संदेश

संदेश लेखन

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  संदेश लेखन   प्रश्न 1: 'गांधी-जयंती' के अवसर पर एक शुभकामना संदेश लिखिए। प्रश्न 2: 'शुभ-दीपावली' के अवसर पर किसी विद्यालय के सभी कर्मचारियों को प्राचार्य की ओर से शुभकामना संदेश लिखिए। प्रश्न 3: पुत्र के जन्म दिवस पर एक शुभकामना संदेश लिखिए। ।

साना साना हाथ जोड़ि.../प्रश्नोत्तर

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साना साना हाथ जोड़ि...                                             ---मधु काँकरिया   प्रश्न 1: झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था? उत्तर : गंतोक   शहर की एक झलक ने ही लेखिका को सम्मोहित कर लिया था। रात्रि के समय जगमगाते प्रकाश के कारण शहर अत्यंत सुंदर नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे आकाश के सारे तारे नीचे बिखर कर जमीन पर टिमटिमा रहे हैं। तराई में तारों के गुच्छे की झालर-सी लटकती दिखाई दे रही थी। प्रश्न 2: गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया? उत्तर : गंतोक को सुंदर बनाने में यहाँ के श्रमिक वर्ग के साथ-साथ यहाँ के परिश्रमी निवासियों का भी काफी योगदान है। उन्हीं के श्रम के बल पर सिक्किम और गंतोक को अद्भुत सुंदरता मिली है। इसलिए लेखिका ने गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है।  प्रश्न 3: कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है? उत्तर : बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा मंदिर, घर अथवा किसी अन्य स्थल पर दो तरह की पताकाएँ फहराई जाती हैं। सफेद झंडे फहराना जहाँ एक ओर शांति और अहिंसा

मेरे संग की औरतें/प्रश्नोत्तर

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  मेरे संग की औरतें                                                                   ---  मृदुला गर्ग प्रश्न 1: लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं, फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं? उत्तर : लेखिका की नानी भारतीय रहन-सहन और भारतीय संस्कृति में ढली हुई महिला थीं। विलायती रीति-रिवाजों में रह रहे उनके पति अर्थात नाना जी का भी उन पर कोई असर अथवा प्रभाव नहीं पड़ा। देश की आजादी से जुड़े देशप्रेमी सिपाहियों के प्रति  नानी के मन में विशेष लगाव था। नानी स्वतंत्र विचार रखने वाली, दृढ़ स्वभाव की, देशभक्ति की भावना से प्रेरित एक महिला थीं। उनके चरित्र और व्यक्तित्व की इन्हीं विशेषताओं के कारण लेखिका अपनी नानी से प्रभावित थीं। प्रश्न 2: लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही? उत्तर : लेखिका की नानी घरेलू काम-काजों में व्यस्त, पारंपरिक रीति-रिवाजों को मानने वाली, पर्दानशीं एवं शर्मीली स्वभाव की नारी थीं। इसके बावजूद नानी ने स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा से बात कर अपनी बेटी के लिए दामाद के रूप में आजादी का सिपाही ढूँढ़ा और उसके हाथ पीले किए। इस तरह उस

लेखन अभ्यास

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लेखन अभ्यास   प्रश्न 1: निम्नलिखित रूपरेखा के आधार पर न्यूनतम 200 शब्दों में एक संदेशप्रद कहानी लिखिए और उसका उपयुक्त शीर्षक भी दीजिए:             भयंकर महामारी -- विद्यालय में अनिश्चितकालीन छुट्टी --- वैकल्पिक रूप से ऑनलाइन पढ़ाई का प्रारंभ --- गरीबी की मार के कारण राजेश को अपनी पढ़ाई की चिंता -- लैपटॉप/मोबाइल का न होना -- पिताजी के द्वारा अपनी गाय बेचकर मोबाइल खरीदना और बेटे को देना -- राजेश का खुश होना -- पढ़ाई करना -- ऑनलाइन परीक्षा देना -- पहली और दूसरी परीक्षा में हमेशा की तरह अच्छा नतीजा आना -- धीरे धीरे पबजी, फ्री फायर आदि ऑनलाइन खेलों के प्रति आकर्षित होना -- पढ़ाई में मन न लगना -- गृह कार्य/कक्षाएँ न करना -- पढ़ाई में टालमटोल करना -- वार्षिक परीक्षा से ठीक पहले विद्यालय का खुलना -- सीधे परीक्षा में बैठना -- पढ़ाई न करने से परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाना -- पश्चाताप -- अच्छी तरह पढ़ने के लिए संकल्पबद्ध होना प्रश्न 2: निम्नलिखित पृष्ठभूमि के आधार पर एक ही कक्षा में पढ़ने वाले दो मित्रों के बीच हुई बातचीत का मज़ेदार संवाद  लेखन कीजिए: (शब्दसीमा: न्यूनतम 200 शब्द)        अमन और स

