरा हो। प्रश्न 2: कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है? उत्तर : कवि ने सच्चे प्रेमी की कसौटी यह बताई है कि उससे मिलने पर व्यक्ति के मन की सारी मलिनता दूर हो जाती है और सभी के प्रति सद्भावनाएँ जागृत हो जाती हैं। प्रश्न 3: तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्व दिया है? उत्तर : तीसरे दोहे में कवि ने अनुभव से प्राप्त सहज-सुलभ और सच्चे ज्ञान को महत्व दिया है।  प्रश्न 4: इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है? उत्तर : संत कबीर के अनुसार इस संसार में सच्चा संत वही कहलाता है जो आपसी भेद-भाव, तर्क-वितर्क, वैर-विरोध, सुख-दुख, लाभ-हानि आदि के झमेलों में न पड़कर निष्पक्ष और निश्छल भाव से एक ईश्वर की आराधना करता है। प्रश्न5: अंतिम दो दोहों के माध्यम से कबीर ने किस तरह की संकीर्णताओं की ओर संकेत किया है? उत्तर :  अंतिम दो दोहों के माध्यम से कबीरदास जी ने समाज में व्याप्त धार्मिक अथवा सांप्र

मुहावरे/ कक्षा: आठ

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  मुहावरे   प्रश्न 01: मुहावरा किसे कहते हैं? उत्तर : जब कोई वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ को व्यक्त करे तो उसे मुहावरा कहते हैं। जैसे: ' आग में घी डालना '-- इसका शाब्दिक अर्थ है: अग्नि में घी नाम का पदार्थ डालना। लेकिन इसका विशेष अर्थ है: क्रोध को भड़काना। एक और उदाहरण: ' घाव पर नमक छिड़कना '-- इसका शाब्दिक अर्थ है: किसी घाव पर नमक डाल देना। परंतु इसका विशेष अर्थ है: दुखी को और दुखी करना। प्रश्न 2: मुहावरों की कुछ विशेषताएँ लिखिए:  उत्तरः मुहावरों की कुछ विशेषताएँ निम्नानुसार हैं: (i) मुहावरा पूरा वाक्य नहीं बल्कि वाक्यांश होता है। (ii) मुहावरा अपने शाब्दिक अर्थ की जगह किसी विशेष अर्थ के लिए प्रयुक्त किया जाता है। (iii) मुहावरे का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जाता बल्कि इसका प्रयोग वाक्य के एक हिस्से के रूप में किया जाता है। (iv) मुहावरों का अर्थ प्रसंगों के अनुसार होता है। (v) मुहावरों के मूल रूप में कभी परिवर्तन नहीं होता, जैसे 'अक्ल का दुश्मन' एक मुहावरा है। यदि इसके स्थान पर 'अक्ल का शत्रु' प्रयोग किया जाए तो यह अशुद्ध होगा।

समूहवाची शब्द/कक्षा: आठ

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समूहवाची शब्द   01: शृंखला : पर्वतों की  02: बेड़ा : जहाजों का  03: रेवड़ः भेड़-बकरियों का  04: भीड़ : मनुष्यों की  05: लच्छी : ऊन या धागों की  06: सभा : लोगों की  07: छत्ता: मधुमक्खियों या ततैयों का 08: खजाना : धन का  09: जाल : धागों का, बातों का  10: पंक्ति : दीपकों की, लोगों की 11: ढेर : अनाज का, कूड़े का 12: मंडली : भक्तों की 13: गुलदस्ता : फूलों का 14: कोशः शब्दों का, शब्द-भंडार का 15: दल : टिड्डी का, सेना का  16: समूह : यात्रियों का, लोगों का

ध्वनिबोधक शब्द/कक्षा: आठ

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  ध्वनिबोधक शब्दों के कुछ उदाहरण: (i) कुछ जड़ पदार्थों की ध्वनियाँ: 01:  धनुषः  टंकार  02:  आँधी : साँय-साँय करना  03:  बादलः  गरजना 04:  घड़ी : टिकटिक करना 05:  घंटी : टनटन करना  06:  हवा :  सरसर करना  07:  पैरः  पटकना  08:  हृदयः  धड़कना  09:  दाँत : किटकिटाना  10:  जूते : चरमराना  11:  भोंपू : पौं-पौं करना 12:  आँसू : छलछलाना 13:  चूड़ियाँ : खनकना 14:  बंदूक : धाँय-धाँय चलना 15:  जीभ : लपलपाना  16:  वर्षा : छमछम करना