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

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  अर्थ के आधार पर वाक्य भेद प्रश्न 1: वाक्य किसे कहते हैं ? उत्तर : सार्थक शब्दों के जिस व्यवस्थित समूह से कथन की पूरी बात समझ में आ जाए अथवा पूरा आशय या विचार प्रकट हो, उसे वाक्य कहते हैं। जैसे-- (i) दो हफ्ते बाद हमारी परीक्षाएँ शुरू होने जा रही हैं। (ii) ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए हमें बहुत मजा आया। (iii) वे हमारे हिंदी के अध्यापक हैं। (iv) विद्यार्थी गृहकार्य कर रहे हैं। (v) तुम कहाँ रहते हो? प्रश्न 2: अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद किए गए हैं? उनके नाम लिखिए : उत्तर : अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद किए गए हैं। वे हैं-- (i) कथनात्मक अथवा विधानवाचक वाक्य  (ii) निषेधवाचक अथवा नकारात्मक वाक्य  (iii) आज्ञार्थक अथवा विधिवाचक वाक्य (iv) प्रश्नवाचक वाक्य  (v) इच्छावाचक वाक्य  (vi) संदेहवाचक वाक्य  (vii) विस्मयादिबोधक अथवा मनोवेगात्मक वाक्य और   (viii) संकेतवाचक वाक्य    प्रश्न 3: कथनात्मक वाक्य किसे कहते हैं? उत्तर : जिन वाक्यों से किसी कार्य के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है, उन्हें कथनात्मक, विधानवाचक अथवा रचनात्मक वाक्य कहते हैं। जैसे -- (i) सूर्य पश्चिम में अस्त जाता है। (ii

रस-निष्पत्ति/भाग 2

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रस-निष्पत्ति/भाग-2 प्रश्नोत्तर   प्रश्न 1: शृंगार रस किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए : उत्तर : नायक-नायिका के ह्रदय में स्थित प्रेम अथवा रति नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव और संचारी भाव के साथ संयोग होता है तो वहाँ शृंगार रस होता है। शृंगार रस को सभी रसों में श्रेष्ठ और रसों का राजा माना जाता है। इसे ' रसराज ' भी कहा गया है। इस रस का स्थायी भाव ' रति ' है। शृंगार रस के दो भेद हैं-- (i) संयोग शृंगार और (ii) वियोग शृंगार । शृंगार रस के कुछ उदाहरण : (i) बतरस लालच लाल की  मुरली धरी लुकाय।      सौंह  करैं  भौंहनु  हँसै  दैन  कहैं  नटी  जाय।।                                                  ( संयोग शृंगार )  (ii) निसिदिन बरसत नैन हमारे।        सदा रहत पावस ऋतु हम पै जब ते श्याम सिधारे।                                                             ( वियोग शृंगार ) (iii) कहत नटत रीझत खिझत मिलत खिलत लजियात।        भरे    भुवन    में  करत  हैं    नैनन  ही  सों    बात।।                                                         ( संयोग शृंगार ) (iv) हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी

अट नहीं रही है/शब्दार्थ और प्रश्नोत्तर

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  अट नहीं रही है                  कवि: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला '  शब्दार्थ: (i) अट ------------ समा जाना, प्रविष्ट होना  (ii) पाट-पाट ----- जगह-जगह  (iii) शोभा-श्री --- सौंदर्य से भरपूर (iv) पट नहीं रही है ---- समा नहीं रही है  (v) नभ ----------- आकाश  (vi) पर ----------- पंख  (vii) पुष्प-माल -- फूलों की माला (viii) मंद-गंध ------ खुशबू, सुगंध  प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है? उत्तरः फागुन के महीने में पेड़-पौधों में रंग-बिरंगे फूल, हरे कोमल पत्ते, मंद बहती हवाओं के कारण प्रकृति की सुंदरता में अनुपम निखार आ जाता है। फागुन की सुंदरता चारों तरफ नजर आने लगती है। वातावरण उल्लासमय होने लगता है। कवि की आँखें फागुन की सुंदरता से अभिभूत हैं। इसलिए चाहकर भी कवि इस फागुन की सुंदरता से अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा है।  प्रश्न 2: प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?   उत्तर : प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन निम्नलिखित रूपों में किया है-- (i) समस्त प्रकृति फल-फूलों से लद गई है

उत्साह/शब्दार्थ और प्रश्नोत्तर

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  उत्साह                 कवि: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' शब्दार्थ : (i) धाराधर -------- बादल  (ii) उन्मन --------- बेचैन, अनमनापन, कहीं मन न टिकने की                             स्थिति  (iii) निदाघ -------- गर्मी  (iv) सकल -------- सभी, सारे  (v) आभा --------- चमक, सौंदर्य  (vi) वज्र ---------- कठोर, भीषण  (vii) ललित ------- सुंदर  (viii) विद्युत-छबि -- बिजली की चमक  (ix) उर ----------- हृदय  (x) नूतन --------- नई  (xi) विकल ------ व्याकुल, परेशान  (xii) अज्ञात ----- जिसका पता न हो  (xiii) अनंत ----- जिसका अंत न हो, असीम, आकाश  (xiv) घन -------- बादल  (xv) तप्त धरा --- तपती हुई धरती प्रश्नोत्तर : प्रश्न 1: कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है, क्यों?   उत्तर : कवि समाज में क्रांति और उत्साह की भावना का संचार करना चाहते हैं। वे समाज में परिवर्तन एवं नवजीवन लाना चाहते हैं। वे बादल को क्रांति का सूत्रधार बनने का आह्वान करते हैं और उसके माध्यम से हर किसी में जोश, उत्साह और पौरुष का संचार करना चाहते हैं ताकि बादल के गरजने से क्रांति का सं

लखनवी अंदाज/शब्दार्थ

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  लखनवी अंदाज                      लेखक: यशपाल   शब्दार्थ: (i) मुफस्सिल --------- केंद्रस्थ नगर के इर्द-गिर्द के स्थान (ii) सफ़ेदपोश -------- सज्जन, भद्र व्यक्ति  (iii) किफ़ायत -------- मितव्ययिता, समझदारी से उपयोग                                    करना  (iv) आदाब-अर्ज़ ---- अभिवादन अथवा नमस्कार का एक                                   ढंग  (v) गुमान ------------ भ्रम  (vi) एहतियात ------ सावधानी  (vii) बुरक देना ------ छिड़क देना  (viii) स्फुरण -------- फड़कना, हिलना  (ix) प्लावित -------- पानी भर जाना (x) पनियाती ------ रसीली  (xi) मेदा ------------- आमाशय, पेट  (xii) तसलीम में ------ सम्मान में (xiii) सिर खम करना -- सिर झुकाना  (xiv) तहज़ीब -------- शिष्टता (xv) नफ़ासत ------ स्वच्छता (xvi) नज़ाकत ------ कोमलता  (xvii) नफ़ीस --------- बढ़िया  (xviii) एब्स्ट्रेक्ट ----- सूक्ष्म, जिसका भौतिक अस्तित्व न हो,                                अमूर्त अथवा काल्पनिक (xix) सकील ------ आसानी से न पचने वाला (xx) सुर्खी -------- लाली (xxi) लज़ीज़ ------- स्वादिष्ट  ।।

वाख/शब्दार्थ और प्रश्नोत्तर

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  वाख           कवि: ललद्यद शब्दार्थ:   (i) भवसागर ------- संसाररूपी सागर (ii) कच्चे सकोरे --- कच्ची मिट्टी से बने पात्र, कमजोर साधन  (iii) हूक ------------- तड़प, वेदना  (iv) अहंकारी ------- घमंडी  (v) सम (शम) ----- संयमित (vi) समभावी ------- समानता की भावना  (vii) साँकल ---------- कुंडी (viii) सुषुम-सेतु ------ सुषुम्ना नाड़ी का मध्य भाग (ix) माझी ----------- नाविक, पार उतारने वाला, (कविता में) ईश्वर (x) शिव ------------ भगवान, परमेश्वर  (xi) साहिब ---------- स्वामी, ईश्वर  (xii) कौड़ी न पाई --- कुछ प्राप्त नहीं हुआ  (xiii) थल-थल ------- स्थल स्थल में, सर्वत्र  (xiv) वाख ------------ चार पंक्तियों में लिखी गई कश्मीरी शैली                                  की गाई जा सकने वाली कविता  (xv) रस्सी कच्चे धागे की ---- कमजोर और नाशवान सहारे  (xvi) जेब टटोली ---- (कविता में) आत्मालोचना की  (xvii) उतराई --------- (कविता में) सत्कर्म रूपी मेहनताना,                                    उत्तर अथवा जवाब प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: 'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है