सूर के पद

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  सूरदास के पद   पहले पद की व्याख्या ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी। अपरस रहत सनेह तगा  तैं, नाहिन मन अनुरागी। पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी। ज्यौं जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताकौं लागी। प्रीति नदी  मैं पाउँ न बोरयौ, दृष्टि  न रूप  परागी। ‘सूरदास’ अबला  हम  भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।। ऊपर लिखे गए पद में गोपियाँ उद्धव पर व्यंग करते हुए कहती हैं कि उद्धव कृष्ण के निकट रहकर भी उनके प्रेम में नहीं बँधे हैं । वे बड़े ही भाग्यशाली हैं कि कृष्ण के प्रति उनके मनमें जरा भी मोह नहीं है। किसी भी प्रकार का बंधन या अनुराग नहीं है। बल्कि वे तो कृष्ण के प्रेम रस से बिलकुल अछूते हैं। वह उस कमल के पत्ते की तरह हैं जो जल के भीतर रहकर भी गिला नहीं होता। जैसे तेल से चुपड़े हुए गागर पर पानी की एक भी बूँद नहीं ठहरती, वैसे ही उद्धव पर भी कृष्ण के प्रेम का कोई असर नहीं हुआ है। प्रेम की नदी अथवा सागर स्वरूप श्रीकृष्ण के इतने निकट होकर भी उसमें उन्होंनेे अपने  पाँव नहीं डुबोए हैं। उनका मन कृष्ण के सौंदर्य पराग पर भी कभी मोहित नहीं होता। वास्तव में गोपियाँ कृष्ण के प्रति उद्धव की इस अनुरागहीनता पर अचंभित ह
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  सूरदास की जीवनी                       -- पुरुषोत्तम पोख्रेल  सूरदास हिंदी साहित्य जगत के भक्ति काल के एक अनन्य कवि थे। वह श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त और ब्रजभाषा के एक श्रेष्ठ कवि थे। उनका जन्म सन् 1478 में मथुरा, उत्तर प्रदेश के निकट रुनकता अथवा रेणुका क्षेत्र में हुआ था, ऐसी मान्यता है। दूसरी मान्यता के अनुसार उनका जन्म   दिल्ली के पास सीही नामक ग्राम में एक निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह बहुत बड़े विद्वान थे। सूरदास के पिता का नाम रामदास था और वह गायक थे।  कृष्ण की भक्ति में लीन होकर सूरदास गौघाट, मथुरा में आकर रहने लगे थे। वहीं उनकी भेंट महाप्रभु वल्लभाचार्य से हुई और वे उनके शिष्य बन गए। वल्लभाचार्य ने ही उन्हें कृष्ण लीला के पदों की रचना करने और गाने का आदेश दिया था। सूरदास अष्टछाप के कवियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं। वह श्रीनाथजी के मंदिर में नियमित भजन-कीर्तन करते थे। सूरदास की मृत्यु गोवर्धन मथुरा के निकट पारसौली ग्राम में सन् 1583 में हुई थी। 'आईने अकबरी' ग्रंथ के अनुसार सूरदास अकबर के दरबारी संगीतज्ञ थे।  एक बहुप्रचलित मान्यता के अनुसार सूरदास जन्म के अं

शब्द भंडार (कक्षा: आठ)

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  अनेकार्थक शब्द 01: अक्षर : नष्ट न होने वाला, ईश्वर, वर्ण, सत्य, जल, शिव 02: अजः कटा हुआ, ब्रह्मा, जन्म न लेने वाला 03: अर्क : सूर्य, आम का पेड़, काढ़ा  04: अपेक्षा : आशा, की तुलना में  05: अधर : नीचे, निचला होंठ, बिना टिकाए हुए 06: अंक : संख्या, गोद, नाटक के अंक 07: अंबर : आकाश, कपड़ा,  08: आराम : विश्राम, बगीचा 09: आचार्य : गुरु, पुरोहित, विद्वान 10: अमर : ईश्वर, देवता, शाश्वत 11: कनक : सोना, गेहूँ, धतूरा 12: कर : हाथ, किरण, राजस्व (टैक्स), हाथी की सूँड़ ====================================== समरूपी भिन्नार्थक शब्द 01: अंगना : शरीर       अँगना : घर का आँगन 02: अंक : गोद, संख्या         अंगः शरीर का भाग  03: अंतर : हृदय, फर्क         अंदरः भीतर 04: अंसः कंधा       अंशः हिस्सा 05: अनल : आग       अनिल : हवा 06: अपेक्षा : इच्छा          उपेक्षा : अनादर 07: अवधी : अवधी भाषा        अवधि : निश्चित समय  08: अन्नः अनाज         अन्य: दूसरा  09: अचार : खाने की वस्तु        आचारः आचरण 10: असमान : जो बराबर न हो        आसमान : आकाश  ===================================== पर्यायवाची शब्द 01

लाख की चूड़ियाँ (संक्षिप्त प्रश्नोत्तर)

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लाख की चूड़ियाँ प्रश्न 1: 'लाख की चूड़ियाँ' कहानी के लेखक कौन हैं? उत्तरः कामतानाथ प्रश्न 2: लाख की चूड़ियाँ कौन बनाता था?  उत्तरः बदलू काका प्रश्न 3: लेखक अधिकतर बदलू से किस समय मिलता था?  उत्तरः दोपहर में प्रश्न 4: बेलन पर चढ़ी चूड़ियाँ बदलू को कैसी लगती थीं?  उत्तरः नववधू की सजी हुई कलाई जैसी प्रश्न 5: लेखक बदलू को 'बदलू काका' क्यों कहता था?  उत्तरः क्योंकि गाँव के सभी बच्चे उसे बदलू काका ही कहते थे प्रश्न 6: बदलू कहाँ बैठकर अपना काम करता था?  उत्तरः नीम के पेड़ के नीचे प्रश्न 7: लेखक को बदलू क्या कहकर बुलाता था? उत्तर: लला प्रश्न 8: बदलू का पैतृक पेशा क्या था?  उत्तरः लाख की चूड़ियाँ बनाना प्रश्न 9: शादी विवाह के अवसर पर बदलू किस बात के लिए जिद पकड़ता था?  उत्तर: वस्तुएँ प्राप्त करने के लिए प्रश्न 10: लंबी अवधि के बाद लेखक मामा के गाँव गया तो क्या परिवर्तन पाया?  उत्तरः औरतों ने लाख की चूड़ियाँ पहनना बंद कर दिया था। अब वे काँच की चूड़ियाँ पहनने लगी थीं। प्रश्न 11: रज्जो कौन थी? उत्तर: बदलू की बेटी प्रश्न 12: रज्जो ने कैसी चूड़ियाँ पहन रखी थीं?  उत्तरः लाख की प्रश्न

ल्हासा की ओर(संक्षिप्त प्रश्नोत्तर)

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ल्हासा की ओर प्रश्न 1: ' ल्हासा की ओर' पाठ के लेखक का नाम क्या है? उत्तर: राहुल सांकृत्यायन  प्रश्न 2:  लेखक कहाँ जाते हुए रास्ता भटक गया था? उत्तर: लङ्कोर प्रश्न 3:   थुक्पा’ क्या है? उत्तर: एक तिब्बती खाद्य पदार्थ प्रश्न 4:  तिब्बत की जमीनों पर किनका आधिपत्य था? उत्तर: जागीरदारों का प्रश्न 5: नम्से के मठ में भगवान बुद्ध के वचनों की कितनी हस्तलिखित पोथियों का संग्रह था? उत्तर: 103 (एक सौ तीन) प्रश्न 6:  लेखक किसकी तरह अपने घोड़े पर झूमता हुआ चला जा रहा था? उत्तर: दोन्क्विक्स्तो की तरह प्रश्न 7:  लेखक गलत रास्ते से होते हुए कितनी दूर तक चला गया था? उत्तर: एक-डेढ़ मील दूर तक प्रश्न 8: ' लेकिन मेरा कसूर नहीं है मित्र' -- यह कथन किसने किससे कहा था? उत्तर: लेखक ने अपने सहयात्री सुमति से प्रश्न 9:  लेखक ने किसे दूर-दूर के गाँवों में न जाने के लिए राजी कर लिया? उत्तर: अपने सहयात्री  सुमति को प्रश्न 10:  नेपाल-तिब्बत मार्ग व्यापारिक होने के साथ-साथ कौन-सा मार्ग था? उत्तर: सैनिक मार्ग   प्रश्न 11: लेखक ने भीखमंगे के वेश में तिब्बत की यात्रा क्यों की? उत्तर: क्योंकि उस समय भारती

बालगोबिन भगत/ रामवृक्ष वेनीपुरी (संक्षिप्त प्रश्नोत्तर)

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बालगोबिन भगत   प्रश्न 1: 'बालगोबिन भगत' पाठ के लेखक का नाम क्या है?  उत्तर: रामवृक्ष बेनीपुरी प्रश्न 2: बालगोबिन भगत किसके पद गाया करते थे?  उत्तरः कबीरदास के प्रश्न 3: बालगोबिन भगत के गाँव के लोगों का मुख्य पेशा क्या था?  उत्तरः खेतीबाड़ी प्रश्न 4: बालगोबिन भगत की आयु कितनी थी?  उत्तरः 60 वर्ष से ऊपर प्रश्न 5: बालगोबिन भगत कैसी टोपी पहना करते थे?  उतरः कबीरपंथियों की जैसी  प्रश्न 6: भगत जी कबीर को क्या मानते थे?  उत्तरः साहब प्रश्न 7: भगत जी अपनी फसल सबसे पहले कहाँ ले जाते थे?  उत्तरः कबीरपंथी मठ में प्रश्न 8: लेखक बालगोबिन भगत की किस विशेषता पर अत्यंत मुग्ध थे? उत्तर: उनके मधुर गायन पर प्रश्न 9: बालगोबिन भगत के गीतों में कौन-सा भाव व्यक्त होता था? उत्तर: ईश्वर भक्ति का प्रश्न 10: बालगोबिन भगत के संगीत-साधना का चरमोत्कर्ष कब देखा गया?  उत्तरः जब उनके इकलौते बेटे की मृत्यु हुई प्रश्न 11: बालगोबिन भगत की प्रभातियाँ कब शुरू होती थीं और कब तक चलती थीं?  उत्तरः कार्तिक महीने से फागुन महीने तक प्रश्न 12: भगत जी ने अपने पुत्र की चिता को आग किससे दिलवाई?  उत्तर: अपनी पतोहू से प्रश्न 1
आकाश अपने पिता के  हमेशा टोकते रहने वाले स्वभाव की वजह से उनसे काफी परेशान था। रूम का पंखा चालू करके कहाँ गए थे? सुबह हो गई फिर भी लाइट क्यों चालू रखा है? जब देख नहीं रहे होते हो तो टीवी क्यों चालू करके रखते हो? बाइक ठीक से पार्क क्यों नहीं करते? कभी तो अपने जूते पॉलिश कर लिया करो। सुबह जल्दी उठा करो। कितने आलसी हो गए हो कभी जॉगिंग नहीं करते! दिन भर आकाश को   न जाने  पापा से क्या-क्या  सुनना पड़ता था। अभी बच्चा थोड़ी हूं मैं। इतना बड़ा हो गया हूं, 2 दिन बाद मेरा नौकरी के लिए इंटरव्यू होना है और पापा का बर्ताव किसी छोटे बच्चे जैसा है मेरे साथ। एक बार मुझे नौकरी लगने दो छोड़ कर चला जाऊंगा पापा को, शहर में ही रहूंगा, फिर पता चलेगा उन्हें। अभी कमाता नहीं हूं ना इसलिए फालतू की चीजें सुनाते रहते हैं। पापा से नाराज आकाश के दिमाग में कुछ ऐसे विचार चल रहे थे। 2 दिन भी बीत गए और आज वही दिन था जिसका आकाश को बेसब्री से इंतजार था। आज उसके इंटरव्यू का दिन था। सुबह सुबह जल्दी उठकर भगवान का आशीर्वाद लेकर आकाश उस जगह पहुंच गया जहां पर इंटरव्यू होना था। जिस बिल्डिंग में इंटरव्यू था उसके गेट पर कोई भी गे