लखनवी अंदाज/प्रश्नोत्तर

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लखनवी अंदाज                     लेखक: यशपाल प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं ? उत्तर : डिब्बे में अचानक लेखक के प्रवेश करने से सफेदपोश नवाब साहब की आँखों में और उनके एकांत चिंतन में बाधा पड़ने का असंतोष दिखाई दिया। उन्होंने लेखक के साथ बिना बात किए देर तक खिड़की से बाहर देखा। लेखक के साथ संगति के लिए उन्होंने कोई उत्साह भी नहीं दिखाया। नवाब साहब के इन्हीं हाव-भावों से लेखक को महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं। प्रश्न 2: नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंततः सूँघ कर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है? उत्तर : नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का, उन्हें बेहद स्वादिष्ट बनाया और अंत में सूँघ कर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया होगा ताकि लेखक को उनकी अमीरी दिखे अथवा खानदानी रइसी का पता चले। इससे उनके अहंकारी स्वभा

अलंकार: भाग 2(अर्थालंकार)

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  अलंकार: भाग 2(अर्थालंकार) प्रश्नोत्तर   प्रश्न 1: अर्थालंकार किसे कहते हैं? इसके कुछ प्रमुख भेदों के नाम लिखिए : उत्तर : जब शब्दों के अर्थ से साहित्य अथवा काव्यपंक्तियों में चमत्कार उत्पन्न हो तो उसे अर्थालंकार कहते हैं। अर्थालंकार में अर्थ के कारण काव्य पंक्तियों में आकर्षण पैदा होता है।  अर्थात्  काव्य अथवा साहित्य में शब्द के कारण चमत्कार उत्पन्न होने पर शब्दालंकार माना जाता है और अर्थ के कारण चमत्कार अथवा आकर्षण पैदा होने पर अर्थालंकार माना जाता है। अर्थालंकार के अनेकों भेद हैं। उनमें से कुछ प्रमुख भेद हैं--  (क) उपमा अलंकार, (ख) रूपक अलंकार, (ग) उत्प्रेक्षा अलंकार, (घ) अतिशयोक्ति अलंकार, (ङ) मानवीकरण अलंकार आदि। प्रश्न 2: उपमा अलंकार की परिभाषा सविस्तार लिखिए:   उत्तर : जहाँ एक वस्तु अथवा प्राणी के गुण अथवा धर्म की तुलना अन्य किसी प्रसिद्ध वस्तु या प्राणी के समान गुण अथवा धर्मों से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। जैसे:--  सीता का मुख चंद्रमा के समान सुंदर है। उपमा अलंकार में जिस वस्तु की तुलना की जाती है, उसे उपमेय कहा जाता है। जिस प्रसिद्ध वस्तु से उपमेय की समानता की तुलना

जॉर्ज पंचम की नाक/प्रश्नोत्तर

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  जॉर्ज पंचम की नाक                              लेखक: कमलेश्वर           प्रश्नोत्तर         प्रश्न 1: सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है? उत्तर : सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है वह सरकारी तंत्र की पोल खोलती है। सरकारी कार्य कर्तव्यबोध के साथ नहीं किए जाते। सरकारी तंत्र मीटिंग करने एवं कार्यों को निचले स्तर के कर्मचारियों पर लादने में ही विश्वास रखता है। प्रश्न 2: रानी एलिजाबेथ के दर्जी की परेशानी का क्या कारण था? उसकी परेशानी को आप किस तरह तर्कसंगत ठहराएँगे?   उत्तर : दर्जी परेशान था क्योंकि रानी के लिए महँगे सूट सिलाने के पश्चात वह खराब दिखें तो रानी के नाराज होने का भय था। इसके अलावा उसे यह भी चिंता थी कि जहाँ-जहाँ रानी को जाना था उसी देश की परंपरा अनुसार कपड़ों का चुनाव करके उनके पोशाक बनाने थे।      दर्जी की परेशानी बिल्कुल उचित है क्योंकि सिलाई में थोड़ी-सी भी कमी या लापरवाही होने पर उसे ही जिम्मेवार ठहराया जाता अथवा दंडित किया जाता। प्रश्न 3:

अलंकार: भाग 1(शब्दालंकार)

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अलंकार: भाग 1(शब्दालंकार) प्रश्नोत्तर: प्रश्न 1: अलंकार किसे कहते हैं? इसके मुख्यतः कितने भेद हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : काव्य की शोभा या सुंदरता बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते हैं। इसके मुख्यतः दो भेद हैंं --- (क) शब्दालंकार और (ख) अर्थालंकार प्रश्न 2: शब्दालंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण वाक्य अथवा काव्य में आकर्षण अथवा चमत्कार आ जाता है, उसे शब्दालंकार कहते हैं। जैसे: --- र घुपति रा घव रा जा रा म --- काली घटा का घमंड घटा प्रश्न 3: कुछ प्रमुख शब्दालंकारों के नाम लिखिए: उत्तर : कुछ प्रमुख शब्दालंकार हैं: (क) अनुप्रास अलंकार, (ख) यमक अलंकार, (ग) श्लेष अलंकार, (घ) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार (ङ) वक्रोक्ति अलंकार आदि। प्रश्न 4: अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए: उत्तर : जहाँ वर्ण की अथवा व्यंजनों की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न हो, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। जैसे: (क) र घुपति रा घव रा जा रा म  (ख) का नन कुं डल कुं चित के सा (ग) का लिंदी कू ल क दंब की डारन (घ) चा रु चं द्र की चंच ल किरणें ख

रस निष्पत्ति/भाग 1

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 रस निष्पत्ति/भाग 1 प्रश्नोत्तर  प्रश्न 1: रस किसे कहते हैं? उत्तर : काव्य अथवा साहित्य को पढ़ने, सुनने अथवा देखने से जिस आनंद की प्राप्ति होती है, उसे रस कहते हैं। प्रश्न 2: आचार्य भरत मुनि ने रस के विषय में क्या कहा है?  उत्तर: आचार्य भरत मुनि ने रस के विषय में कहा है-- 'विभावानुभावव्यभिचारीसंयोगाद्रसनिष्पत्ति:' अर्थात् विभाव, अनुभव और व्यभिचारी भावों के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। प्रश्न 3: रस के चार मुख्य अवयवों/अंगों के नाम लिखिए: उत्तर : रस के चार प्रमुख अवयव हैं -- (i) स्थायी भाव , (ii) विभाव , (ii) अनुभाव और (iv) संचारी अथवा व्यभिचारी भाव प्रश्न 4: भाव किसे कहते हैं? ये मुख्यत: कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए: उत्तर : मन के विकार अथवा आवेग को भाव कहते हैं। यह मुख्यत: २ ( दो) प्रकार के होते हैं। वे हैं-- (i) स्थायी भाव और (ii) व्यभिचारी या संचारी भाव प्रश्न 5: स्थायी भाव किसे कहते हैं? इनकी संख्या कितनी है? इनके नाम लिखिए: उत्तर : मानव मन में सुषुप्त अवस्था में स्थायी रूप से रहने वाले मनोविकार अथवा भावों को स्थायी भाव कहते हैं। अनुकूल परिस्थितियाँ

पद परिचय/भाग 2

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पद परिचय/भाग 2 प्रश्नोत्तर प्रश्न 1: निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का भेद और उपभेद पहचानिए: (i) मैं दौड़ रहा हूँ।  मैं : सर्वनाम, पुरुषवाचक सर्वनाम  (ii) सचिन पुस्तक पढ़ रहा है। सचिन: संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा (iii) कौन जा रहा है? कौन : सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम (iv) मेरा घर बहुत दूर है। मेरा : विशेषण, सार्वनामिक विशेषण (v) उसने एक लड़ाकू विमान देखा।   देखा : क्रिया, सकर्मक क्रिया (vi) भूषण वीर रस के कवि थे। कवि : संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा  (vii) मैं  दसवीं कक्षा में पढ़ता हूँ। दसवीं: विशेषण, संख्यावाचक विशेषण (viii) वह कल आएगा। कल: क्रियाविशेषण, कालवाचक क्रियाविशेषण (ix) ताजमहल की सुंदरता अत्यंत दर्शनीय है। सुंदरता : संज्ञा, भाववाचक संज्ञा (x) यह मेरा विद्यालय है। यह : सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम (xi) बच्चे रो रहे हैं।  रो रहे हैं: क्रिया, अकर्मक क्रिया (xii) देवी सरस्वती सफेद वस्त्र धारण करती हैं। सफेद : विशेषण, गुणवाचक विशेषण (xiii) मैं स्वयं घटनास्थल पर था। स्वयं: सर्वनाम, निजवाचक सर्वनाम  (xiv) बीमार व्यक्ति थोड़ा भी खा न सका। थोड़ा: क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक